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करनाल में ओवरलोडेड ऑटो का आतंक, एक हादसा कहीं बुझा न दे घर का चिराग! - karnal news

करनाल के ऑटो चालक इन दिनों बिना किसी डर के अपने ऑटो में 15-15 बच्चे बैठा रहे हैं. ऑटो चालकों के इस रवैये से किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इस बारे में न तो प्रशासन सतर्क है, न स्कूल प्रबंधन और न ही परिजन.

ऑटो चालक
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Published : Sep 22, 2019, 11:41 AM IST

करनाल: सरकार ने भले ही यातायात नियम सख्त कर दिए हों, लेकिन जमीनी हकीकत अभी भी नहीं बदली है. करनाल में ऑटो चालक छोटे-छोटे बच्चों की जिंदगी से खेल रहे हैं. ऑटो चालक स्कूली बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने का काम तो कर रहे हैं, लेकिन कैसे ये गौर करने वाली बात है.

जोखिम में है बच्चों की जान
एक ऑटो जिसमें ज्यादा से ज्यादा 8 सवारी बैठ सकती है, उस ऑटो में 12-15 बच्चों को बिठाया जा रहा है. दरअसल अभिभावक भी सुरक्षित सफर के लिए चालक के मन मुताबिक पैसा देता है, लेकिन चालक सुरक्षा न के बराबर दे रहे हैं. इस सफर के दौरान बच्चे मस्ती करते हुए जाते हैं बावजूद इसके ऑटो चालक डांटता तक नहीं है, जिससे सड़क के गड्ढों में बच्चों के गिरने की संभावना बनी रहती है.

करनाल में ओवरलोडेड ऑटो का आतंक, देखें ये रिपोर्ट

हादसा हुआ तो कौन जिम्मेदार?
वहीं स्कूल प्रबंधन भी इन ऑटो चालकों से ज्यादा मतलब नहीं रखते हैं. प्रबंधन के पास न तो चालकों का रिकॉर्ड है न ही उनके सबंध में कोई जानकारी है. ऐसे में यदि कोई दुर्घटना होती है तो इसका कोन जिम्मेदार होगा. यहीं नही परिवहन विभाग और पुलिस के अफसर भी प्रबंधन की तरह लापरवाह बने हैं जबकि ऐसे ऑटो चालकों पर विभागीय अफसरों को कार्रवाई करनी चाहिए.

ओवर लोडिंग पर करेंगे कार्रवाई- पुलिस
जब हमने इस बारे में करनाल डीएसपी राजीव कुमार से बात की तो उन्होंने बताया की नए मोटर एक्ट रूल के मुताबिक जुर्माने की राशि पांच से सौ गुणा तक बढ़ा दी है. अभी काफी लोगों को अवेयर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमारा एक जागरुकता अभियान भी चल रहा है. जिसमें स्कूल-कॉलेजों और पब्लिक प्लेस पर भी जा कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अगर कोई भी ट्रैफिक के नियमों का पालन नहीं करेगा या ओवरलोडिंग करेगा तो उसके खिलफ सख्त करवाई की जाएगी. जो स्कूलो की कमेटी होती हे उनसे भी इस बारे में बात करेंगे तकि सभी ऑटो और वैन चालक ट्रैफिक के नियमों का पालन करें.

ये भी पढें- चंडीगढ़: अपने आप चलने लगी व्हील चेयर! विश्वास न हो तो देख लें वीडियो

करनाल: सरकार ने भले ही यातायात नियम सख्त कर दिए हों, लेकिन जमीनी हकीकत अभी भी नहीं बदली है. करनाल में ऑटो चालक छोटे-छोटे बच्चों की जिंदगी से खेल रहे हैं. ऑटो चालक स्कूली बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने का काम तो कर रहे हैं, लेकिन कैसे ये गौर करने वाली बात है.

जोखिम में है बच्चों की जान
एक ऑटो जिसमें ज्यादा से ज्यादा 8 सवारी बैठ सकती है, उस ऑटो में 12-15 बच्चों को बिठाया जा रहा है. दरअसल अभिभावक भी सुरक्षित सफर के लिए चालक के मन मुताबिक पैसा देता है, लेकिन चालक सुरक्षा न के बराबर दे रहे हैं. इस सफर के दौरान बच्चे मस्ती करते हुए जाते हैं बावजूद इसके ऑटो चालक डांटता तक नहीं है, जिससे सड़क के गड्ढों में बच्चों के गिरने की संभावना बनी रहती है.

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हादसा हुआ तो कौन जिम्मेदार?
वहीं स्कूल प्रबंधन भी इन ऑटो चालकों से ज्यादा मतलब नहीं रखते हैं. प्रबंधन के पास न तो चालकों का रिकॉर्ड है न ही उनके सबंध में कोई जानकारी है. ऐसे में यदि कोई दुर्घटना होती है तो इसका कोन जिम्मेदार होगा. यहीं नही परिवहन विभाग और पुलिस के अफसर भी प्रबंधन की तरह लापरवाह बने हैं जबकि ऐसे ऑटो चालकों पर विभागीय अफसरों को कार्रवाई करनी चाहिए.

ओवर लोडिंग पर करेंगे कार्रवाई- पुलिस
जब हमने इस बारे में करनाल डीएसपी राजीव कुमार से बात की तो उन्होंने बताया की नए मोटर एक्ट रूल के मुताबिक जुर्माने की राशि पांच से सौ गुणा तक बढ़ा दी है. अभी काफी लोगों को अवेयर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमारा एक जागरुकता अभियान भी चल रहा है. जिसमें स्कूल-कॉलेजों और पब्लिक प्लेस पर भी जा कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अगर कोई भी ट्रैफिक के नियमों का पालन नहीं करेगा या ओवरलोडिंग करेगा तो उसके खिलफ सख्त करवाई की जाएगी. जो स्कूलो की कमेटी होती हे उनसे भी इस बारे में बात करेंगे तकि सभी ऑटो और वैन चालक ट्रैफिक के नियमों का पालन करें.

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Intro:भले ही यातायात के नियम सरकार ने सख्त किये हो लेकिन आज भी स्कूल प्रबंधन लापरवाह , ऑटो चालक क्षमता से अधिक बच्चों को बिठा रहे अपनी गाड़ियों में ,रिक्शा,टेम्पो,मैक्सी कैब में ठुस ठुस कर ले जा रहे मासूम छात्र-छात्राएं को चालक, प्रबंधन के पास ना तो चालकों का रिकॉर्ड ,नाही कोई संबंध,अभिभावकों की जागरूकता की कमी के कारण वाहन चालक उठा रहे हैं फायदा। 

Body:ऑटो चालक भी क्षमता से अधिक बच्चों को बिठाकर स्कूल से घर और घर से स्कूल ले रहे हैं। जिससे बच्चों की सुरक्षा के साथ खतरा हमेशा बना रहता है। दरअसल अभिभावक भी सुरक्षित सफर के लिए चालक के मन मुताबिक पैसा देता है लेकिन चालक सुरक्षा न के बराबर दे रहे हैं। इस सफर के दौरान बच्चे मस्ती करते हुए जाते हैं बावजूद इसके ऑटो चालक डांटता तक नहीं है, जिससे सड़क के गड्ढों में बच्चों के गिरने की संभावना बनी रहती है।वहीं स्कूल प्रबंधन भी इन ऑटाे चालकाें से ज्यादा मतलब नहीं रखते हैं। प्रबंधन के पास न तो चालकों का रिकार्ड है। न ही उनके सबंध में कोई जानकारी है। ऐसे में यदि काेई घटना दुर्घटना होती है तो इसका कोन जिम्मेदार होगा। यहीं नही परिवहन विभाग और पुलिस के अफसर भी प्रबंधन की तरह लापरवाह बने हैं जबकि ऐसे आटो चालकों पर विभागीय अफसरों को कार्रवाई करनी चाहिए। शहर में संचालित निजी स्कूलों के द्वारा बच्चों को लाने ले जाने के लिए बस, ऑटो, मैजिक में सुरक्षा की उचित व्यवस्था न होने से नौनिहालों को जान का खतरा बना रहता है। विभागीय अधिकारियों को नियमित कार्रवाई न होने के कारण इन ऑटो चालक और बस संचालकों के हौंसले बुलंद बने हुए हैं। यदि नियमित रूप से कार्रवाई हो तो सुविधा मे सुधार किया जा सकता है वहीं बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहतर इंतजाम किए जा सकते हैं।

क्या कभी प्रशासन द्वारा ऐसे थ्री वीलर,टेम्पो,मैक्सी कैब के दस्तावेजों को जांचा, क्या चालक का वेरिफिकेशन,एक ओर विभागीय अफसरों ने अभी तक इन वाहन व चालकों के दस्तावेजों को जांचने की जहमत उठाई और ना चालक का वेरिफिकेशन करवाया है। ऐस में यदि कोई घटना दुर्घटना होती है तो उसका जिम्मेदार कोन होगा। कई बार तो स्कूल संचालकों को भी आटो चालक के बारे में जानकारी नहीं होती है। घटना के बाद कार्रवाई के दौरान हाथ खड़े कर देते हैं जिससे आरोपियों का फायदा मिल जाता है। वही अभिभावकों को भी ऑटो चालक का मोबाइल नंबर, पता और पुलिस वेरिफिकेशन, गाड़ी नंबर आदि की जानकारी रखना चाहिए ताकि बच्चा सुरक्षित रह सके। प्रशासन स्कूली वाहनों को पीले रंग में पुतवाने, स्कूल का नाम, चालक का नाम, परिचालक का मोबाइल नंबर यदि छात्राओं का वाहन है तो महिला शिक्षक की उपस्थिति अनिवार्य की है। लेकिन ऐसा कहीं होता दिखाई नहीं दे रहा है। चालक खुलेआम शासन के नियमों को दरकिनार कर रहे हैं।

 नगर में संचालित सैंकड़ो आटो और कई मैजिक व बस बिना फिटनेस आर नियम विरुद्ध चल रहे हैं। कई ऑटो चालकों के पास दस्तावेज नाम की कोई चीज ही नहीं मिलेगी। अनफिट वाहनों में चालक क्षमता से अधिक छात्र-छात्राओं को बिठाकर उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। हालात यह है कि इन वाहनों में बैठने वाले बच्चों के हाथ, पैर बाहर निकले रहते हैं। जिससे कई बार बच्चों के साथ दुर्घटना भी घट चुकी है। सुरक्षा की दृष्टि से इन वाहनों में जाली भी नहीं लगाई गई हैं। यही नहीं मेजिक गाडियों मे एक ट्रिप मे 40 से 50 बच्चे ठूंस ठूंस का बच्चों को भेड़ बकरियों की तरह भरा जाता है। जिससे चालक माेटी कमाई के चक्कर में मानवीय संवेदनाएं भी ताक पर रख रहे हैं।

 Conclusion:जब हमने इस बारे उप पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार से बात की तो उन्होंने बताया की नए मोटर एक्ट रूल के मुताबिक  एक सितंबर से लागू हुए नए वाहन एक्ट को सख्त बनाते परिवहन विभाग ने यातायात नियम का उल्लंघन रोकने की कोशिश की है। सड़क सुरक्षा प्रवर्तन विभाग ने नए वाहन एक्ट में जुर्माना की राशि पांच से सौ गुणा तक बढ़ा दी है।अभी काफी लोगो अवेयर करने की जरूरत है ! हमारा एक अवेर्नेस कम्पैन भी चल रहा है ! जिसमे स्कूल और कॉलेजों व् पब्लिक पैलेस पर भी जा कर लोगो को जागरूक कर रहे है ! यदि कोई भी ट्रैफिक के नियमो का पालन नहीं करेगा या ओवरलोडिंग करेगा तो उसके खिलफ सख्त करवाई की जाएगी ! जो स्कूलो की कमेटी होती हे उनसे भी इस बारे में बात करेंगे ! तकि सभी  ऑटो व् वेन चालक ट्रैफिक के नियमो का पालन करे ! 

ऑटो चालक नरेश  ने बतया की में ये ऑटो पहली बार लेकर आया हूँ ! ये ऑटो मेरा नहीं है किसी और का है इसमें केवल 8 सवारी ही आ सकती है ! हाला की चालकों को नए मोटर विकल एक्ट के बारे में जानकरी भी है ! परन्तु उसके बाद भी एक ऑटो में 13 सवारीया भर रखी है !  वही दूसरे ऑटो चालक प्रवीण से बात की तो उसने बतया की ऑटो  में करीब 21 बच्चे ऑटो चालक बोला की यदि इन बच्चो को कुछ हो जाता है तो में इनका जुमेदार हूँ ! कहि ना कहि ये  नियम कानूनों को दिखाया जा रहा है ठेंगा। प्रशासन है खामोश !  
बाईट - डी एस पी राजीव कुमार  करनाल  !बाईट - सोमपाल  ऑटो चालक बाईट - नरेश ऑटो चालक  बाईट - प्रवीण  ऑटो चालक  
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