करनाल: हरियाणा में एक बार फिर किसानों पर लाठीचार्ज (haryana farmer lathi charge) किया गया है. जिसके बाद हरियाणा से लेकर देश के तमाम विपक्षी नेताओं ने बीजेपी को निशाने पर लिया है. दरअसल, शनिवार को हरियाणा के करनाल जिले में बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी (karnal bjp meeting) की बैठक होनी थी. जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ सहित कई बीजेपी नेता शामिल हुए थे. वहीं किसानों को भी इस बैठक की भनक लग गई थी. जिसके बाद किसानों ने इस कार्यक्रम का विरोध करने का ऐलान कर दिया.
सुबह जैसे ही बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ की गाड़ी बसताड़ा टोल प्लाजा पर पहुंची तो कुछ किसानों ने इस दौरान ओपी धनखड़ की गाड़ी पर डंडे बरसाए और प्रदर्शन करते रहे. इसके बाद किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस ने किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. वहीं किसानों की तरफ से पत्थरबाजी की गई, और लाठीचार्ज के दौरान किसान घायल हो गए. वहीं पुलिस वालों भी चोट लगी. कई किसानों को पुलिस द्वारा हिरासत में भी लिया गया था.
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हरियाणा के एडीजीपी (कानून व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने लाठीचार्ज को लेकर कहा कि दोपहर 12 बजे कुछ प्रदर्शनकारी किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया और करनाल शहर की ओर मार्च करने की कोशिश की. रोकने पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया. पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया. इस दौरान 4 किसान और 10 पुलिसकर्मी घायल हुए.
किसानों पर हुए लाठीचार्ज की खबर आग की तरह फैल गई. वहीं इसी बीच करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा का एक वीडियो भी सामने आया जिसमें वे पुलिसवालों को किसानों का सिर फोड़ने का आदेश दे रहे हैं. एसडीएम ने कहा कि 'मेरा आदेश सिंपल है. जो भी हो. इससे बाहर कोई भी नहीं जायेगा बाहर. किसी तरह से स्पष्ट कर देता हूं. सिर फोड़ देना. नहीं जायेगा. मैं ड्यूटी मजिस्ट्रेट हूं. लिखित में दे रहा हूं. सीधे लट्ठ मारो. कोई डाउट (पुलिस वाले कहते हैं..नहीं सर). मारोगे? (पुलिस वाले कहते हैं...यस सर). कोई जायेगा इधर से (पुलिस वाले कहते हैं...नहीं सर). सीधे उठा उठाकर मारना. कोई डाउट नहीं है. कोई डायरेक्शन की जरूरत नहीं है. ये रास्ता हम किसी भी हालत में ब्रीच नहीं होने देंगे. हमारे पास पर्याप्त फोर्स है.'
किसानों पर लाठीचार्ज के बाद किसान संगठनों ने पूरे हरियाणा में जाम लगाने का ऐलान कर दिया. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (gurnam chaduni) ने रोड जाम करने का आह्वान करते हुए कहा कि किसानों को पुलिस ने बुरी तरह पीटा है, ये पुलिस और सरकार की गुंडागर्दी है, सरकार क्रूरता पर उतर आई है. इसलिए मैं हरियाणा व साथ लगते राज्य के किसानों से जाम लगाने का आह्वान करता हूं. हमारे अगले आदेश तक रोड जाम रखें. इस दौरान आने जाने वालों व पुलिस के साथ झगड़ा नहीं करना है.
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किसान संगठन के इस ऐलान के बाद देखते ही देखते हरियाणा की सड़कें और हाईवे किसानों ने जाम कर दिए. वहीं इस मामले को लेकर विपक्ष ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया. कांग्रेस के महासचिव और मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके सरकार पर निशाना साधा. सुरजेवाला ने लिखा कि खट्टर साहेब, आज करनाल में हर हरयाणवी की आत्मा पर लाठी बरसाई है. धरती के भगवान किसान को लहूलुहान करने वाली पापी भाजपाई सत्ता का दमन दानवों जैसा है. सड़कों पर बहते-किसानों के शरीर से रिसते खून को आने वाली तमाम नस्लें याद रखेगीं. याचना नहीं, अब रण होगा, जीवन-जय या मरण होगा.
उन्होंने एक और ट्वीट कर लिखा कि किसानों से जनरल डायर जैसा व्यवहार कर रही खट्टर सरकार. सीएम और डिप्टी सीएम का करनाल में किसानों पर कातिलाना हमला करने का षड्यंत्र ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के आदेशों से साफ है, जो पुलिस को किसानों का सर फोड़ने और सर पर लाठियां बरसाने का आदेश दे रहे हैं. भाजपा-जजपा है 'जनरल डायर' सरकार.
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वहीं दिन ढलते-ढलते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी किसानों को स्पष्ट कहा कि अगर पत्थरबाजी करोगे और हाईवे रोकेगे तो पीटे जाओगे. सीएम ने कहा कि सरकारी कामकाज में बाधा डालना लोकतंत्र के खिलाफ है. अगर किसान विरोध करना चाहते थे, तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए था. अगर वे नेशनल हाईवे जाम करते हैं और पुलिस पर पथराव करते हैं, तो पुलिस भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाएगी. हम इस मामले को देखेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे. बहरहाल करनाल में किसानों पर हुए इस लाठीचार्ज के बाद एक बार फिर किसान उग्र हो गए हैं और सरकार फिर से दबाव में नजर आ रही है. अब देखना होगा कि शनिवार की इस घटना से क्या असर पड़ता है.