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मीन संक्रांति 2023: आज दो घंटे रहेगा महा पुण्य काल, जानिए पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य देव अपने स्थान को प्रत्येक महीने में 12 राशियों में बदलते रहते हैं. इसलिए 12 संक्रांति हिंदू साल में आती हैं. हिंदू धर्म में मीन संक्रांति (Meen Sankranti 2023) का काफी महत्व है. आइए जानते हैं मीन संक्रांति की पूजा का विधि विधान और शुभ मुहूर्त.

Meen Sankranti 2023
मीन संक्रांति 2023 मुहूर्त
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Published : Mar 15, 2023, 8:06 AM IST

करनाल: ज्योतिषाचार्य पंडित विश्वनाथ ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार 15 मार्च यानी आज मीन सक्रांति है. हिंदू धर्म में संक्रांति का काफी महत्व है. शास्त्रों में बताया गया है कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन मीन राशि का प्रभाव सूर्य पर पड़ता है. सूर्य का कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करना ही मीन संक्रांति कहा जाता है और पंचांग के आधार पर ही सूर्य देव राशि में प्रवेश करने से संक्रांति का अनुमान लगाया जाता है.

मीन सक्रांति का समय- पंडित विश्वनाथ ने बताया कि मीन संक्रांति का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. 14 और 15 मार्च की रात्रि को 12:16 पर सूर्य देव कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेंगे. इसलिए इसको मीन संक्रांति कहा जाता है. मीन संक्रांति का महा पुण्य काल का समय सुबह 6:31 से शुरू होगा जो सुबह 8:31 तक रहेगा. मीन संक्रांति का पुण्य काल का शुभ मुहूर्त सुबह 8:31 से दोपहर 12:30 तक रहेगा.

मीन सक्रांति से मांगलिक कार्यों पर रोक- मीन संक्रांति के दिन ही खरमास शुरू हो जाते हैं. यह खरमास पूरा एक महीने चलते हैं. इसलिए कहा जाता है कि खरमास के दिनों के दौरान किसी भी मांगलिक कार्य को नहीं किया जाता क्योंकि इन दिनों को हिंदू धर्म मे अशुभ माना जाता है. इस दौरान किसी भी प्रकार का मुंडन, गृह प्रवेश, शादी विवाह या किसी भी अन्य प्रकार का शुभ कार्य करना सही नहीं माना जाता. हिंदू पंचांग के अनुसार मीन संक्रांति के दिन से सूर्य की गति धीमी हो जाती है जो खरमास के दिन समाप्त होने तक धीमी रहती है.

मीन सक्रांति का महत्व- हिंदू पंचांग के अनुसार संक्रांति सूर्य के राशि परिवर्तन के आधार पर ही मनाई जाती है और संक्रांति का हिंदू धर्म में बहुत महत्व बताया जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि संक्रांति के दिन अगर किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करने के बाद दान किया जाए तो ऐसा करने से मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है. मीन सक्रांति के दिन सुबह स्नान इत्यादि करके सूर्य को जल अर्पित करें और गरीबों को दान करें.

मान्यता है कि मीन संक्रांति के दिन अगर गाय को चारा खिलाया जाए तो उससे परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है. इस दिन भगवान सूर्य देव व भगवान विष्णु नारायण की पूजा अर्चना की जाती है. शास्त्रों में बताया गया है कि मीन संक्रांति पर भगवान सूर्य देव की पूजा करने से मनुष्य पर भगवान सूर्य देव की कृपा बनी रहती है और उसका सूर्य प्रभाव मजबूत होता है.

करनाल: ज्योतिषाचार्य पंडित विश्वनाथ ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार 15 मार्च यानी आज मीन सक्रांति है. हिंदू धर्म में संक्रांति का काफी महत्व है. शास्त्रों में बताया गया है कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन मीन राशि का प्रभाव सूर्य पर पड़ता है. सूर्य का कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करना ही मीन संक्रांति कहा जाता है और पंचांग के आधार पर ही सूर्य देव राशि में प्रवेश करने से संक्रांति का अनुमान लगाया जाता है.

मीन सक्रांति का समय- पंडित विश्वनाथ ने बताया कि मीन संक्रांति का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. 14 और 15 मार्च की रात्रि को 12:16 पर सूर्य देव कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेंगे. इसलिए इसको मीन संक्रांति कहा जाता है. मीन संक्रांति का महा पुण्य काल का समय सुबह 6:31 से शुरू होगा जो सुबह 8:31 तक रहेगा. मीन संक्रांति का पुण्य काल का शुभ मुहूर्त सुबह 8:31 से दोपहर 12:30 तक रहेगा.

मीन सक्रांति से मांगलिक कार्यों पर रोक- मीन संक्रांति के दिन ही खरमास शुरू हो जाते हैं. यह खरमास पूरा एक महीने चलते हैं. इसलिए कहा जाता है कि खरमास के दिनों के दौरान किसी भी मांगलिक कार्य को नहीं किया जाता क्योंकि इन दिनों को हिंदू धर्म मे अशुभ माना जाता है. इस दौरान किसी भी प्रकार का मुंडन, गृह प्रवेश, शादी विवाह या किसी भी अन्य प्रकार का शुभ कार्य करना सही नहीं माना जाता. हिंदू पंचांग के अनुसार मीन संक्रांति के दिन से सूर्य की गति धीमी हो जाती है जो खरमास के दिन समाप्त होने तक धीमी रहती है.

मीन सक्रांति का महत्व- हिंदू पंचांग के अनुसार संक्रांति सूर्य के राशि परिवर्तन के आधार पर ही मनाई जाती है और संक्रांति का हिंदू धर्म में बहुत महत्व बताया जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि संक्रांति के दिन अगर किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करने के बाद दान किया जाए तो ऐसा करने से मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है. मीन सक्रांति के दिन सुबह स्नान इत्यादि करके सूर्य को जल अर्पित करें और गरीबों को दान करें.

मान्यता है कि मीन संक्रांति के दिन अगर गाय को चारा खिलाया जाए तो उससे परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है. इस दिन भगवान सूर्य देव व भगवान विष्णु नारायण की पूजा अर्चना की जाती है. शास्त्रों में बताया गया है कि मीन संक्रांति पर भगवान सूर्य देव की पूजा करने से मनुष्य पर भगवान सूर्य देव की कृपा बनी रहती है और उसका सूर्य प्रभाव मजबूत होता है.

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