करनाल: प्रदेश में सरकार की नई बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में एमबीबीएस छात्र पिछले 44 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. एमबीबीएस छात्र सरकार से बॉन्ड पॉलिसी को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. एमबीबीएस छात्रों और सरकार के बीच 44 दिन बाद भी इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पा रही है. कल्पना चावला अस्पताल की ओपीडी के बाहर धरना दे रहे मेडिकल छात्रों ने बुधवार को करनाल जिला सचिवालय के बाहर धरना दिया. छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर जिला उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा.
छात्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने एक दो दिनों में इस संबंध में सूचना देने की बात कही थी लेकिन अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर सहमति नहीं जताती है, तब तक यह आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा. छात्रों ने कहा कि 4 साल के कोर्स में उन्हें 40 लाख रुपए की फीस जमा करानी होगी. जो छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वह MBBS का कोर्स नहीं कर पाएंगे. इसी कारण के चलते बॉन्ड पॉलिसी को लेकर MBBS छात्रों में रोष है.
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छात्रों की यह है मुख्य मांगे: जिला सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे छात्रों की मुख्य मांग बॉन्ड एग्रीमेंट में से बैंक का दखल पूरी तरह से खत्म करने को लेकर है. इसके साथ ही छात्र बॉन्ड सेवा की अवधि 7 साल से घटाकर अधिकतम 1 वर्ष करने और बॉन्ड राशि को 40 लाख की जगह 5 लाख रुपए करने की मांग कर रहे हैं. एमबीबीएस छात्रों ने पढ़ाई पूरी होने के अधिकतम 2 महीने के अंदर उन्हें नौकरी देने की मांग भी सरकार से की है. इस दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि शासन और प्रशासन उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है.
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