करनाल: तीन दिन के बैन के बाद प्रशासन ने करनाल में इंटरनेट और मैसेज सेवा को बहाल (Mobile internet services resumed) कर दिया है. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने अहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवा को बंद (Internet Service Ban) किया था. जिससे शुक्रवार सुबह से फिर चालू कर दिया गया है. जिले में तीन दिन इंटरनेट और मैसेज सेवा बंद होने से आम लोगों को काफी परेशानी और नुकसान हुआ है. इंटरनेट बंद होने से एक तरफ व्यापारी ऑनलाइन पैसों की लेन-देन नहीं कर पाए. दूसरी तरफ छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई प्रभावित हुई है.
ईटीवी भारत से साथ छात्राओं ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन (farmers protest in karnal) की वजह से 3 दिन से जिले में इंटरनेट बंद रहा. जिसकी वजह से उन्हें पढ़ाई (Online Class Affected) करने में काफी परेशानी हुई. एक छात्र ने कहा कि वो अमेरिका की यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस कर रहा है. कोरोना की वजह से वो अमेरिका नहीं जा सका, लेकिन यूनिवर्सिटी में उसे ऑनलाइन क्लास अटेंड करनी पड़ रही है. अब तीन दिन इंटरनेट बंद रहा. जिससे उसे काफी परेशानी हुई. कोरोना के बाद से सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर डिजिटल पेमेंट का चलन काफी बढ़ गया है.
ज्यादातर ग्राहक दुकानों पर डिजिटल पेमेंट के जरिए ही भुगतान करते हैं. लेकिन इंटरनेट बंद होने की वजह से लोग डिजिटल भुगतान नहीं कर पा रहे. जिसकी वजह से उनकी आमदनी पर भी असर पड़ा है. यहां छात्र भी कुछ किराए पर रहते हैं. जो घर से पैसे नहीं मंगा पा रहे.
इंटरनेट बंद होने की वजह से मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन पेमेंट, ऑनलाइन पढ़ाई सब कुछ तीन दिन तक बंद रहा. जिससे आमजन को काफी परेशानी हुई. बैंक का काम भी तीन दिन तक बंद रहा. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशान दिखे. दुकानदारों और व्यापारियों को भी तीन में लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है. दरअसल 28 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बीजेपी की संगठनात्मक बैठक की थी. बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों ने बैठक का विरोध किया.
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इस दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज (lathi charge on farmers in karnal) किया. जिसमें कई किसान घायल हो गए. इस दौरान करनाल में ड्यूटी मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसमें वो किसानों का सिर फोड़ने वाला बयान देते सुनाई दिए. इसके बाद से मामला तूल पकड़ गया. किसानों ने 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत कर आयुष सिन्हा को सस्पेंड करने की मांग की. जिसके बाद उन्होंने लघु सचिवालय का घेराव किया. इसी को लेकर जिले में तीन दिन इंटरनेट बंद रहा.