करनाल: श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में बाबा सुखा सिंह डेरा कार सेवा ने कलंदरी गेट (करनाल) एवं गुरुद्वारा मंजी साहिब पातशाही पहली से भव्य नगर कीर्तन निकाला. नगर कीर्तन की अगुवाई पांच प्यारों ने की. पांच प्यारों के आगे-आगे महिला श्रद्धालु सफाई कर रही थी.
नगर कीर्तन पर हुई पुष्प वर्षा
जहां-जहां से नगर कीर्तन निकल रहा था, वहां-वहां पुष्प वर्षा हो रही थी. नगर कीर्तन में महाराज जी की सुंदर पालकी को बहुत ही सुंदर ढंग से फूलों से सुशोभित किया गया, जिसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी विराजमान थे और हजारों श्रद्धालु गुरु के समक्ष शीश झुका रहे थे.
यहां-यहां से निकाला गया नगर कीर्तन
ये नगर कीर्तन कर्ण गेट, कमेटी चौक, रेलवे रोड, खंभा चौक, हांसी चौक, कैथल रोड, रेलवे पुल, गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा प्रेमनगर, न्यू रामनगर, कच्चा कैंप गुरुद्वारा साहिब, काछवा पुल, माल रोड, अस्पताल चौक, गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा माडल टाऊन, मेरठ रोड से होकर गुरुद्वारा डेरा कार सेवा कलंदरी गेट जाकर संपन्न हुआ.
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नगर कीर्तन के लिए लगे प्रसाद के स्टॉल
जहां-जहां से नगर कीर्तन निकाला गया, वहां-वहां श्रद्धालुओं द्वारा प्रसाद के स्टॉल लगाए गए. इस नगर कीर्तन में शामिल बाबा सुखा सिंह और सेवादार सुरेंद्र सिंह ने बताया कि ये नगर कीर्तन गुरुद्वारा मनजीत साहब से शुरू हुआ है और सारे शहर से होता हुआ शाम को डेरा कार सेवा में संपन्न हुआ.
गुरु नानक देव जी ने करनाल में रखे थे अपने चरण
बताया जाता है कि गुरु नानक देव जी ने तीसरी उदासी के समय यहां पर अपने चरण डाले थे और बाबा कलंदर शाह को लोगों के दुख दूर करने का संदेश दिया था. उन्होंने कहा कि इस नगर कीर्तन का एक ही संदेश है कि गुरु नानक देव जी किसी एक समुदाय से नहीं थे वो एक मानस की जात का संदेश देने वाले महापुरुष थे.
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