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करनाल आबकारी विभाग में रिश्वतखोरी का मामला, सीएम बोले - नहीं बचेगा कोई भी दोषी

करनाल में आबकारी विभाग के रिश्वतखोरी मामले में 3 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. अब भी ऐसे कई बड़े अधिकारी है जिनके संरक्षण में ये पूरा रैकेट चल रहा था, लेकिन उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

करनाल आबकारी विभाग में रिश्वतखोरी का मामला, सीएम बोले-नहीं बचेगा कोई भी बड़ा अधिकारी
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Published : Sep 13, 2019, 4:25 PM IST

करनाल: करनाल आबकारी विभाग के रिश्वतखोरी मामले में सीएम मनोहर लाल ने बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बड़ा से बड़ा अधिकारी ही क्यों ना हो दोषी पाए जाने पर सबके खिलाफ कार्रवाई होगी.

बच गए आला अधिकारी !
मामले में 3 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. अब भी ऐसे कई बड़े अधिकारी हैं, जिनके संरक्षण में ये पूरा रैकेट चल रहा था,लेकिन उनके खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. बड़ी बात ये है कि करनाल जिले के आबकारी एवं कराधान के उप कमिश्नर आनंद सिंह पहले गुरुग्राम में चार्जशीट थे. फिर भी सरकार ने उन्हें इस तरह के पद पर बैठा दिया. चार्जशीट होने के बाद भी आनंद सिंह की पोस्टिंग करनाल में की गई.

अधिकारियों को मिला किसका संरक्षण?
कार्रवाई के बाद भी ट्रांसपोर्टर खुश नहीं है. उनका आरोप है कि उप कमिश्नर आनंद सिंह के संरक्षण में ही रिश्वतखोरी का नंगा नाच धड़ले से चल रहा था, लेकिन उन्हें निलंबित नहीं करते हुए सिर्फ 3 लोगों को सस्पेंड किया गया. जबकि इस मामले में सबसे बड़ा हाथ आनंद सिंह का है. आनंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ट्रांसपोर्टर अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं.

करनाल रिश्वतखोरी मामले पर सीएम का बयान

मामले पर क्या बोले सीएम ?
मामले में सीएम मनोहर लाल का कहना है कि अभी सिर्फ शुरूआती कार्रवाई की गई है. जो भी इस मामले में शामिल होगा. चाहे वो कितना बड़ा अधिकारी ही क्यों ना हो सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला ?
बीते दिनों सीएम सिटी में ट्रांसपोर्टर अधिकारियों से परेशान होकर प्रदर्शन पर उतर आए थे. व्यापारियों का कहना था कि आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी उनकी गाड़ियों को रोककर उनसे मोटी रकम रिश्वत के रूप में वसूलते हैं. अधिकारियों ने चारों तरफ अपना जाल फैला रखा है और बिना सेटिंग के एक भी गाड़ी को निकलने नहीं दिया जाता है. ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि ईटीओ प्रशांत कादियान और सतबीर कादियान अपनी मनमानी करते हैं. किसी भी गाड़ी को रोककर उसे बंद कर देते हैं और जब तक रिश्वत न दे दी जाती, तब तक नहीं छोड़ते हैं. व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स को मजबूरी में पैसे देने पड़ते हैं, क्योंकि गाड़ी में लोड सामान के खराब होने का खतरा रहता है. क्योंकि इन गाड़ियों में ज्यादातर ड्राइ फ्रूट्स आता है.

करनाल: करनाल आबकारी विभाग के रिश्वतखोरी मामले में सीएम मनोहर लाल ने बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बड़ा से बड़ा अधिकारी ही क्यों ना हो दोषी पाए जाने पर सबके खिलाफ कार्रवाई होगी.

बच गए आला अधिकारी !
मामले में 3 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. अब भी ऐसे कई बड़े अधिकारी हैं, जिनके संरक्षण में ये पूरा रैकेट चल रहा था,लेकिन उनके खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. बड़ी बात ये है कि करनाल जिले के आबकारी एवं कराधान के उप कमिश्नर आनंद सिंह पहले गुरुग्राम में चार्जशीट थे. फिर भी सरकार ने उन्हें इस तरह के पद पर बैठा दिया. चार्जशीट होने के बाद भी आनंद सिंह की पोस्टिंग करनाल में की गई.

अधिकारियों को मिला किसका संरक्षण?
कार्रवाई के बाद भी ट्रांसपोर्टर खुश नहीं है. उनका आरोप है कि उप कमिश्नर आनंद सिंह के संरक्षण में ही रिश्वतखोरी का नंगा नाच धड़ले से चल रहा था, लेकिन उन्हें निलंबित नहीं करते हुए सिर्फ 3 लोगों को सस्पेंड किया गया. जबकि इस मामले में सबसे बड़ा हाथ आनंद सिंह का है. आनंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ट्रांसपोर्टर अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं.

करनाल रिश्वतखोरी मामले पर सीएम का बयान

मामले पर क्या बोले सीएम ?
मामले में सीएम मनोहर लाल का कहना है कि अभी सिर्फ शुरूआती कार्रवाई की गई है. जो भी इस मामले में शामिल होगा. चाहे वो कितना बड़ा अधिकारी ही क्यों ना हो सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला ?
बीते दिनों सीएम सिटी में ट्रांसपोर्टर अधिकारियों से परेशान होकर प्रदर्शन पर उतर आए थे. व्यापारियों का कहना था कि आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी उनकी गाड़ियों को रोककर उनसे मोटी रकम रिश्वत के रूप में वसूलते हैं. अधिकारियों ने चारों तरफ अपना जाल फैला रखा है और बिना सेटिंग के एक भी गाड़ी को निकलने नहीं दिया जाता है. ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि ईटीओ प्रशांत कादियान और सतबीर कादियान अपनी मनमानी करते हैं. किसी भी गाड़ी को रोककर उसे बंद कर देते हैं और जब तक रिश्वत न दे दी जाती, तब तक नहीं छोड़ते हैं. व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स को मजबूरी में पैसे देने पड़ते हैं, क्योंकि गाड़ी में लोड सामान के खराब होने का खतरा रहता है. क्योंकि इन गाड़ियों में ज्यादातर ड्राइ फ्रूट्स आता है.

Intro:सीएम सिटी करनाल में पिछले दिनों हुई एक्साइज एवम सेल टैक्स विभाग के अधिकारियों के रिश्वतखोरी भ्र्ष्टाचार में पाई गई संलिप्तता का पूरा मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में ,3 को किया गया है निलंबित ,आगे की जांच जारी ,किसी की भी इस भ्र्ष्टाचार मामले में संलिप्तता पाए जाने पर नही जाएगा बक्शा-मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर


Body:गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली से अपने अन्य साथियों के साथ प्रदर्शन करने आए दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के नेता मनजिंदर सिंह ने आरोप लगाए थे कि कराधान विभाग में कुछ अधिकारी उनसे चेकिंग के नाम पर मंथली मांगते हैं और ना देने पर गाड़ी को रुकवा कर कई दिन तक परेशान किया जाता है । किसी भी अन्य स्टेट में ट्रांजिट गाड़ियों को इस तरह नहीं रोका जाता । वहीं मुनीर खान ट्रांसपोर्ट दिल्ली ने भी आरोप लगाते हुए बताया था कि कराधान विभाग के अधिकारी उनसे गाड़ी पास करने के नाम पर मोटे पैसे की मांग करते हैं । इस भ्रष्टाचार के खेल में ऊपर से नीचे तक अधिकारी सब मिले हुए हैं । भ्र्ष्टाचार के इस मामले की पूरा खुलासा ईटीवी भारत ने बड़ी प्रमुखता के साथ किया था जिसमे किस तरह अधिकारी दलालो के जरिये गाड़ी छोड़ने के नाम पर ट्रांसपोर्टरस सेटिंग करते हुए फ़ोन पे बात कर रहे है है ।



Conclusion:इस मामले में बड़ी बात निकल के सामने यह आई है कि करनाल जिला के आबकारी करादान के उप कमिश्नर आनंद सिंह पहले गुरुग्राम में चार्जशीट थे । फिर भी सरकार द्वारा इस प्रकार के पद पर बैठा देना अपने आप मे सवाल खड़ा करता है । अब भी ट्रांस्पोटरों का आरोप है कि उप कमिश्नर आनंद सिंह के संरक्षण में रिश्वतखोरी का नंगा नाच धड़ले से चलाया जा रहा है जिसमे निलंबित हुए विभाग के 1 अधिकारी व 3 कर्मचारी के अलावा मुख्यरूप से अन्य कई बड़े अधिकारी ने भी भ्र्ष्टाचार मामले में अहम भूमिका निभाई है ।

वहीं मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा है मेरे संज्ञान में मामला है ।इस मामले की प्रारम्भिक जांच में हमने कारवाही करते हुए 3 को निलंबित किया है । और आगे की जांच जारी है । किसी की थोड़ी सी भी संलिप्तता पाई जाने पर बक्शा नही जाएगा ।

बाईट - मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर
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