करनाल: जब-जब देश को जरूरत पड़ी तो हरियाणा के वीरों ने दुश्मनों के दांत खट्टे किए हैं, लेकिन दुश्मन है कि कभी बाज नहीं आता. लगातार लोमड़ियों की तरह पीठ पर छिपकर कायरों की तरह वार करता है और वीर सपूतों को देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहूती देनी पड़ती है. सिर्फ करनाल ने ही आजादी से अब तक 29 वीरों का बलिदान दिया है.
पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों की कायराना हमले में हुई शहादत को लेकर देश का जनमानस गहन आक्रोश में है. ऐसे में उन शहीदों और उनके परिवारों की याद आना स्वाभाविक है जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की बाजी लगा दी. चाहे बात की जाए 1962 के भारत-चीन युद्ध की हो या 1965 और 1971 के पाकिस्तान युद्ध की. याद उनकी भी आएगी जो कारगिल युद्ध में शहीद हुए. श्रीलंका समस्या और नागालैंड की या कश्मीर में चलाए गए सुरक्षा अभियानों की करनाल के रणबांकुरो ने अपने अदम्य साहस से दुश्मनों के छक्के छुड़ाते हुए भारत माता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है.
पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले से इन सभी शहीदों के परिजनों की आंखों में आंसू आ गए और उन्हें अपने शहीद हुए बेटे पति की याद आ गई. जिला सैनिक और अर्धसैनिक कल्याण कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार भारत और चाइना की 1962 की लड़ाई के बाद भारत और पाकिस्तान की 1965 और 1971 की लड़ाई में करनाल जिले के 10 जवान शहीद हुए हैं. उनकी शहादत को आज भी याद किया जाता है.
इन प्रत्यक्ष और परोक्ष युद्धों में करनाल के अलग-अलग स्तर के 29 जवानों की शहादत हुई है जिनमें बड़ी संख्या में जाट, पंजाब और राजपूत रेजीमेंट के वीरों की है. इन शहीदों की शहादत को नमन करते हुए देश की केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ भारतीय सेना जिला सैनिक और अर्धसैनिक बोर्ड के माध्यम से इन परिवारों की देखभाल का जिम्मा उठाए हुए है.
आजादी से अबतक करनाल से शहीद हुए इतने लाल
नायक निशांत सिंह
निवासी- खेड़ी सर्फ अली-2 गांव
सिख एल आई
भारत चाइना-21 नवंबर 1962
सिपाही राम दिया
निवासी- पाढ़ा गांव
जाट रेजिमेंट
भारत-पाकिस्तान- 26 नवंबर 1965
लांस नायक सूबा सिंह
निवासी- गगसीना गांव
गार्ड्स
भारत पाकिस्तान-13 सितंबर 1965
एलटी अजीत गुप्ता
निवासी- सदर बाजार, करनाल
4 सिख
भारत पाकिस्तान-13 सितंबर 1965
सिपाही मोमन
निवासी- कुरलन गांव
जाट रेजिमेंट
भारत पाकिस्तान-7 सितंबर 1965
लांस नायक अर्जुन सिंह
निवासी- बड्थल गांव
जाट रेजिमेंट
भारत पाकिस्तान-22 सितंबर 1965
सिपाही तरसेम सिंह
सिख एल आई
भारत पाकिस्तान-6 दिसंबर 1971
एसडव्लूआर मान सिंह
निवासी- जुंडला
9 हॉर्स आर्म्स कॉपर्स
भारत पाकिस्तान-6 दिसंबर 1971
लांस नायक रतन सिंह
निवासी- राहड़ा गांव
16 ग्रेनेडियर, भारत पाकिस्तान-12 दिसंबर 1971
जीडीआर जय सिंह
निवासी- राहड़ा गांव
14 गर्नेडियर
भारत पाकिस्तान-14 दिसंबर 1971
जीएनआर ज्ञान सिंह
निवासी- निगदू अरती गांव
भारत पाकिस्तान-9 दिसंबर 1971
जीडीएसएम ओमप्रकाश
निवासी- स्टोनडी गांव
गार्ड्स
ऑपरेशन कैक्टस-3 मई 1975
एन के दर्शन सिंह
निवासी- आरके पुरम, करनाल
सिख एलआई आपरेशन पवन
श्रीलंका-29 जनवरी 1989
एनके मोहिंद्र सिंह
निवासी- बड़ौता गांव
जाट रेजिमेंट-ऑपरेशन पवन
श्रीलंका-12 अप्रैल 1989
एनके राजकुमार
निवासी- ब्रास
पंजाब रेजिमेंट-ऑपरेशन रक्षक
जम्मू कश्मीर-5 नवंबर 1995
हवलदार बलवंत सिंह
निवासी- बजीदा जाटान गांव
जाट रेजिमेंट ऑपरेशन रक्षक
जम्मू कश्मीर-5 नवंबर 1995
एचसी भगवान सिंह
निवासी- भुसली गांव
67 बटालियनसी आरपीएफ
बम ब्लास्ट-9 दिसंबर 1995
आरएफएन कृष्ण कुमार
निवासी- कुरलन गांव
57 राजपूत रेजिमेंट
ऑपरेशन रक्षक जम्मू कश्मीर-10 मई 2005
एसडव्लूआर सुल्तान
निवासी- कल्हेड़ी गांव
3 कावालरी ऑपरेशन रक्षक
जम्मू कश्मीर-30 अगस्त 2006
सिपाही-बलेन्द्र सिंह
निवासी- कोंड गांव
राजपूत रेजिमेंट
ऑपरेशन ओरचीड़ नागालैंड-27 सितंबर 1988
लांस नायक निशान सिंह
निवासी- काछवा गांव
सिख एलआई
ऑपरेशन ओरचीड़ जम्मू कश्मीर -22 मई 1996
आरएफएन प्रवेश कुमार
निवासी- मखाना गांव
राजपूत राइफल
ओपी विजय कारगिल-6 जून 1999
सिपाही गुलाब सिंह
निवासी- बल्ला गांव
4 जाट रेजिमेंट कारगिल-21 जून 1999
पीटीआर दरबारा सिंह
निवासी- उपलाना गांव
6 पैरा-सीआई विद मिलिटेंट्स-20 मार्च 2002
सिपाही पिंकू सिंह
निवासी- सालवन गांव
15 राजपूत-सीआई विद मिलिटेंट्स-20 मार्च 2002
एनके हुस्न लाल
निवासी- ब्रास गांव
2 पैरा एसएफ
युएन मिशन पीश कीपिंग-23 मई 2002
एचसी राम मेहर
निवासी- खेड़ी मान सिंह
74 बटालियन सीआरपीएफ
छत्तीसगढ़ सुकमा नक्सली हमला-24 अप्रैल 2017
सिपाही परगट सिंह
निवासी- रंम्बा गांव
2 सिख-ओपी रक्षक
जम्मू कश्मीर- 23 दिसंबर 2017
हवलदार बलजीत सिंह
निवासी- डिंगर माजरा गांव
2 मैक इन्फैंट्री
जम्मू कश्मीर- 11 फरवरी 2019
रिटायर ब्रिगेडियर एन के भंडारी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों को किसी भी सैनिक के शहीद होने पर प्रशासन और सेना की तरफ से सेवाएं मुहैया करवाई जाती हैं. उनका ध्यान अच्छे तरीके से ध्यान रखा जाता है ताकि उनको किसी भी तरह से दिक्कत ना हो. उन्होंने आम जन से भी अपील की है कि लोगों को भी चाहिए कि शहीद परिवार के मान-सम्मान के लिए तैयार रहना चाहिए.