करनाल: करनाल आबकारी विभाग के रिश्वतखोरी मामले में सीएम मनोहर लाल ने बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बड़ा से बड़ा अधिकारी ही क्यों ना हो दोषी पाए जाने पर सबके खिलाफ कार्रवाई होगी.
बच गए आला अधिकारी !
मामले में 3 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. अब भी ऐसे कई बड़े अधिकारी हैं, जिनके संरक्षण में ये पूरा रैकेट चल रहा था,लेकिन उनके खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. बड़ी बात ये है कि करनाल जिले के आबकारी एवं कराधान के उप कमिश्नर आनंद सिंह पहले गुरुग्राम में चार्जशीट थे. फिर भी सरकार ने उन्हें इस तरह के पद पर बैठा दिया. चार्जशीट होने के बाद भी आनंद सिंह की पोस्टिंग करनाल में की गई.
अधिकारियों को मिला किसका संरक्षण?
कार्रवाई के बाद भी ट्रांसपोर्टर खुश नहीं है. उनका आरोप है कि उप कमिश्नर आनंद सिंह के संरक्षण में ही रिश्वतखोरी का नंगा नाच धड़ले से चल रहा था, लेकिन उन्हें निलंबित नहीं करते हुए सिर्फ 3 लोगों को सस्पेंड किया गया. जबकि इस मामले में सबसे बड़ा हाथ आनंद सिंह का है. आनंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ट्रांसपोर्टर अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं.
मामले पर क्या बोले सीएम ?
मामले में सीएम मनोहर लाल का कहना है कि अभी सिर्फ शुरूआती कार्रवाई की गई है. जो भी इस मामले में शामिल होगा. चाहे वो कितना बड़ा अधिकारी ही क्यों ना हो सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्या है मामला ?
बीते दिनों सीएम सिटी में ट्रांसपोर्टर अधिकारियों से परेशान होकर प्रदर्शन पर उतर आए थे. व्यापारियों का कहना था कि आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी उनकी गाड़ियों को रोककर उनसे मोटी रकम रिश्वत के रूप में वसूलते हैं. अधिकारियों ने चारों तरफ अपना जाल फैला रखा है और बिना सेटिंग के एक भी गाड़ी को निकलने नहीं दिया जाता है. ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि ईटीओ प्रशांत कादियान और सतबीर कादियान अपनी मनमानी करते हैं. किसी भी गाड़ी को रोककर उसे बंद कर देते हैं और जब तक रिश्वत न दे दी जाती, तब तक नहीं छोड़ते हैं. व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स को मजबूरी में पैसे देने पड़ते हैं, क्योंकि गाड़ी में लोड सामान के खराब होने का खतरा रहता है. क्योंकि इन गाड़ियों में ज्यादातर ड्राइ फ्रूट्स आता है.