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अब किसानों की आय होगी दोगुनी ! प्रति एकड़ होगी 400 क्विंटल गन्ने की पैदावार

राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष नीरज कुलश्रेष्ठ ने बताया कि संस्थान ने गन्ने की नई किस्म सीओ 12029 केन्द्रीय समिति से रिलीज कराई है. इस गन्ने की प्रोडक्टिविटी प्रति हेक्टेयर करीब 96 टन है, जबकि किसानों के खेत में इसकी पैदावार करीब 400-500 क्विंटल प्रति एकड़ तक होगी.

राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान ने इजात की गन्ने की नई किस्म
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Published : Jul 8, 2019, 7:07 PM IST

Updated : Jul 8, 2019, 7:13 PM IST

करनाल: किसानों की आय दोगुनी करने के लिए राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने गन्ने की नई किस्म तैयार की है. गन्ने की इस नई किस्म की पैदावार प्रति एकड़ करीब 400 टन होगी. बता दें कि इस किस्म की क्वालिटी भी बाकि गन्ने की किस्मों से बेहतर है.


राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष नीरज कुलश्रेष्ठ ने बताया कि संस्थान की गन्ने की नई किस्म सीओ 12029 केन्द्रीय समिति ने रिलीज की है. इस गन्ने की प्रोडक्टिविटी प्रति हेक्टेयर करीब 96 टन है, जबकि किसानों के खेत में इसकी पैदावार करीब 400-500 क्विंटल प्रति एकड़ तक होगी.

क्लिक कर देखें वीडियो.


शुगर रिकवरी की बात करें तो इसमें 18.1 प्रतिशत सुक्रोस है. यह किस्म करीब 13 प्रतिशत शुगर रिकवरी फरवरी-मार्च के महीने में देने में सक्षम है. उन्होंने किसानों को कहा कि इस किस्म को लगाने के लिए अक्टूबर और फरवरी सही समय है. इसके अलावा इसके पौधों को 5 फीट के गैप पर लगाएं ताकि पैदावार अच्छी हो.

करनाल: किसानों की आय दोगुनी करने के लिए राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने गन्ने की नई किस्म तैयार की है. गन्ने की इस नई किस्म की पैदावार प्रति एकड़ करीब 400 टन होगी. बता दें कि इस किस्म की क्वालिटी भी बाकि गन्ने की किस्मों से बेहतर है.


राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष नीरज कुलश्रेष्ठ ने बताया कि संस्थान की गन्ने की नई किस्म सीओ 12029 केन्द्रीय समिति ने रिलीज की है. इस गन्ने की प्रोडक्टिविटी प्रति हेक्टेयर करीब 96 टन है, जबकि किसानों के खेत में इसकी पैदावार करीब 400-500 क्विंटल प्रति एकड़ तक होगी.

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शुगर रिकवरी की बात करें तो इसमें 18.1 प्रतिशत सुक्रोस है. यह किस्म करीब 13 प्रतिशत शुगर रिकवरी फरवरी-मार्च के महीने में देने में सक्षम है. उन्होंने किसानों को कहा कि इस किस्म को लगाने के लिए अक्टूबर और फरवरी सही समय है. इसके अलावा इसके पौधों को 5 फीट के गैप पर लगाएं ताकि पैदावार अच्छी हो.

Intro:किसानों की आय हो दोगुना करने की मुहिम, गन्ने की किस्म से सुधरेगी किसानों की हालत ,ना होगी बीमारी, क्वालिटी और पैदावार में भी होगा इजाफा, करनाल स्थित राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने जारी की गन्ने की नई वैरायटी 96 टन प्रति हेक्टेयर देगी उत्पादन ।


Body:केंद्र सरकार की किसानों की आय को दोगुना करने की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए करनाल स्थित राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने गन्ने की ऐसी किस्म तैयार की है जो ना केवल बीमारी रोधी है अपितु इसकी क्वालिटी और पैदावार भी अन्य किस्मों के मुकाबले अधिक होगी । इस नई किस्म का नाम सी ओ 12032 है और गन्ना किसानों के लिए वरदान साबित होगी संस्थान के अध्यक्ष डॉ नीरज कुलश्रेष्ठ ने बताया कि काफी रिसर्च और मेहनत के बाद इस किस्म को तैयार किया गया है जिससे गन्ना किसानों को काफी फायदा होगा और विज्ञान के बताए अनुसार लगाए तो उनकी आय में 2 गुना से 3 गुना तक इजाफा हो सकता है ।




Conclusion:वीओ - संस्थान के अध्यक्ष नीरज कुलश्रेष्ठ ने बताया कि इस किस्म को केंद्रीय समिति ने अपनी मंजूरी दे दी । इस किस्म से प्रति एकड़ 400 से 500 के 1 टन प्रति एकड़ उत्पादन होता है और वैज्ञानिक तरीके से मेहनत करे तो 600 से 700 क्विंटल तक उत्पादन भी लिया जा सकता है शुगर रिकवरी भी अन्य किस्मों के मुकाबले कहीं बेहतर है । अक्टूबर 14 फरवरी के महीने में इसे करीब 5 फुट की दूरी तक लगाना चाहिए । इससे पौधों पौधों को खाद पानी देने और कटाई छटाई में भी आसानी होगी ।उन्होंने कहा कि संस्थान ने अब तक गन्ने की अनेक किस्में जारी की हैं जिनका अच्छा परिणाम देखने को मिला है। 1 सवाल में डॉ डॉ नीरज कुलश्रेष्ठ ने कहा कि हरियाणा में गन्ने का रकबा पहले के मुकाबले बढ़ा है और हरियाणा में करीब एक लाख एकड़ इस बार गन्ने की खेती की जा रही है ।

बाइट संस्थान के अध्यक्ष डॉ नीरज कुलश्रेष्ठ
Last Updated : Jul 8, 2019, 7:13 PM IST
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