करनाल: समय से पहले तैयार धान को लेकर किसान अनाज मंडी में पहुंचने लगे हैं. लेकिन, सरकारी खरीद न होने से किसानों में रोष है. किसानों को मौसम के खराब होने का भी भय है. वहीं, अनाज मंडी में अब पीआर धान की आवक भी शुरू हो गई है. हालांकि अभी तक सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. किसानों से प्राइवेट सप्लायर्स ही धान खरीद रहे हैं. प्राइवेट सप्लायर को धान की फसल बेचने पर किसानों का काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
अनाज मंडी बदहाल, किसान परेशान: किसानों ने बताया कि सरकारी भाव अभी निर्धारित नहीं हुआ. लेकिन, प्राइवेट सप्लायर्स किसानों से 1900 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीद रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर धान के सीजन में करनाल अनाज मंडी के हालातों ने सीजन के लिए किए गए प्रबंधों की पोल खोल दी है. पानी की निकासी नहीं होने के कारण बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है. वहीं, मंडी में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है. मंडी में अव्यवस्था के चलते किसानों ने मंडी प्रशासन से दुरुस्त करने के मांग की.
धान का सीजन शुरू: अनाज मंडी में धान का सीजन शुरू हो गया है. रोजाना बड़ी संख्या में किसान अपनी फसल लेकर मंडी पहुंच रहे हैं. सीजन की तैयारियों को लेकर मार्केटिंग बोर्ड फेल नजर आ रहा है. मंडी आढ़तियों, किसानों का आरोप है कि सीजन को लेकर मंडी में कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं. मंडी की सड़कों में कई फीट गहरे गड्ढे हैं. टूटी हुई सड़कों की रिपेयर नहीं होने के कारण हादसे का डर बना हुआ है.
मंडी में पानी की निकासी ठप!: वहीं, बीते काफी समय से मंडी में सफाई नहीं हुई लिहाजा जगह-जगह पर गंदगी फैली हुई है. किसानों को फसल उतारने के लिए साफ जगह नहीं मिलती. आढ़तियों का आरोप है कि मंडी से पानी की निकासी ठप है, जिससे सड़कें जोहड़ में बदल चुकी है. मंडी की सड़कों पर जमा पानी से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है. शिकायत के बावजूद मार्केट कमेटी व्यवस्था सुधार पर कोई ध्यान नहीं दे रही.
मंडी में अभी प्राइवेट में हो रही धान की बिक्री: किसानों का कहना है कि 'हम अपनी धान की फसल को लेकर मंडी में तो पहुंच गए हैं, लेकिन वहां पर खरीद नहीं हो रही है. अगर हो भी रही है तो वो भी प्राइवेट में हो रही है, जिससे काफी नुकसान हो रहा है. सरकारी खरीद शुरू न होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि अच्छी बरसात होने के चलते धान की फसल समय से पहले पक कर तैयार हो चुकी है और मंडी में पहुंच भी रही है.'
किसानों की मांग: 1509 धान की फसल की प्राइवेट खरीद हो रही है, उसके रेट से किसान परेशान भी हैं. इसके साथ पीआर धान की आवक भी शुरू हो गई है. किसानों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द सरकारी खरीद को शुरू करवाए अन्यथा कहीं मौसम खराब हो गया तो फसल खराब हो सकती है. किसानों का कहना है कि फसल खेतों में पक कर तैयार हो चुकी है. वे ज्यादा समय तक खेतों में फसलों को रोक कर नहीं रख सकते.
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क्या कहते हैं मंडी के आढ़ती?: वहीं, मंडी आढ़तियों का कहना है कि 'जिला करनाल की सबसे बड़ी मंडी प्रशासन की अनदेखी का शिकार हो रही है. मंडी में सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे, चारों तरफ फैली गंदगी और जगह-जगह पर ट्रकों की भरमार है. मंडी में अवस्थाओं का आलम है, जिसके कारण कोई भी दुर्घटना होने में देर नहीं लगेगी. इन तमाम अवस्थाओं के लिए मंडी प्रशासन जिम्मेदार रहेगा.' उन्होंने बताया कि धान अभी 1750 से 1800 रुपये में बिक रहे है, जिसके कारण किसान परेशान हैं.
धान सीजन को देखते हुए मंडी की सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है. अधीक्षक अभियंता मार्केटिंग बोर्ड द्वारा मंडी की सड़कों का पैच लगाने का काम जारी है. 1509 धान की आवक जारी है, जिसका रेट 2600 से लेकर 3550 के बीच में है. अभी तक 1509 धान की आवक 10 लाख 40 हजार क्विंटल हो चुकी है, जबकि पिछले साल अभी तक 1509 धान की आवक 26 लाख 55 हजार क्विंटल हुई थी. पीआर धान की आवक अभी बहुत ही कम है. जिसका रेट 1825 से 1950 का है जो अभी प्राइवेट ही बिका है. प्राइवेट खरीद में बारदाना व्यापारी या खरीदार खुद लेकर आता है और सरकारी खरीद में संबंधित एजेंसियां समय रहते बारदाने का इंतजाम करती हैं. - भगवान मुदगिल, मंडी सेक्रेटरी
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