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हरियाणा के इस गांव के हर घर से विदेश में युवा, ये तरीका अपनाकर कमा रहे लाखों

हरियाणा में बेरोजगारी देश में सबसे ज्यादा है, जिसका तोड़ एक गांव ने निकाला है. वो किस तरीके से रोजगार पा रहे हैं और मोटी कमाई कर रहे हैं, ये जानना अपने आप में दिलचस्प है.

Karnal youth learning foreign languages
हरियाणा के युवाओं में बढ़ रहा है फॉरेन लैंग्वेज का क्रेज, इस जिले के बच्चे विदशों में कमा रहे लाखों रुपये
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Published : Jul 18, 2021, 5:02 PM IST

Updated : Jul 18, 2021, 7:14 PM IST

करनाल: हरियाणा के युवाओं में अब विदेशी भाषा सीखने का प्रचलन बढ़ रहा है. क्योंकि आज का दौर काफी कॉम्पिटिटिव हो चुका है. ऐसे में हिंदी और अंग्रेजी के अलावा मसलन फ्रैंच, स्पेनिश और चाइनीज भाषा सीखने का प्रचलन भी चल पड़ा है. इन भाषाओं को सीखने का मुख्य कारण ये भी है कि हरियाणा से ज्यादातर युवा विदेश जाकर अच्छा पैसा कमा रहे हैं. बात करनाल और कुरुक्षेत्र जिले की करें तो यहां से सबसे ज्यादा युवा हैं जो विदेशों का रुख कर रहे हैं.

युवाओं में विदेश जाने का इतना जूनून क्यों बढ़ता जा रहा है ये जानने के लिए हमने करनाल में कुछ विदेशी भाषा सिखाने वाले शिक्षकों से बात की जो अपना इंस्टीट्यूट चला रहे हैं. उनका कहना है कि अब बच्चे 12वीं पास करने के बाद हमारे पास अलग-अलग देशों की भाषा सीखने आते हैं और ये बच्चे सरकारी नौकरी की बजाय विदेश में जाना काफी पसंद कर रहे हैं. क्योंकि यहां नौकरियों की काफी कमी है और उन्हें इतनी सैलरी भी नहीं मिलती जितनी विदेशों में मिलती है.

करनाल जिले के बड़थल के गांव के बच्चे विदशों में जाकर कमा रहे लाखों रुपये

ये भी पढ़ें: भारतीय युवाओं की बढ़ने लगी विदेशी भाषाओं में रूचि, शहर-शहर खुलने लगे हैं कोचिंग इंस्टिट्यूट

आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरोना काल से पहले करनाल और कुरुक्षेत्र इन दो जिलों से 1 दिन में करीब एक हजार बच्चे विदेश जा रहे थे. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान थोड़ी कमी आई है. वहीं युवाओं ने बताया कि विदेशी भाषा सीखने के बाद उनको अपने भविष्य को लेकर भी ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि विदेशी भाषा सीखने के बाद उन्हें फॉरेन कंट्री में आसानी से नौकरी मिल जाती है.

वहीं बात करें अगर करनाल के गांव बड़थल की तो यहां 500 घर हैं जिनमें से 400 से ज्यादा घर के बच्चे बाहर गए हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के युवा पिछले कई वर्षों से बाहर जा रहे हैं और अच्छा पैसा कमा के यहां पर भेज रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव के ज्यादातर युवा 12वीं पास करने के बाद विभिन्न देशों की भाषा सीख कर विदेश जा रहे हैं और वहां फूड स्टोर, जनरल स्टोर, होटल या ट्रांसपोर्ट कंपनी काम कर मोटी कमाई कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हमारे यहां रोजगार की कमी के कारण बच्चे विदेशों का रुख कर रहे हैं. साथ ही अपने लाइफ स्टैंडर्ड को बेहतर करने के लिए भी विदेशी भाषा को सीख रहे हैं.

ये भी पढ़ें: युवाओं में बढ़ रहा विदेशी भाषा सीखने का प्रचलन, जगह-जगह खुले कोचिंग इंस्टीट्यूट

विदेशों में जाने के लिए पहले पंजाब का नाम सबसे पहले आता था लेकिन अब हरियाणा के करनाल और कुरुक्षेत्र के युवा भी विदेशों का रुख कर रहे हैं. इसलिए विदेशी भाषा सिखाने वाले इंस्टिट्यूट भी अच्छा पैसा कमा रहे हैं और इनमें पढ़ने वाले हजारों बच्चे इंग्लिश के साथ अन्य कई भाषाएं सीख कर बाहर जा रहे हैं और वहां पर अच्छा पैसा कमा रहे हैं.

करनाल: हरियाणा के युवाओं में अब विदेशी भाषा सीखने का प्रचलन बढ़ रहा है. क्योंकि आज का दौर काफी कॉम्पिटिटिव हो चुका है. ऐसे में हिंदी और अंग्रेजी के अलावा मसलन फ्रैंच, स्पेनिश और चाइनीज भाषा सीखने का प्रचलन भी चल पड़ा है. इन भाषाओं को सीखने का मुख्य कारण ये भी है कि हरियाणा से ज्यादातर युवा विदेश जाकर अच्छा पैसा कमा रहे हैं. बात करनाल और कुरुक्षेत्र जिले की करें तो यहां से सबसे ज्यादा युवा हैं जो विदेशों का रुख कर रहे हैं.

युवाओं में विदेश जाने का इतना जूनून क्यों बढ़ता जा रहा है ये जानने के लिए हमने करनाल में कुछ विदेशी भाषा सिखाने वाले शिक्षकों से बात की जो अपना इंस्टीट्यूट चला रहे हैं. उनका कहना है कि अब बच्चे 12वीं पास करने के बाद हमारे पास अलग-अलग देशों की भाषा सीखने आते हैं और ये बच्चे सरकारी नौकरी की बजाय विदेश में जाना काफी पसंद कर रहे हैं. क्योंकि यहां नौकरियों की काफी कमी है और उन्हें इतनी सैलरी भी नहीं मिलती जितनी विदेशों में मिलती है.

करनाल जिले के बड़थल के गांव के बच्चे विदशों में जाकर कमा रहे लाखों रुपये

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आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरोना काल से पहले करनाल और कुरुक्षेत्र इन दो जिलों से 1 दिन में करीब एक हजार बच्चे विदेश जा रहे थे. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान थोड़ी कमी आई है. वहीं युवाओं ने बताया कि विदेशी भाषा सीखने के बाद उनको अपने भविष्य को लेकर भी ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि विदेशी भाषा सीखने के बाद उन्हें फॉरेन कंट्री में आसानी से नौकरी मिल जाती है.

वहीं बात करें अगर करनाल के गांव बड़थल की तो यहां 500 घर हैं जिनमें से 400 से ज्यादा घर के बच्चे बाहर गए हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के युवा पिछले कई वर्षों से बाहर जा रहे हैं और अच्छा पैसा कमा के यहां पर भेज रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव के ज्यादातर युवा 12वीं पास करने के बाद विभिन्न देशों की भाषा सीख कर विदेश जा रहे हैं और वहां फूड स्टोर, जनरल स्टोर, होटल या ट्रांसपोर्ट कंपनी काम कर मोटी कमाई कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हमारे यहां रोजगार की कमी के कारण बच्चे विदेशों का रुख कर रहे हैं. साथ ही अपने लाइफ स्टैंडर्ड को बेहतर करने के लिए भी विदेशी भाषा को सीख रहे हैं.

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विदेशों में जाने के लिए पहले पंजाब का नाम सबसे पहले आता था लेकिन अब हरियाणा के करनाल और कुरुक्षेत्र के युवा भी विदेशों का रुख कर रहे हैं. इसलिए विदेशी भाषा सिखाने वाले इंस्टिट्यूट भी अच्छा पैसा कमा रहे हैं और इनमें पढ़ने वाले हजारों बच्चे इंग्लिश के साथ अन्य कई भाषाएं सीख कर बाहर जा रहे हैं और वहां पर अच्छा पैसा कमा रहे हैं.

Last Updated : Jul 18, 2021, 7:14 PM IST

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