ETV Bharat / state

देश के लिए हरियाणा के वीरों ने हर बार किया प्राण न्योछावर, आजादी से अब तक करनाल ने खोए इतने सपूत - शहीद

प्रत्यक्ष और परोक्ष युद्धों में करनाल के अलग-अलग स्तर के 29 जवानों की शहादत हुई है जिनमें बड़ी संख्या में जाट, पंजाब और राजपूत रेजीमेंट के वीरों की है. इन शहीदों की शहादत को नमन करते हुए देश की केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ भारतीय सेना जिला सैनिक और अर्धसैनिक बोर्ड के माध्यम से इन परिवारों की देखभाल का जिम्मा उठाए हुए है.

देश के लिए हरियाणा के वीरों ने हर बार किया प्राण न्योछावर
author img

By

Published : Feb 21, 2019, 9:35 PM IST

करनाल: जब-जब देश को जरूरत पड़ी तो हरियाणा के वीरों ने दुश्मनों के दांत खट्टे किए हैं, लेकिन दुश्मन है कि कभी बाज नहीं आता. लगातार लोमड़ियों की तरह पीठ पर छिपकर कायरों की तरह वार करता है और वीर सपूतों को देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहूती देनी पड़ती है. सिर्फ करनाल ने ही आजादी से अब तक 29 वीरों का बलिदान दिया है.

रिटायर ब्रिगेडियर एन के भंडारी

पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों की कायराना हमले में हुई शहादत को लेकर देश का जनमानस गहन आक्रोश में है. ऐसे में उन शहीदों और उनके परिवारों की याद आना स्वाभाविक है जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की बाजी लगा दी. चाहे बात की जाए 1962 के भारत-चीन युद्ध की हो या 1965 और 1971 के पाकिस्तान युद्ध की. याद उनकी भी आएगी जो कारगिल युद्ध में शहीद हुए. श्रीलंका समस्या और नागालैंड की या कश्मीर में चलाए गए सुरक्षा अभियानों की करनाल के रणबांकुरो ने अपने अदम्य साहस से दुश्मनों के छक्के छुड़ाते हुए भारत माता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है.

पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले से इन सभी शहीदों के परिजनों की आंखों में आंसू आ गए और उन्हें अपने शहीद हुए बेटे पति की याद आ गई. जिला सैनिक और अर्धसैनिक कल्याण कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार भारत और चाइना की 1962 की लड़ाई के बाद भारत और पाकिस्तान की 1965 और 1971 की लड़ाई में करनाल जिले के 10 जवान शहीद हुए हैं. उनकी शहादत को आज भी याद किया जाता है.

undefined

इन प्रत्यक्ष और परोक्ष युद्धों में करनाल के अलग-अलग स्तर के 29 जवानों की शहादत हुई है जिनमें बड़ी संख्या में जाट, पंजाब और राजपूत रेजीमेंट के वीरों की है. इन शहीदों की शहादत को नमन करते हुए देश की केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ भारतीय सेना जिला सैनिक और अर्धसैनिक बोर्ड के माध्यम से इन परिवारों की देखभाल का जिम्मा उठाए हुए है.

आजादी से अबतक करनाल से शहीद हुए इतने लाल


नायक निशांत सिंह
निवासी- खेड़ी सर्फ अली-2 गांव
सिख एल आई
भारत चाइना-21 नवंबर 1962

सिपाही राम दिया
निवासी- पाढ़ा गांव
जाट रेजिमेंट
भारत-पाकिस्तान- 26 नवंबर 1965


लांस नायक सूबा सिंह
निवासी- गगसीना गांव
गार्ड्स
भारत पाकिस्तान-13 सितंबर 1965

एलटी अजीत गुप्ता
निवासी- सदर बाजार, करनाल
4 सिख
भारत पाकिस्तान-13 सितंबर 1965

सिपाही मोमन
निवासी- कुरलन गांव
जाट रेजिमेंट
भारत पाकिस्तान-7 सितंबर 1965

लांस नायक अर्जुन सिंह
निवासी- बड्थल गांव
जाट रेजिमेंट
भारत पाकिस्तान-22 सितंबर 1965

सिपाही तरसेम सिंह
सिख एल आई
भारत पाकिस्तान-6 दिसंबर 1971

undefined

एसडव्लूआर मान सिंह
निवासी- जुंडला
9 हॉर्स आर्म्स कॉपर्स
भारत पाकिस्तान-6 दिसंबर 1971

लांस नायक रतन सिंह
निवासी- राहड़ा गांव
16 ग्रेनेडियर, भारत पाकिस्तान-12 दिसंबर 1971

जीडीआर जय सिंह
निवासी- राहड़ा गांव
14 गर्नेडियर
भारत पाकिस्तान-14 दिसंबर 1971

जीएनआर ज्ञान सिंह
निवासी- निगदू अरती गांव
भारत पाकिस्तान-9 दिसंबर 1971

जीडीएसएम ओमप्रकाश
निवासी- स्टोनडी गांव
गार्ड्स
ऑपरेशन कैक्टस-3 मई 1975

एन के दर्शन सिंह
निवासी- आरके पुरम, करनाल
सिख एलआई आपरेशन पवन
श्रीलंका-29 जनवरी 1989

एनके मोहिंद्र सिंह
निवासी- बड़ौता गांव
जाट रेजिमेंट-ऑपरेशन पवन
श्रीलंका-12 अप्रैल 1989

एनके राजकुमार
निवासी- ब्रास
पंजाब रेजिमेंट-ऑपरेशन रक्षक
जम्मू कश्मीर-5 नवंबर 1995

हवलदार बलवंत सिंह
निवासी- बजीदा जाटान गांव
जाट रेजिमेंट ऑपरेशन रक्षक
जम्मू कश्मीर-5 नवंबर 1995

एचसी भगवान सिंह
निवासी- भुसली गांव
67 बटालियनसी आरपीएफ
बम ब्लास्ट-9 दिसंबर 1995

आरएफएन कृष्ण कुमार
निवासी- कुरलन गांव
57 राजपूत रेजिमेंट
ऑपरेशन रक्षक जम्मू कश्मीर-10 मई 2005

एसडव्लूआर सुल्तान
निवासी- कल्हेड़ी गांव
3 कावालरी ऑपरेशन रक्षक
जम्मू कश्मीर-30 अगस्त 2006

undefined

सिपाही-बलेन्द्र सिंह
निवासी- कोंड गांव
राजपूत रेजिमेंट
ऑपरेशन ओरचीड़ नागालैंड-27 सितंबर 1988

लांस नायक निशान सिंह
निवासी- काछवा गांव
सिख एलआई
ऑपरेशन ओरचीड़ जम्मू कश्मीर -22 मई 1996

आरएफएन प्रवेश कुमार
निवासी- मखाना गांव
राजपूत राइफल
ओपी विजय कारगिल-6 जून 1999

सिपाही गुलाब सिंह
निवासी- बल्ला गांव
4 जाट रेजिमेंट कारगिल-21 जून 1999

पीटीआर दरबारा सिंह
निवासी- उपलाना गांव
6 पैरा-सीआई विद मिलिटेंट्स-20 मार्च 2002

सिपाही पिंकू सिंह
निवासी- सालवन गांव
15 राजपूत-सीआई विद मिलिटेंट्स-20 मार्च 2002

एनके हुस्न लाल
निवासी- ब्रास गांव
2 पैरा एसएफ
युएन मिशन पीश कीपिंग-23 मई 2002

एचसी राम मेहर
निवासी- खेड़ी मान सिंह
74 बटालियन सीआरपीएफ
छत्तीसगढ़ सुकमा नक्सली हमला-24 अप्रैल 2017

सिपाही परगट सिंह
निवासी- रंम्बा गांव
2 सिख-ओपी रक्षक
जम्मू कश्मीर- 23 दिसंबर 2017

हवलदार बलजीत सिंह
निवासी- डिंगर माजरा गांव
2 मैक इन्फैंट्री
जम्मू कश्मीर- 11 फरवरी 2019

रिटायर ब्रिगेडियर एन के भंडारी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों को किसी भी सैनिक के शहीद होने पर प्रशासन और सेना की तरफ से सेवाएं मुहैया करवाई जाती हैं. उनका ध्यान अच्छे तरीके से ध्यान रखा जाता है ताकि उनको किसी भी तरह से दिक्कत ना हो. उन्होंने आम जन से भी अपील की है कि लोगों को भी चाहिए कि शहीद परिवार के मान-सम्मान के लिए तैयार रहना चाहिए.

undefined

करनाल: जब-जब देश को जरूरत पड़ी तो हरियाणा के वीरों ने दुश्मनों के दांत खट्टे किए हैं, लेकिन दुश्मन है कि कभी बाज नहीं आता. लगातार लोमड़ियों की तरह पीठ पर छिपकर कायरों की तरह वार करता है और वीर सपूतों को देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहूती देनी पड़ती है. सिर्फ करनाल ने ही आजादी से अब तक 29 वीरों का बलिदान दिया है.

रिटायर ब्रिगेडियर एन के भंडारी

पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों की कायराना हमले में हुई शहादत को लेकर देश का जनमानस गहन आक्रोश में है. ऐसे में उन शहीदों और उनके परिवारों की याद आना स्वाभाविक है जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की बाजी लगा दी. चाहे बात की जाए 1962 के भारत-चीन युद्ध की हो या 1965 और 1971 के पाकिस्तान युद्ध की. याद उनकी भी आएगी जो कारगिल युद्ध में शहीद हुए. श्रीलंका समस्या और नागालैंड की या कश्मीर में चलाए गए सुरक्षा अभियानों की करनाल के रणबांकुरो ने अपने अदम्य साहस से दुश्मनों के छक्के छुड़ाते हुए भारत माता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है.

पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले से इन सभी शहीदों के परिजनों की आंखों में आंसू आ गए और उन्हें अपने शहीद हुए बेटे पति की याद आ गई. जिला सैनिक और अर्धसैनिक कल्याण कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार भारत और चाइना की 1962 की लड़ाई के बाद भारत और पाकिस्तान की 1965 और 1971 की लड़ाई में करनाल जिले के 10 जवान शहीद हुए हैं. उनकी शहादत को आज भी याद किया जाता है.

undefined

इन प्रत्यक्ष और परोक्ष युद्धों में करनाल के अलग-अलग स्तर के 29 जवानों की शहादत हुई है जिनमें बड़ी संख्या में जाट, पंजाब और राजपूत रेजीमेंट के वीरों की है. इन शहीदों की शहादत को नमन करते हुए देश की केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ भारतीय सेना जिला सैनिक और अर्धसैनिक बोर्ड के माध्यम से इन परिवारों की देखभाल का जिम्मा उठाए हुए है.

आजादी से अबतक करनाल से शहीद हुए इतने लाल


नायक निशांत सिंह
निवासी- खेड़ी सर्फ अली-2 गांव
सिख एल आई
भारत चाइना-21 नवंबर 1962

सिपाही राम दिया
निवासी- पाढ़ा गांव
जाट रेजिमेंट
भारत-पाकिस्तान- 26 नवंबर 1965


लांस नायक सूबा सिंह
निवासी- गगसीना गांव
गार्ड्स
भारत पाकिस्तान-13 सितंबर 1965

एलटी अजीत गुप्ता
निवासी- सदर बाजार, करनाल
4 सिख
भारत पाकिस्तान-13 सितंबर 1965

सिपाही मोमन
निवासी- कुरलन गांव
जाट रेजिमेंट
भारत पाकिस्तान-7 सितंबर 1965

लांस नायक अर्जुन सिंह
निवासी- बड्थल गांव
जाट रेजिमेंट
भारत पाकिस्तान-22 सितंबर 1965

सिपाही तरसेम सिंह
सिख एल आई
भारत पाकिस्तान-6 दिसंबर 1971

undefined

एसडव्लूआर मान सिंह
निवासी- जुंडला
9 हॉर्स आर्म्स कॉपर्स
भारत पाकिस्तान-6 दिसंबर 1971

लांस नायक रतन सिंह
निवासी- राहड़ा गांव
16 ग्रेनेडियर, भारत पाकिस्तान-12 दिसंबर 1971

जीडीआर जय सिंह
निवासी- राहड़ा गांव
14 गर्नेडियर
भारत पाकिस्तान-14 दिसंबर 1971

जीएनआर ज्ञान सिंह
निवासी- निगदू अरती गांव
भारत पाकिस्तान-9 दिसंबर 1971

जीडीएसएम ओमप्रकाश
निवासी- स्टोनडी गांव
गार्ड्स
ऑपरेशन कैक्टस-3 मई 1975

एन के दर्शन सिंह
निवासी- आरके पुरम, करनाल
सिख एलआई आपरेशन पवन
श्रीलंका-29 जनवरी 1989

एनके मोहिंद्र सिंह
निवासी- बड़ौता गांव
जाट रेजिमेंट-ऑपरेशन पवन
श्रीलंका-12 अप्रैल 1989

एनके राजकुमार
निवासी- ब्रास
पंजाब रेजिमेंट-ऑपरेशन रक्षक
जम्मू कश्मीर-5 नवंबर 1995

हवलदार बलवंत सिंह
निवासी- बजीदा जाटान गांव
जाट रेजिमेंट ऑपरेशन रक्षक
जम्मू कश्मीर-5 नवंबर 1995

एचसी भगवान सिंह
निवासी- भुसली गांव
67 बटालियनसी आरपीएफ
बम ब्लास्ट-9 दिसंबर 1995

आरएफएन कृष्ण कुमार
निवासी- कुरलन गांव
57 राजपूत रेजिमेंट
ऑपरेशन रक्षक जम्मू कश्मीर-10 मई 2005

एसडव्लूआर सुल्तान
निवासी- कल्हेड़ी गांव
3 कावालरी ऑपरेशन रक्षक
जम्मू कश्मीर-30 अगस्त 2006

undefined

सिपाही-बलेन्द्र सिंह
निवासी- कोंड गांव
राजपूत रेजिमेंट
ऑपरेशन ओरचीड़ नागालैंड-27 सितंबर 1988

लांस नायक निशान सिंह
निवासी- काछवा गांव
सिख एलआई
ऑपरेशन ओरचीड़ जम्मू कश्मीर -22 मई 1996

आरएफएन प्रवेश कुमार
निवासी- मखाना गांव
राजपूत राइफल
ओपी विजय कारगिल-6 जून 1999

सिपाही गुलाब सिंह
निवासी- बल्ला गांव
4 जाट रेजिमेंट कारगिल-21 जून 1999

पीटीआर दरबारा सिंह
निवासी- उपलाना गांव
6 पैरा-सीआई विद मिलिटेंट्स-20 मार्च 2002

सिपाही पिंकू सिंह
निवासी- सालवन गांव
15 राजपूत-सीआई विद मिलिटेंट्स-20 मार्च 2002

एनके हुस्न लाल
निवासी- ब्रास गांव
2 पैरा एसएफ
युएन मिशन पीश कीपिंग-23 मई 2002

एचसी राम मेहर
निवासी- खेड़ी मान सिंह
74 बटालियन सीआरपीएफ
छत्तीसगढ़ सुकमा नक्सली हमला-24 अप्रैल 2017

सिपाही परगट सिंह
निवासी- रंम्बा गांव
2 सिख-ओपी रक्षक
जम्मू कश्मीर- 23 दिसंबर 2017

हवलदार बलजीत सिंह
निवासी- डिंगर माजरा गांव
2 मैक इन्फैंट्री
जम्मू कश्मीर- 11 फरवरी 2019

रिटायर ब्रिगेडियर एन के भंडारी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों को किसी भी सैनिक के शहीद होने पर प्रशासन और सेना की तरफ से सेवाएं मुहैया करवाई जाती हैं. उनका ध्यान अच्छे तरीके से ध्यान रखा जाता है ताकि उनको किसी भी तरह से दिक्कत ना हो. उन्होंने आम जन से भी अपील की है कि लोगों को भी चाहिए कि शहीद परिवार के मान-सम्मान के लिए तैयार रहना चाहिए.

undefined
Intro:वर्ष 1962 से भारत और चाइना की लड़ाई से लेकर पुलवामा आतंकी हमले तक करनाल जिले के हुए 29 जवान शहीद


Body:वर्ष 1962 से भारत और चाइना की लड़ाई से लेकर पुलवामा आतंकी हमले तक जिले के 29 जवान शहीद हो चुके हैं । सभी जंगो में करनाल के सैनिकों ने दुश्मनों को अपने नाम का लोहा मनवाया है । शहीद होने वाले यह जवान सबसे ज्यादा जाट, सिख व राजपूत रेजीमेंट से हैं । पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले से इन सभी शहीदों के परिजनों की आंखों में आंसू आ गए और उन्हें अपने शहीद हुए बेटे पति की याद आ गई । जिला सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार भारत और चाइना की 1962 की लड़ाई के बाद भारत और पाकिस्तान की 1965 और 1971 की लड़ाई में करनाल जिले के 10 जवान शहीद हुए हैं । उनकी शहादत को आज भी याद किया जाता है ।

पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों की कायराना पूर्ण हमले में हुई शहादत को लेकर देश का जनमानस गहन आक्रोश में है । ऐसे में उन शहीदों और उनके परिवारों की याद आना स्वाभाविक है जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की बाजी लगा दी । चाहे बात की जाए 1962 के भारत-चीन युद्ध की या 1965 और 1971 के पाकिस्तान युद्ध की या फिर कारगिल युद्ध की , चाहे बात की जाए श्री लंका समस्या और नागालैंड की या कश्मीर में चलाए गए सुरक्षा अभियानों की करनाल के रणबांकुरो ने अपने अदम्य साहस से दुश्मनों के छक्के छुड़ाते हुए भारत माता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है । इन प्रत्यक्ष और परोक्ष युद्धों में करनाल के विभिन्न स्तर के 29 जवानों की शहादत हुई है जिनमें बड़ी संख्या जाट, पंजाब और राजपूत रेजीमेंट के वीरों की है ।इन शहीदों की शहादत को नमन करते हुए देश की केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ भारतीय सेना जिला सैनिक और अर्धसैनिक बोर्ड के माध्यम से इन परिवारों की देखभाल का जिम्मा उठाए हुए है।

रैंक व जवान - यूनिट- लड़ाई - शहीद हुए


1-नायक निशांत सिंह-खेड़ी सर्फ अली-2 सिख एल आई-भारत चाइना-21नबम्बर 1962
2- सिपाही राम दिया - पाढ़ा - जाट रेजिमेंट- भारत पाकिस्तान -26 नबम्बर 1965
3- लांस नायक सूबा सिंह- गगसीना-गार्ड्स-भारत पाकिस्तान-13 सितम्बर 1965
4- एल टी अजीत गुप्ता - सदर बाजार करनाल- 4 सिख- भारत पाकिस्तान-13 सितंबर 1965
5- सिपाही मोमन- कुरलन-जाट रेजिमेंट- भारत पाकिस्तान-7-सितम्बर 1965
6-लांस नायक अर्जुन सिंह-बड्थल-जाट रेजिमेंट-भारत पाकिस्तान-22 सितम्बर 1965
7-सिपाही तरसेम सिंह-सिख एल आई-भारत पाकिस्तान-6 दिसम्बर 1971
8-एसडव्लूआर मान सिंह-जुंडला-9 हॉर्स आर्म्स कापर्स-भारत पाकिस्तान-6 दिसम्बर 1971
9-लांस नायक रतन सिंह - राहड़ा-16 ग्रेनेडियर-भारत पाकिस्तान-12दिसम्बर 1971
10-जीडीआर जय सिंह-राहड़ा-14 गर्नेडियर-भारत पाकिस्तान-14 दिसम्बर 1971
11-जीएनआर ज्ञान सिंह- निगदू-अरती-भारत पाकिस्तान-9 दिसम्बर 1971
12-जीडीएसएम ओमप्रकाश-स्टोनडी-गार्ड्स-ऑपरेशन कैक्टस-3 मई 1975
13-एन के दर्शन सिंह-आरके पुरम करनाल-सिख एलआई-आपरेशन पवन श्रीलंका-29 जनवरी 1989
14-एनके मोहिंद्र सिंह-बड़ौता-जाट रेजिमेंट-ऑपरेशन पवन श्रीलंका-12 अप्रैल 1989
15-एनके राजकुमार-ब्रास-पंजाब रेजिमेंट-ऑपरेशन रक्षक जम्मू कश्मीर-5 नबम्बर 1995
16-हवलदार बलवंत सिंह-बजीदा जाटान-जाट रेजिमेंट-ऑपरेशन रक्षक जम्मू कश्मीर-5नबम्बर1995
17-एचसी भगवान सिंह-भुसली-67बटालियनसी आरपीएफ-बम ब्लास्ट-9 दिसम्बर 1995
18-आरएफएन कृष्ण कुमार- कुरलन-57 राजपूत
रेजिमेंट-ऑपरेशन रक्षक जम्मू कश्मीर-10मई 2005
19-एसडव्लूआर सुल्तान-कल्हेड़ी-3 कावालरी-ऑपरेशन रक्षक जम्मू कश्मीर-30-अगस्त 2006
20-सिपाही-बलेन्द्र सिंह-कोंड-राजपूत रेजिमेंट-ऑपरेशन ओरचीड़ नागालैंड-27 सितम्बर1988
21-लांस नायक-निशान सिंह-काछवा-सिख एलआई-ऑपरेशन ओरचीड़ जम्मू कश्मीर -22 मई1996
22-आरएफएन प्रवेश कुमार-मखाना-राजपूत राइफल-ओपी विजय कारगिल-6 जून 1999
23-सिपाही गुलाब सिंह-बल्ला-4 जाट रेजिमेंट-कारगिल-21जून 1999
24-पीटीआर दरबारा सिंह-उपलाना-6 पैरा-सीआई विद मिलिटेंट्स-20 मार्च 2002
25-सिपाही पिंकू सिंह-सालवन-15 राजपूत-सीआई विद मिलिटेंट्स-20मार्च2002
26-एनके हुस्न लाल-ब्रास-2 पैरा एस एफ़-युएन मिशन पीश कीपिंग-23मई2002
27-एचसी राम मेहर-खेड़ी मान सिंह-74 बटालियन सीआरपीएफ-छत्तीसगढ़ सुकमा नक्सली हमला-24अप्रैल2017
28-सिपाही-परगट सिंह-रंम्बा-2 सिख-ओपी रक्षक जम्मू कश्मीर-23 दिसम्बर2017
29-हवलदार-बलजीत सिंह-डिंगर माजरा-2 मैक इन्फैंट्री-जम्मू कश्मीर-11फरबरी2019


Conclusion:बाईट - ब्रिगेडियर सेवा निवर्त-एन के भंडारी

रिटायर ब्रिगेडियर एन के भंडारी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि करनाल जिले से 1962 से लेकर अभी तक 29 सैनिक शहीद हुए हैं शहीदों के परिवारों को किसी भी सैनिक के शहीद होने पर प्रशासन व सेना द्वारा सेवाएं मोहिया कराई जाती हैं उनका अच्छे तरीके से ध्यान रखा जाता है तांकि उनको किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो,हम सभी को चाहिए कि 24 बाई 7 उनके मान सम्मान के लिए तैयार रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि देश के नागरिक पहले खुद अनुशासन में रहे फिर देश की सेवा के लिए भी ततपर रहे ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.