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Paddy soaked in grain markets: भारी भरकम MEP से एक्सपोर्ट प्रभाव‍ित होने से मार्केट में मंदी, आढ़ती और किसान परेशान - बासमती धान एक्सपोर्ट

Paddy soaked in grain markets in Karnal district हरियाणा में पिछले दिनों बेमौसम बारिश के कारण कई जगहों पर अनाज मंडियों में अनाज भीगने से किसान और आढ़ती परेशान हैं. वहीं, एमईपी (न्यूनतम निर्यात मूल्य minimum export price) से एक्सपोर्ट प्रभाव‍ित होने से मार्केंट में मंदी है, जिसके चलते आढ़ती और किसान परेशान हैं. (Government procurement of paddy in Haryana Export affected by MEP)

Paddy soaked in grain markets in Karnal district
अनाज मंडी में अनाज भीगने से किसान परेशान
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 19, 2023, 12:16 PM IST

Updated : Oct 19, 2023, 1:04 PM IST

एमईपी से एक्सपोर्ट प्रभाव‍ित होने से मार्केट में मंदी

करनाल: पिछले दिनों हुई बारिश के कारण करनाल जिले की अनाज मंडियों में लाखों रुपये का धान गीला हो गया. बारिश को लेकर पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण धान की कई बोरियां भीग गईं. इस बदइंतजामी से बाजार समितियों द्वारा की गई खरीद व्यवस्था की पोल खुल गई है. बोरियों के भीगने से किसानों ने भारी नुकसान की आशंका जताई है. दूसरी ओर भारी भरकम एमईपी से एक्सपोर्ट प्रभाव‍ित होने से मार्केट में मंदी से आढ़ती ओर किसान परेशान.

धान भीगने के चलते रेट अच्छा नहीं मिलने से किसान परेशान: किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश से अनाज मंडियों में पड़े धान के ढेर भीग गए. इस बारिश से कटाई का मौसम भी प्रभावित हुआ है. किसानों का कहना है कि बारिश से फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है. दरअसल किसान अपने अनाज को बेचने के लिए अनाज मंडियों में डेरा डाले हुए हैं, लेकिन बारिश के कारण धान की खरीद नहीं हो पाई है. वहीं मंडियों में बदइंतजामी को लेकर किसानों काफी परेशान हैं. किसानों का कहना है कि धान गीला होने से रेट अच्छा नहीं मिल रहा है. धान को बारिश से बचाने के लिए यहां तिरपाल बहुत कम हैं इसलिए हमारा धान भीग रहा है.

Paddy soaked in grain markets in Karnal district
अनाज मंडियों में लाखों रुपये का धान हुआ गीला

अनाज मंडियों में व्यवस्था सही नहीं होने से किसान परेशान: बता दें कि करनाल में पिछले दिनों से हल्की बूंदाबांदी के साथ रविवार को जिले में जोरदार बारिश हुई. जिसकी वजह से जिले की अनाज मंडियों में पानी भर गया. कई किसानों को अपने घर से ही प्लास्टिक की चादर लानी पड़ी. क्योंकि आढ़ती और अधिकारी हमें चादर उपलब्ध नहीं करा रहे थे.

Paddy soaked in grain markets in Karnal district
बोरियों के भीगने से किसानों ने भारी नुकसान.

ये भी पढ़ें: How to do Green Peas Farming : मटर की खेती से कैसे बनेंगे मालामाल, जानिए सबकुछ

भारी भरकम एमईपी से एक्सपोर्ट प्रभाव‍ित: वहीं, आढ़तियों ने कहा कि एक्सपोर्टस की हड़ताल के चलते मार्केट में मंदी है. केंद्र सरकार ने एक फैसला लेते हुए बासमती चावल का न्यूनतम मूल्य अगले आदेश तक 1,200 डॉलर प्रति टन ही जारी रखने का फैसला किया है. जबकि, 25 स‍ितंबर को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ ऑनलाइन मीट‍िंग के बाद अब तक एक्सपोर्टर इसे 850 से 900 डॉलर प्रति टन होने की उम्मीद पाले बैठे थे. एक्सपोर्टर्स के अनुसार इतनी भारी भरकम एमईपी से एक्सपोर्ट प्रभावित हो रहा है. एक्सपोर्टरों का कहना है कि पाकिस्तान हमारा बाजार बिगाड़ रहा है, क्योंकि उसका बासमती चावल सस्ता है. आढ़तियों ने कहा कि सरकार इसका कोई समाधान जल्द करे ताकि मंदी के दौर से उबरा जा सके.

Paddy soaked in grain markets in Karnal district
भारी भरकम एमईपी से एक्सपोर्ट प्रभाव‍ित होने से मार्केट में मंदी

11 लाख 80 हजार क्विंटल धान की खरीद: करनाल मंडी सचिव के मुताबिक विभिन्न एजेंसियों ने अब तक 11 लाख 80 हजार क्विंटल धान की खरीद की है. बिजली पानी की व्यवस्था पर्याप्त है. बारिश होने से आढ़तियों को तिरपाल से जीरी को पर्याप्त ढकने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि किसी भी किसान द्वारा धान की खरीद और उठान को लेकर शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है.

Paddy soaked in grain markets in sonipat district
सोनीपत में चार दिन से धान खरीद नहीं होने से किसान परेशान.

ये भी पढ़ें: Paddy Procurement In Karnal Mandi 2023: करनाल मंडी में पीआर किस्मों का रेट मिल रहा है कम,दूसरी किस्मों का भरपूर रेट, 70 फीसदी धान के उठान का काम हुआ पूरा

सोनीपत में चार दिन से धान खरीद नहीं होने से किसान परेशान: धान की ढेरियां मंडियों में पड़ी है. वहीं, धान खरीद नहीं होने के कारण किसान परेशान हो चुके हैं. ऐसे में परेशान किसानों ने मंगलवार को गन्नौर अनाज मंडी के में गेट पर ताला लगा दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों का कहना है कि धान की कटाई हो चुकी है. अब सरसों और गेहूं की बिजाई के लिए पैसों की जरूरत है, लेकिन धान की खरीद नहीं होने से किसान परेशान हो चुके हैं. धान खरीद नहीं होने से मंडी के मजदूरों पर भी आर्थिक संकट का खतरा बना हुआ है.


ये भी पढ़ें: Super Seeder Machine: किसानों के लिए वरदान से कम नहीं सुपर सीडर मशीन, पैसा और समय दोनों की होती है बचत, जानें कैसे करती है काम

एमईपी से एक्सपोर्ट प्रभाव‍ित होने से मार्केट में मंदी

करनाल: पिछले दिनों हुई बारिश के कारण करनाल जिले की अनाज मंडियों में लाखों रुपये का धान गीला हो गया. बारिश को लेकर पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण धान की कई बोरियां भीग गईं. इस बदइंतजामी से बाजार समितियों द्वारा की गई खरीद व्यवस्था की पोल खुल गई है. बोरियों के भीगने से किसानों ने भारी नुकसान की आशंका जताई है. दूसरी ओर भारी भरकम एमईपी से एक्सपोर्ट प्रभाव‍ित होने से मार्केट में मंदी से आढ़ती ओर किसान परेशान.

धान भीगने के चलते रेट अच्छा नहीं मिलने से किसान परेशान: किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश से अनाज मंडियों में पड़े धान के ढेर भीग गए. इस बारिश से कटाई का मौसम भी प्रभावित हुआ है. किसानों का कहना है कि बारिश से फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है. दरअसल किसान अपने अनाज को बेचने के लिए अनाज मंडियों में डेरा डाले हुए हैं, लेकिन बारिश के कारण धान की खरीद नहीं हो पाई है. वहीं मंडियों में बदइंतजामी को लेकर किसानों काफी परेशान हैं. किसानों का कहना है कि धान गीला होने से रेट अच्छा नहीं मिल रहा है. धान को बारिश से बचाने के लिए यहां तिरपाल बहुत कम हैं इसलिए हमारा धान भीग रहा है.

Paddy soaked in grain markets in Karnal district
अनाज मंडियों में लाखों रुपये का धान हुआ गीला

अनाज मंडियों में व्यवस्था सही नहीं होने से किसान परेशान: बता दें कि करनाल में पिछले दिनों से हल्की बूंदाबांदी के साथ रविवार को जिले में जोरदार बारिश हुई. जिसकी वजह से जिले की अनाज मंडियों में पानी भर गया. कई किसानों को अपने घर से ही प्लास्टिक की चादर लानी पड़ी. क्योंकि आढ़ती और अधिकारी हमें चादर उपलब्ध नहीं करा रहे थे.

Paddy soaked in grain markets in Karnal district
बोरियों के भीगने से किसानों ने भारी नुकसान.

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भारी भरकम एमईपी से एक्सपोर्ट प्रभाव‍ित: वहीं, आढ़तियों ने कहा कि एक्सपोर्टस की हड़ताल के चलते मार्केट में मंदी है. केंद्र सरकार ने एक फैसला लेते हुए बासमती चावल का न्यूनतम मूल्य अगले आदेश तक 1,200 डॉलर प्रति टन ही जारी रखने का फैसला किया है. जबकि, 25 स‍ितंबर को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ ऑनलाइन मीट‍िंग के बाद अब तक एक्सपोर्टर इसे 850 से 900 डॉलर प्रति टन होने की उम्मीद पाले बैठे थे. एक्सपोर्टर्स के अनुसार इतनी भारी भरकम एमईपी से एक्सपोर्ट प्रभावित हो रहा है. एक्सपोर्टरों का कहना है कि पाकिस्तान हमारा बाजार बिगाड़ रहा है, क्योंकि उसका बासमती चावल सस्ता है. आढ़तियों ने कहा कि सरकार इसका कोई समाधान जल्द करे ताकि मंदी के दौर से उबरा जा सके.

Paddy soaked in grain markets in Karnal district
भारी भरकम एमईपी से एक्सपोर्ट प्रभाव‍ित होने से मार्केट में मंदी

11 लाख 80 हजार क्विंटल धान की खरीद: करनाल मंडी सचिव के मुताबिक विभिन्न एजेंसियों ने अब तक 11 लाख 80 हजार क्विंटल धान की खरीद की है. बिजली पानी की व्यवस्था पर्याप्त है. बारिश होने से आढ़तियों को तिरपाल से जीरी को पर्याप्त ढकने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि किसी भी किसान द्वारा धान की खरीद और उठान को लेकर शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है.

Paddy soaked in grain markets in sonipat district
सोनीपत में चार दिन से धान खरीद नहीं होने से किसान परेशान.

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सोनीपत में चार दिन से धान खरीद नहीं होने से किसान परेशान: धान की ढेरियां मंडियों में पड़ी है. वहीं, धान खरीद नहीं होने के कारण किसान परेशान हो चुके हैं. ऐसे में परेशान किसानों ने मंगलवार को गन्नौर अनाज मंडी के में गेट पर ताला लगा दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों का कहना है कि धान की कटाई हो चुकी है. अब सरसों और गेहूं की बिजाई के लिए पैसों की जरूरत है, लेकिन धान की खरीद नहीं होने से किसान परेशान हो चुके हैं. धान खरीद नहीं होने से मंडी के मजदूरों पर भी आर्थिक संकट का खतरा बना हुआ है.


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Last Updated : Oct 19, 2023, 1:04 PM IST
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