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करनाल जिला सचिवालय में कचरे के ढेर में मिले हजारों नये आयुष्मान कार्ड, जिम्मेदार कौन?

करनाल जिला सचिवालय में कचरे के ढेर में हजारों नये आयुष्मान कार्ड मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. सवाल यह है कि आखिर हजारों नये आयुष्मान कार्ड कचरे के ढेर में कैसे आए और इसका जिम्मेदार कौन है. वहीं, इस मामले में करनाल की एडीसी डॉ. वैशाली शर्मा ने कहा कि लापरवाही साबित होने पर संबंधित कर्मचारी और अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. (New Ayushman cards in garbage in Karnal)

New Ayushman cards in garbage in Karnal
करनाल जिला सचिवालय में कचरे के ढेर में मिले हजारों नये आयुष्मान कार्ड
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Published : May 3, 2023, 8:11 PM IST

करनाल: हरियाणा सरकार की ओर से प्रदेश की जनता के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है. इनमें से एक योजना है आयुष्मान कार्ड योजना. वहीं, करनाल प्रशासन के कुछ अधिकारी और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है जहां पर आज करनाल के लघु सचिवालय में टॉयलेट के बाहर बने कचरे के ढेर में हजारों की संख्या में नए आयुष्मान कार्ड पड़े हुए दिखाई दिए हैं.

आयुष्मान कार्ड के साथ कुछ अन्य कार्ड भी पड़े हुए दिखाई दिए थे. जैसे ही मीडिया को इसकी जानकारी मिली तो मीडिया ने मौके पर जाकर देखा तो वहां पर हजारों की संख्या में नए लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बने हुए कचरे के ढेर में पड़े थे. लाभार्थियों तक उनके नए आयुष्मान कार्ड पहुंचाने की बजाय करनाल के लोगों सचिवालय के टॉयलेट के बाहर कचरे के ढेर में यह आयुष्मान कार्ड किसने डाले यह एक जांच का विषय है, लेकिन कहीं ना कहीं जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों की इस मामले को लेकर बड़ी लापरवाही देखने को मिली है.

New Ayushman cards in garbage in Karnal
करनाल जिला सचिवालय में कचरे के ढेर में आयुष्मान कार्ड.

बता दें कि आयुष्मान कार्ड उन लोगों का बनाया जाता है, जिनकी सालाना आय 1 लाख 80 हजार से कम होती है. हरियाणा में जितनी भी योजनाएं चलाई हुई है उनमें से यह एक अहम योजना है. इस कार्ड के तहत गरीब लोगों का 5 लाख तक का फ्री में इलाज किया जाता है. आयुष्मान कार्ड धारक किसी भी प्राइवेट या सरकारी हॉस्पिटल में 5 लाख तक की सीमा तक इलाज करवा सकते हैं.

आयुष्मान कार्ड में एक परिवार के सभी सदस्य शामिल किए जाते हैं ताकि परिवार का कोई भी सदस्य बीमार होता है तो उसको सरकार के इस आयुष्मान कार्ड का लाभ मिल सके और उसके पैसे खर्च ना हो. जहां सरकार लाखों रुपए लगाकर नए आयुष्मान कार्ड बनाने का काम कर रही है. वहीं, दूसरी ओर संबंधित विभाग के कर्मचारी और अधिकारी इन कार्डों को कचरे के बराबर समझते हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण आज करनाल के लघु सचिवालय में देखने को मिला. वहीं, अगर इस कचरे के ढेर से कोई भी इंसान इन कार्डों को उठाकर ले जाता तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होती.

वहीं, जब इस मामले के बारे में करनाल की एडीसी डॉ. वैशाली शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है. फिलहाल अंदर जहां पर यह कार्ड बन कर आते हैं वहां पर सफाई का काम चल रहा था. इसलिए कार्ड को बाहर रख दिया था. लेकिन, जब उनसे सवाल किया गया कि कचरे के ढेर में और टॉयलेट के बाहर से जरूरी कागजात कौन रखता है तब उन्होंने कहा कि यह लापरवाही है और जो भी कर्मचारी व अधिकारी आयुष्मान कार्ड का ब्यौरा रखता है उसको लिखित में नोटिस दिया जाएगा. उनसे पूछा जाएगा कि इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई. उन्होंने कहा कि मामले की जांच भी की जाएगी. अगर सच में लापरवाही हुई तो संबंधित कर्मचारी और अधिकारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: WFI Controversy Case : संयुक्त किसान मोर्चा ने पूतला फूंककर किया प्रदर्शन, बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग

करनाल: हरियाणा सरकार की ओर से प्रदेश की जनता के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है. इनमें से एक योजना है आयुष्मान कार्ड योजना. वहीं, करनाल प्रशासन के कुछ अधिकारी और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है जहां पर आज करनाल के लघु सचिवालय में टॉयलेट के बाहर बने कचरे के ढेर में हजारों की संख्या में नए आयुष्मान कार्ड पड़े हुए दिखाई दिए हैं.

आयुष्मान कार्ड के साथ कुछ अन्य कार्ड भी पड़े हुए दिखाई दिए थे. जैसे ही मीडिया को इसकी जानकारी मिली तो मीडिया ने मौके पर जाकर देखा तो वहां पर हजारों की संख्या में नए लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बने हुए कचरे के ढेर में पड़े थे. लाभार्थियों तक उनके नए आयुष्मान कार्ड पहुंचाने की बजाय करनाल के लोगों सचिवालय के टॉयलेट के बाहर कचरे के ढेर में यह आयुष्मान कार्ड किसने डाले यह एक जांच का विषय है, लेकिन कहीं ना कहीं जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों की इस मामले को लेकर बड़ी लापरवाही देखने को मिली है.

New Ayushman cards in garbage in Karnal
करनाल जिला सचिवालय में कचरे के ढेर में आयुष्मान कार्ड.

बता दें कि आयुष्मान कार्ड उन लोगों का बनाया जाता है, जिनकी सालाना आय 1 लाख 80 हजार से कम होती है. हरियाणा में जितनी भी योजनाएं चलाई हुई है उनमें से यह एक अहम योजना है. इस कार्ड के तहत गरीब लोगों का 5 लाख तक का फ्री में इलाज किया जाता है. आयुष्मान कार्ड धारक किसी भी प्राइवेट या सरकारी हॉस्पिटल में 5 लाख तक की सीमा तक इलाज करवा सकते हैं.

आयुष्मान कार्ड में एक परिवार के सभी सदस्य शामिल किए जाते हैं ताकि परिवार का कोई भी सदस्य बीमार होता है तो उसको सरकार के इस आयुष्मान कार्ड का लाभ मिल सके और उसके पैसे खर्च ना हो. जहां सरकार लाखों रुपए लगाकर नए आयुष्मान कार्ड बनाने का काम कर रही है. वहीं, दूसरी ओर संबंधित विभाग के कर्मचारी और अधिकारी इन कार्डों को कचरे के बराबर समझते हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण आज करनाल के लघु सचिवालय में देखने को मिला. वहीं, अगर इस कचरे के ढेर से कोई भी इंसान इन कार्डों को उठाकर ले जाता तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होती.

वहीं, जब इस मामले के बारे में करनाल की एडीसी डॉ. वैशाली शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है. फिलहाल अंदर जहां पर यह कार्ड बन कर आते हैं वहां पर सफाई का काम चल रहा था. इसलिए कार्ड को बाहर रख दिया था. लेकिन, जब उनसे सवाल किया गया कि कचरे के ढेर में और टॉयलेट के बाहर से जरूरी कागजात कौन रखता है तब उन्होंने कहा कि यह लापरवाही है और जो भी कर्मचारी व अधिकारी आयुष्मान कार्ड का ब्यौरा रखता है उसको लिखित में नोटिस दिया जाएगा. उनसे पूछा जाएगा कि इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई. उन्होंने कहा कि मामले की जांच भी की जाएगी. अगर सच में लापरवाही हुई तो संबंधित कर्मचारी और अधिकारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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