करनाल: हिंदू वर्ष का कार्तिक महीना चल रहा है. पौराणिक ग्रंथों में कार्तिक मास को भगवान विष्णु का प्रिय महीना माना गया है. कार्तिक महीने में हिंदू धर्म के कई प्रमुख त्योहार आते हैं, जिसके चलते यह महीना सबसे अहम होता है. कार्तिक महीने में आज (सोमवार, 13 नवंबर) सोमवती अमावस्या है. इस अमावस्या का अपने आप में काफी महत्व है. इस दिन दीपावली भी मनाई जा रही है, जिसके चलते एस अमावस्या को फलदायी माना जा रहा है. यह साल की आखिरी सोमवती अमावस्या भी है. अमावस्या का इसलिए महत्व होता है कि इस दिन स्नान करने बाद दान किया जाता है. इस अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त कार्य भी किए जाते हैं और उनकी पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने से कई गुना फल प्राप्त होता है. आइए जानते हैं इसका महत्व और स्नान करने का शुभ मुहूर्त क्या है.
सोमवती अमावस्या के दिन स्नान करने का शुभ मुहूर्त: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पंडित तिलक राज ने बताया कि सोमवती अमावस्या का हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. इस दिन विशेष तौर पर पवित्र नदी में स्नान करने बाद दान करने से विशेष फल मिलता है. हिंदू पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या 12 नवंबर को दोपहर 2:44 से प्रारंभ हो रही है, जबकि इसका समापन 13 नवंबर को दोपहर 2:56 पर होगा. प्रत्येक वर्तमान त्योहार को सनातन धर्म में पूजा तिथि के साथ मनाया जाता है. इसलिए इस अमावस्या को 13 नवंबर के दिन मनाया जाएगा. वहीं, स्नान करने का शुभ मुहूर्त का 13 नवंबर की सुबह 4:56 से लेकर 5:59 बजे तक है, जबकि शुभ अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:40 से लेकर 12:27 तक रहेगा.
सोमवती अमावस्या का महत्व: ज्योतिषाचार्य के अनुसार, कार्तिक महीने में आने वाली सोमवती अमावस्या का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. इस दिन दिवाली भी होती है. इसी के चलते इस दिन पितरों के निर्मित कार्य भी किए जाते हैं. ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद परिवार पर बना रहता है. वहीं, सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी तालाब या कुंड में स्नान करने के बाद दान करने का भी विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि जो भी महिला इस दिन पवित्र नदी में स्नान करती है उसके पति की उम्र लंबी भी हो जाती है. यह भी मान्यता है कि इस दिन ही मनुष्य के पितरों की विदाई का दिन होता है. फिर श्राद्ध पक्ष में ही पितर घर में आते हैं.
घर में सुख समृद्धि और शांति के लिए करें ये उपाय: अमावस्या के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन जरूरतमंद लोगों को वस्त्र, खाने का सामान या पैसे दान करने चाहिए. ऐसे करने से उनके घर में सुख समृद्धि आती है और सभी प्रकार के रोग ओर दोष दूर हो जाते हैं. इस दिन दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. अगर कोई व्यक्ति इस दिन किसी भी प्रकार के अन्न का दान करता है तो उसकी आयु लंबी होती है. इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा अर्चना करने का भी विधि विधान होता है. घर में सुख समृद्धि के लिए लक्ष्मी माता और गणेश का पूजन किया जाता है. कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या सबसे बड़ी अमावस्या कहा जाता है. इसमें रात में घना अंधेरा होता है. मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी, पृथ्वी पर भ्रमण करने के लिए आती हैं.
सोमवती अमावस्या के दिन जरूरी बातें: सोमवती अमावस्या के दिन सूर्योदय से ही पहले पवित्र नदी या तालाब में स्नान करनी चाहिए. उसके बाद माता लक्ष्मी, गणेश भगवान, विष्णु भगवान और अपने पितरों के लिए पूजा अर्चना करनी चाहिए. उसके बाद जरूरतमंद लोगों को दान देना चाहिए. ऐसा करने से इंसान को कई प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख समृद्धि आती है. कार्तिक महीने में आने वाली अमावस्या के दिन विष्णु पुराण पढ़ना चाहिए और साथ ही दीपदान करने का भी बहुत फल मिलता है.
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