करनाल: जिले में एनओसी और अवैध कॉलोनियों में तोड़फोड़ के नाम पर चल रही पैसे की वसूली के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. विजिलेंस टीम ने भ्रष्टाचार के एक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पहले डीटीपी को गिरफ्तार किया फिर सोमवार को करनाल के तहसीलदार राजबक्ष सिंह को गिरफ्तार (karnal tehsildar arrest) किया था. वहीं अगले दिन नगर निगम के SE दीपक किंगर और उसके असिस्टेंट विकास को गिरफ्तार (karnal SE arrest) किया गया था. जिसके बाद से नगर तहसील कार्यालय और पटवारी के दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ है. राजस्व अधिकारी और कर्मचारी दफ्तर से नदारद हैं.
पटवारी कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है. कार्यालय में कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं लोगों ने सरकार से व्यवस्था बनाने की अपील की है. लोगों का कहना है कि घूसखोर तहसीलदार की गिरफ्तारी के बाद से पटवार खाने के सभी कमरों पर ताले लटके हुए हैं और कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है. लोगों ने कहा रिश्वतखोरी मामले में विजिलेंस द्वारा बड़े मगरमच्छ पकड़े गए हैं किंतु छोटी मछलियां अभी बाहर हैं जो कि पटवार खाने से नदारद हैं, मुख्यमंत्री इनका भी इलाज करें.
बता दें कि विजिलेंस ने पिछले दिनों नगर निगम के डीटीपी विक्रम कुमार को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उनके पास से 78 लाख रुपये से अधिक की नकदी व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए थे. मामले में कार्रवाई करते हुए विजिलेंस विभाग की टीम ने सोमवार को पूछताछ के आधार पर करनाल के तहसीलदार को भी गिरफ्तार किया था.
वहीं करनाल पुलिस ने प्रॉपर्टी भ्रष्टाचार के मामले में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर निगम करनाल के एसई और उसके असिस्टेंट को भी गिरफ्तार कर लिया. गौरतलब है कि एसई दीपक किंगर का पहले भी रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद दीपक और उसके पीए को सस्पेंड कर दिया गया था. फिर पुलिस ने मंगलवार को नगर निगम के SE दीपक किंगर और उसके असिस्टेंट विकास को गिरफ्तार कर लिया.
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