करनालः मंजिले उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है.
पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है..
ये कहावत करनाल के नितिन ललित पर बिल्कुल सटीक बैठती है. जिन्होंने कनाडा में लाखों रुपए की सैलरी वाली नौकरी को छोड़कर स्टार्ट अप के रास्ते से अपना, देश और समाज का भविष्य बनाने का बीड़ा उठाया और अब उस रास्ते पर लगातार आगे बढ़ते हुए पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण में अपना योगदान देते हुए पैसा भी कमा रहे हैं.
देश में गमलों में सजावटी पौधे लगाना आम बात है, जिसमें लाखों लीटर पानी की बर्बादी होती है. नितिन ने इसी पानी के बर्बादी को रोकने और पॉलिथिन और प्लास्टिक वेस्ट के रियूज के लिए डिजाइनर गमले तैयार करने का काम शुरू किया. इसके लिए उन्होंने करनाल में अल्फा एडवांस एलएलपी नाम से कंपनी बनाई और वेस्ट प्लास्टिक को रिसायकल कर एक डाई में लेकर उसकी डिजाइन युक्त शीट तैयार करने के बाद, उन्हें मोड़कर अलग-अलग साइज के गमले बनाने का काम शुरू किया.
गमले में एक डिजाइन में जल संचय के लिए छोटा वाटर रिजर्वायर फिट किया जाता है. जिसके बाद नारियल का बुरादा, चावल मिल की एश और वर्मी कंपोस्ट के मिश्रण से तैयार खाद को गमले में डालकर उसमें पौधे लगाए जाते हैं, जिनमें सामान्य गमलों की तुलना में एक चौथाई कम पानी डाला जाता है. इतना ही नहीं गमले में एक बार पानी डालने के बाद कई दिनों तक पानी डालने की जरूरत नहीं पड़ती है.
नितिन ललित ने अपने स्टार्ट अप की शुरुआत करनाल शहर के दक्षिणी हिस्से में एक खाली राइस मिल के परिसर में किया. जहां पर पौधों की जरूरत को पूरा करने के लिए उन्होंने खुद की ही नर्सरी बना ली है. जिसमें फूल और फलों के पौधे तैयार किए जा रहे हैं, जो बड़ी तादाद में हैं.
पर्यावरण और जल संरक्षण में मददगार स्टार्टअप कंपनी का दौरा भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की संयुक्त सचिव रेखा शुक्ला ने भी किया. रेखा शुक्ला जल शक्ति अभियान के सिलसिले में करनाल आई थीं. रेखा शुक्ला के साथ करनाल के जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने नितिन ललित के वर्क साइट का दौरा किया और प्लास्टिक निर्मित खूबसूरत गमलों के मैन्युफैक्चरिंग से लेकर पौधों की ग्रोथ तक के बारे में जानकारी ली.
करनाल नगर निगम जल की बर्बादी और प्लास्टिक वेस्ट के खिलाफ मुहिम चला रहा हैं. जिसको लेकर करनाल के उप निगम आयुक्त का कहना है कि नितिन की योजना इस सिलसिले में काफी कारगर साबित हो रही है. जिसके चलते नितिन के बनाए तिरंगे के रंग में रंगे गमलों को इस स्वतंत्रता दिवस पर बलड़ी बाईपास से लेकर क्लॉक टॉवर चौक तक बिजली के पोल पर लगाया जाएगा. जिससे शहर की सुंदरता भी बढ़ेगी और लोगों को कुछ नया देखने को भी मिलेगा. साथ लोगों को पर्यावरण और जल संरक्षण का संदेश भी दिया जा सकेगा.
नितिन ललित ने साल 2007 में कनाडा का रुख कर ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में स्पेशलाइजेशन किया और वहां काम करना शुरू किया. लेकिन साल 2009 में व्यापारिक मंदी आने से जॉब चली गई और एक स्थानीय गैरेज में काम मिल गया. जिसके बाद उन्होंने जनरल मोटर कंपनी में करीब 4 साल तक सर्टिफाइड मैकेनिक के रुप में काम किया. नितिन साल 2016 तक कनाडा में रहे. इसी दौरान उन्हें भारत में केंद्र सरकार की स्टार्ट अप इंडिया प्रोग्राम के बारे में पता चला जिसके बाद उन्हें स्वदेश आने और कुछ नया करने की सूझी.
नितिन ने बताया कि बीते नवंबर में पुणे में फूलों और पौधों की एक विशाल प्रदर्शनी लगी थी. जिसमें उन्होंने भी हिस्सा लिया, जहां उनके गमलों और पौधों को देखकर उन्हें प्रशंसा पत्र भी दिया गया.