करनाल: नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड के मुख्य आरोपी राजीव भूटानी पर आखिरकार कार्रवाई हो गई है. ईटीवी भारत के बार-बार खबर दिखाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और अब राजीव भूटानी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्टरी महावीर सिंह ने चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आदेश जारी करते हुए रजीव भूटानी को निलंबित कर दिया है.
जेल से आने के बाद दोबारा संभाला था पद भार
बता दें कि मई में नायब तहसीलदार परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक करने की कोशिश की गई थी. प्रशासन की मुस्तैदी से पेपर लीक होने से बचा लिया गया, लेकिन इस हाई प्रोफाइल कांड में करनाल के निसिंग खंड के कार्यकारी डीईओ राजीव भूटानी की गिरफ्तारी की गई. रेवाड़ी की अदालत में उन्हें प्राथमिक दृष्टि से दोषी करार देते हुए जेल की सजा सुनाई. बाद में भूटानी जेल से बेल पर बाहर आए. जिसके बाद उन्होंने 1 सितबंर से प्रधानाचार्य का पदभार संभाला. 25 दिन तक शिक्षा विभाग ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जिसके बाद अब जाकर राजीव भूटानी को निलंबित किया गया है.
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क्या बोला था मुख्यमंत्री ने ?
जब ईटीवी भारत को राजीव भूटानी के दोबारा पदभार संभाले की जानकारी हुई तो हमने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से लेकर अधिकारियों तक इस बारे में सवाल किया. जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल से नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले के आरोपी राजीव भूटानी पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन पर कार्रवाई हो रही है. अब आचार संहिता लग चुकी है मैं कुछ नहीं कर सकता हूं.
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डीसी ने दिया था कार्रवाई का आश्वासन
मामले की गंभीरता को देखते हुए ईटीवी भारत संवाददाता करनाल के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह के पास पहुंचे. जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये पूरा मामला शिक्षा विभाग का है लेकिन फिर भी मैं इसे देखूंगा
क्या है पूरा मामला ?
- 26 मई को नायब तहसीलदार की परीक्षा होनी थी
- पेपर लीक होता इससे पहले ही पुलिस ने छापेमारी कर आरोपियों को पकड़ लिया
- पेपर शुरू होते ही पुलिस ने रेवाड़ी जैन गर्ल्स स्कूल और माउंट लिट्राजी स्कूल से पांच आरोपियों को आंसर-की के साथ गिरफ्तार किया
- तीन आरोपी गुरुग्राम और एक आरोपी को करनाल से गिरफ्तार किए गए
- पेपर लीक कर आरोपियों तक पहुंचाने वाले करनाल स्थित एसएस इंटरनेशल स्कूल में तैनात परीक्षा वाले दिन केंद्र अधीक्षक जसबीर को गिरफ्तार किया गया
- रिमांड के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने दो लाख रुपये में सौदा किया था
- दो लाख रुपये में पेपर लाकर देने की जिम्मेदारी बीईओ राजीव भूटानी ने ली थी, जिसमें एक लाख एडवांस में दे दिए गए थे.
- इसके बाद राजीव भूटानी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया
- राजीव भूटानी को कोर्ट ने प्रथम दृष्टया गुनहगार माना
- राजीव भूटानी को इसके बाद जेल भेज दिया गया
- 3 महीने के बाद जेल से आकर राजीव भूटानी ने फिर से ड्यूटी ज्वाइन की
- जिसके बाद 25 सितंबर को राजीव भूटानी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया