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करनाल की मंडियों में नहीं खरीदा जायेगा यूपी और दूसरे दूसरे जिलों का धान, डीसी का आदेश

करनाल के उपायुक्त अनीश यादव (Karnal DC Anish Yadav) ने सख्ती से आदेश दिया है कि जिले की मंडियों में उत्तर प्रदेश और दूसरे जिलों का धान नहीं खरीदा जाएगा. डीसी ने इसके लिए कृषि विभाग से एक टीम बनाकर वेरिफिकेशन कराने का आदेश दिया है. डीसी ने इस खेल में कुछ आढ़तियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई और क्षेत्रीय प्रशासक को निर्देश दिए हैं कि गड़बड़ी करने वाले आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई करें.

Paddy Procurement in Karnal
Paddy Procurement in Karnal
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Published : Oct 28, 2022, 11:59 AM IST

Updated : Oct 28, 2022, 1:01 PM IST

करनाल: पिछले काफी समय से करनाल की अनाज मंडी (Paddy Purchase in Karnal Market) में यूपी से भारी मात्रा में धान पहुंच रहा था. डीसी ने कहा कि करनाल जिले के जो किसान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर पंजीकृत हैं, पूरी वेरीफिकेशन के बाद उन्हीं का गेट पास कटेगा और तसल्ली होने पर ही धान खरीदा जाएगा. जो सचिव जिले से बाहर की मण्डी का धान खरीदेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. शुक्रवार को एक मीटिंग में उपायुक्त अनीश यादव ने खरीद एजेंसियों के सभी अधिकारी और मण्डी सचिवों को यह हिदायत दी.

उपायुक्त ने बताया कि यूपी से आने वाले धान को रोकने के लिए बॉर्डर पर नाके लगाएंगे. मीटिंग में उपायुक्त ने एक-एक सचिव से उनके अधीन मंडियों में मौजूद और अनसोल्ड धान की रिपोर्ट ली और पूछा कहां से आया ये धान. उन्होंने कहा कि करनाल जिले में आमद का काम लगभग पूरा हो चुका है. अब जो धान है, वो कहां से आया, इसकी पूरी वैरीफिकेशन करने के बाद ही गेट पास कटेंगे.

करनाल मंडी में धान वेरीफिकेशन
करनाल मंडी में धान वेरीफिकेशन का आदेश.

करनाल मंडी में धान वेरीफिकेशन (Paddy Verification in Karnal Mandi) के लिए उन्होंने मीटिंग में मौजूद कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि टीमें बना लें, जिसमें मार्किट कमेटी का कर्मचारी भी हो और दो दिन के अंदर-अंदर सभी मंडियो में जाकर वेरीफिकेशन की रिपोर्ट दें. वेरीफिकेशन में मालूम करें कि मंडियों में मौजूद धान में से करनाल जिले का कितना धान है. इसके लिए चाहे खेत में जाकर भी चेक करना पड़े तो करें. जो थोड़ा-बहुत धान इस जिले के किसानों का होगा, उसी को खरीदने के लिए मंजूरी दी जायेगी.

डीसी ने सचिवों से कहा कि मंडियों में मौजूद धान की वेरीफिकेशन में पता चल जाएगा कि यह किस किसान का है और वो कहां का है. उन्होंने इस खेल में कुछ आढ़तियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई और क्षेत्रीय प्रशासक डॉ. सुशील मलिक को निर्देश दिए कि गड़बड़ी करने वाले आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई करें. मीटिंग में उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि मंडियों में आमद का काम लगभग पूरा हो चुका है. सरकारी रेट पर बाहर का धान नहीं खरीदा जाएगा.

मीटिंग में जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अनिल कुमार ने उपायुक्त को बताया कि मंडियो में अब तक 10 लाख 53 हजार 364 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है. इसमें से 10 लाख 8 हजाार 11 मीट्रिक टन यानि 97 प्रतिशत की लिफ्टिंग भी हो चुकी है. डीएफएससी ने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 6 लाख 11 हजार 390 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 2 लाख 31 हजार 262 मीट्रिक टन तथा वेयर हाऊसिंग कॉर्पोरेशन द्वारा 2 लाख 10 हजार 712 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है.

करनाल: पिछले काफी समय से करनाल की अनाज मंडी (Paddy Purchase in Karnal Market) में यूपी से भारी मात्रा में धान पहुंच रहा था. डीसी ने कहा कि करनाल जिले के जो किसान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर पंजीकृत हैं, पूरी वेरीफिकेशन के बाद उन्हीं का गेट पास कटेगा और तसल्ली होने पर ही धान खरीदा जाएगा. जो सचिव जिले से बाहर की मण्डी का धान खरीदेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. शुक्रवार को एक मीटिंग में उपायुक्त अनीश यादव ने खरीद एजेंसियों के सभी अधिकारी और मण्डी सचिवों को यह हिदायत दी.

उपायुक्त ने बताया कि यूपी से आने वाले धान को रोकने के लिए बॉर्डर पर नाके लगाएंगे. मीटिंग में उपायुक्त ने एक-एक सचिव से उनके अधीन मंडियों में मौजूद और अनसोल्ड धान की रिपोर्ट ली और पूछा कहां से आया ये धान. उन्होंने कहा कि करनाल जिले में आमद का काम लगभग पूरा हो चुका है. अब जो धान है, वो कहां से आया, इसकी पूरी वैरीफिकेशन करने के बाद ही गेट पास कटेंगे.

करनाल मंडी में धान वेरीफिकेशन
करनाल मंडी में धान वेरीफिकेशन का आदेश.

करनाल मंडी में धान वेरीफिकेशन (Paddy Verification in Karnal Mandi) के लिए उन्होंने मीटिंग में मौजूद कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि टीमें बना लें, जिसमें मार्किट कमेटी का कर्मचारी भी हो और दो दिन के अंदर-अंदर सभी मंडियो में जाकर वेरीफिकेशन की रिपोर्ट दें. वेरीफिकेशन में मालूम करें कि मंडियों में मौजूद धान में से करनाल जिले का कितना धान है. इसके लिए चाहे खेत में जाकर भी चेक करना पड़े तो करें. जो थोड़ा-बहुत धान इस जिले के किसानों का होगा, उसी को खरीदने के लिए मंजूरी दी जायेगी.

डीसी ने सचिवों से कहा कि मंडियों में मौजूद धान की वेरीफिकेशन में पता चल जाएगा कि यह किस किसान का है और वो कहां का है. उन्होंने इस खेल में कुछ आढ़तियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई और क्षेत्रीय प्रशासक डॉ. सुशील मलिक को निर्देश दिए कि गड़बड़ी करने वाले आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई करें. मीटिंग में उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि मंडियों में आमद का काम लगभग पूरा हो चुका है. सरकारी रेट पर बाहर का धान नहीं खरीदा जाएगा.

मीटिंग में जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अनिल कुमार ने उपायुक्त को बताया कि मंडियो में अब तक 10 लाख 53 हजार 364 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है. इसमें से 10 लाख 8 हजाार 11 मीट्रिक टन यानि 97 प्रतिशत की लिफ्टिंग भी हो चुकी है. डीएफएससी ने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 6 लाख 11 हजार 390 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 2 लाख 31 हजार 262 मीट्रिक टन तथा वेयर हाऊसिंग कॉर्पोरेशन द्वारा 2 लाख 10 हजार 712 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है.

Last Updated : Oct 28, 2022, 1:01 PM IST
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