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बिना जमीन-मिट्टी के अब हवा में होगी आलू की खेती, 10 गुना ज्यादा मिलेगी पैदावार - karnal latest news

हरियाणा के किसान अब बिना जमीन, बिना मिट्टी के हवा में आलू उगा (Potato Cultivation In Air In Haryana) सकेंगे. ये सुनकर आपको आश्चर्य तो जरूर हुआ होगा कि हवा में आलू की खेती करना कैसे संभव है, लेकिन ये सच है, और इस तकनीक से 10 गुना ज्यादा पैदावार भी मिलेगी.

Potato Cultivation In Air In Haryana
Potato Cultivation In Air In Haryana
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Published : Dec 18, 2021, 9:53 PM IST

करनाल: किसान अब बिना जमीन बिना मिट्टी के हवा में आलू उगा सकेंगे. ये सुनकर आपको आश्चर्य तो जरूर हुआ होगा कि हवा में आलू की खेती करना क्या संभव है, लेकिन हम आपको बताते हैं कि यह कैसे संभव है. दरअसल यह एक तकनीक के जरिए संभव हो पाया है. इस तकनीक का नाम है एरोपोनिक. इस तकनीक के जरिए बिना जमीन, बिना मिट्टी के हवा में ही आलू उगेंगे और पैदावार भी 10 गुना ज्यादा होगी यानी अब किसान परंपरागत खेती की बजाय एरोपोनिक तकनीक के प्रयोग से कम लागत में आलू की ज्यादा फसल उगाकर ज्यादा मुनाफा कमा सकता है.

हरियाणा के करनाल जिले में स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र (Potato Technology Center Karnal) द्वारा एरोपोनिक तकनीक इजाद की गई है. इस तकनीक की खास बात यह है कि खेती में इस तकनीक से मिट्टी और जमीन की कमी पूरी की जा सकती है. आलू प्रौद्योगिकी सेंटर करनाल का इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर के साथ एमओयू हुआ है. ये एमओयू होने के बाद भारत सरकार द्वारा एरोपोनिक तकनीक से आलू की खेती करने की मंजूरी दी गई थी. इसके साथ ही बागवानी विभाग को इस तकनीक के बारे में सारे किसानों को जागरूक और जानकारी देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. जिसके ऊपर विभाग काम कर रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों तक की तकनीक की जानकारी पहुंचे.

बिना जमीन-मिट्टी के अब हवा में होगी आलू की खेती, 10 गुना ज्यादा मिलेगी पैदावार

ये भी पढ़ें- इन तीन नई तकनीकों को अपनाकर किसान कमा सकते हैं डबल मुनाफा, ऐसे ले सकते हैं लाभ

एरोपोनिक तकनीक (Aeroponics Technology) पर काम कर रहे डॉ. गौरव कुमार ने कहा कि एरोपोनिक तकनीक से किसानों को बहुत फायदा होगा. क्योंकि इससे किसान कम लागत में ही आलू की ज्यादा से ज्यादा पैदावार कर सकते हैं. ज्यादा पैदावार होने से उनकी आमदनी भी बढ़ेगी. डॉक्टर गौरव कुमार ने कहा कि इस पौधे की जो लटकती हुई जुड़े हैं उनके द्वारा ही पौधे को पोषण दिया जाता है जिसके बाद उसने मिट्टी और जमीन की जरूरत नहीं होती.

इस तकनीक से बीज के उत्पादन क्षमता को तीन से चार गुना बढ़ाया जा रहा है. मिट्टी से आलू को बैक्टीरिया के कारण कई बीमारियां हो जाती थी, लेकिन इस विधि के द्वारा आलू की फसल में बीमारी बहुत कम आएंगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा इसमें जो कम जोत के किसान हैं उनको काफी फायदा होने वाला है. इस तकनीक के द्वारा आलू के बीज के उत्पादन की क्षमता को 3 से 4 गुना तक बढ़ाया जा रहा है. इस तकनीक से सिर्फ हरियाणा ही नहीं बल्कि अन्य राज्य के किसानों को भी लाभ पहुंचेगा. इस तरह नई-नई तकनीकों के आने से किसानों को जानकारी होने के साथ-साथ उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी हो रही है.

Potato Cultivation In Air In Haryana
करनाल जिले में स्थित आलू प्रौद्योगिक केंद्र

ये भी पढ़ें- इस तकनीक के जरिए पराली का समाधान कर रहे किसान, साथ में हो रही अच्छी बचत

हरियाणा हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट (Haryana Horticulture Department) के डीजी डॉक्टर अर्जुन सिंह सैनी ने कहा कि यह तकनीक हमारे लिए काफी फायदेमंद हो रही है. इससे आने वाले दिनों में आलू के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी और हमारे किसानों के लिए भी आलू की खेती काफी फायदेमंद बनने जा रही है. हालांकि यह प्रोजेक्ट नया है तो उसमें पैसा भी काफी लगता है. इसलिए हरियाणा बागवानी विभाग ने इसके ऊपर अब 35% सब्सिडी देने शुरू कर दी है ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा इस तकनीक को प्रयोग करें और आलू की खेती करें.

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करनाल: किसान अब बिना जमीन बिना मिट्टी के हवा में आलू उगा सकेंगे. ये सुनकर आपको आश्चर्य तो जरूर हुआ होगा कि हवा में आलू की खेती करना क्या संभव है, लेकिन हम आपको बताते हैं कि यह कैसे संभव है. दरअसल यह एक तकनीक के जरिए संभव हो पाया है. इस तकनीक का नाम है एरोपोनिक. इस तकनीक के जरिए बिना जमीन, बिना मिट्टी के हवा में ही आलू उगेंगे और पैदावार भी 10 गुना ज्यादा होगी यानी अब किसान परंपरागत खेती की बजाय एरोपोनिक तकनीक के प्रयोग से कम लागत में आलू की ज्यादा फसल उगाकर ज्यादा मुनाफा कमा सकता है.

हरियाणा के करनाल जिले में स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र (Potato Technology Center Karnal) द्वारा एरोपोनिक तकनीक इजाद की गई है. इस तकनीक की खास बात यह है कि खेती में इस तकनीक से मिट्टी और जमीन की कमी पूरी की जा सकती है. आलू प्रौद्योगिकी सेंटर करनाल का इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर के साथ एमओयू हुआ है. ये एमओयू होने के बाद भारत सरकार द्वारा एरोपोनिक तकनीक से आलू की खेती करने की मंजूरी दी गई थी. इसके साथ ही बागवानी विभाग को इस तकनीक के बारे में सारे किसानों को जागरूक और जानकारी देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. जिसके ऊपर विभाग काम कर रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों तक की तकनीक की जानकारी पहुंचे.

बिना जमीन-मिट्टी के अब हवा में होगी आलू की खेती, 10 गुना ज्यादा मिलेगी पैदावार

ये भी पढ़ें- इन तीन नई तकनीकों को अपनाकर किसान कमा सकते हैं डबल मुनाफा, ऐसे ले सकते हैं लाभ

एरोपोनिक तकनीक (Aeroponics Technology) पर काम कर रहे डॉ. गौरव कुमार ने कहा कि एरोपोनिक तकनीक से किसानों को बहुत फायदा होगा. क्योंकि इससे किसान कम लागत में ही आलू की ज्यादा से ज्यादा पैदावार कर सकते हैं. ज्यादा पैदावार होने से उनकी आमदनी भी बढ़ेगी. डॉक्टर गौरव कुमार ने कहा कि इस पौधे की जो लटकती हुई जुड़े हैं उनके द्वारा ही पौधे को पोषण दिया जाता है जिसके बाद उसने मिट्टी और जमीन की जरूरत नहीं होती.

इस तकनीक से बीज के उत्पादन क्षमता को तीन से चार गुना बढ़ाया जा रहा है. मिट्टी से आलू को बैक्टीरिया के कारण कई बीमारियां हो जाती थी, लेकिन इस विधि के द्वारा आलू की फसल में बीमारी बहुत कम आएंगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा इसमें जो कम जोत के किसान हैं उनको काफी फायदा होने वाला है. इस तकनीक के द्वारा आलू के बीज के उत्पादन की क्षमता को 3 से 4 गुना तक बढ़ाया जा रहा है. इस तकनीक से सिर्फ हरियाणा ही नहीं बल्कि अन्य राज्य के किसानों को भी लाभ पहुंचेगा. इस तरह नई-नई तकनीकों के आने से किसानों को जानकारी होने के साथ-साथ उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी हो रही है.

Potato Cultivation In Air In Haryana
करनाल जिले में स्थित आलू प्रौद्योगिक केंद्र

ये भी पढ़ें- इस तकनीक के जरिए पराली का समाधान कर रहे किसान, साथ में हो रही अच्छी बचत

हरियाणा हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट (Haryana Horticulture Department) के डीजी डॉक्टर अर्जुन सिंह सैनी ने कहा कि यह तकनीक हमारे लिए काफी फायदेमंद हो रही है. इससे आने वाले दिनों में आलू के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी और हमारे किसानों के लिए भी आलू की खेती काफी फायदेमंद बनने जा रही है. हालांकि यह प्रोजेक्ट नया है तो उसमें पैसा भी काफी लगता है. इसलिए हरियाणा बागवानी विभाग ने इसके ऊपर अब 35% सब्सिडी देने शुरू कर दी है ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा इस तकनीक को प्रयोग करें और आलू की खेती करें.

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