ETV Bharat / state

करनाल: अनाथालय के मैनेजमेंट पर लगा महिलाओं को टॉर्चर करने का आरोप, डीसी को दी गई शिकायत

सोमवार को करनाल स्थित श्रद्धानंद अनाथालय में हड़कंप मच गया, क्योंकि कुछ छात्राएं और महिलाएं डीसी ऑफिस पहुंच गई. उपायुक्त के सामने छात्राओं व महिलाओं ने अपनी समस्याएं रखी. वहीं अब इस पूरे मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने हस्तक्षेप किया है.

author img

By

Published : Jun 22, 2021, 7:13 AM IST

karnal shradhanand orphanage
karnal shradhanand orphanage

करनाल: श्रद्वानंद अनाथालय में अब छात्राएं व महिलाएं कोई भी परेशानी होने पर सीधे अधिकारियों से संपर्क कर सकेंगी. यहीं नहीं, वे राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भी अपनी समस्या से अवगत करा सकेंगी. इसके लिए उन्हें आयोग के साथ-साथ सभी संबंधित अधिकारियों के भी मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए गए हैं. इन छात्राओं की हर 15 दिन में काउंसलिंग भी की जाएगी, जिसके लिए ट्रेंड काउंसलर की नियुक्ति की जाएगी.

बता दें कि प्रबंधन में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया था, जब कुछ छात्राएं डीसी दरबार पहुंच गई थी. उन्होंने स्टाफ पूरा ना होने से लेकर कई अन्य परेशानियां बताईं, तो डीसी ने भी उन्हें जांच कराए जाने का भरोसा दिया. इस मामले को लेकर संबंधित संस्थानों में चर्चा ही हो रही थी कि शाम के समय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ज्योति बैंदा निरीक्षण के लिए पहुंच गईं.

अनाथालय के मैनेजमेंट पर लगा महिलाओं को टॉर्चर करने का आरोप, डीसी को दी गई शिकायत

ये भी पढे़ं- करनाल में युवक को पेड़ पर लटकाकर पीटने के मामले में दो आरोपी अभी तक फरार

उन्होंने करीब तीन घंटे तक निरीक्षण किया और छात्राओं व महिलाओं से विस्तार से चर्चा भी की. उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि वे अपने स्तर पर ही निरीक्षण करने पहुंची थी, लेकिन यहां उनके संज्ञान में छात्राओं द्वारा अपनी परेशानियों को लेकर उठाया गया मामला भी आया. उन्होंने बताया कि कुछ छात्राएं यहां से कुछ टीचर बदले जाने के चलते भावुक हो गई थी, लेकिन उन्हें समझाया गया है.

उन्हें यहां छात्राओं को होने वाली कोई गंभीर परेशानी नहीं मिली, लेकिन इनके लिए ट्रेंड काउंसलर की व्यवस्था नहीं है, जिसकी नियुक्ति को लेकर निर्देश दे दिए गए हैं. यहीं नहीं यहां अन्य स्टाफ की कमी भी जल्द दूर कर दी जाएगी, जिसके लिए भी प्रबंधन से चर्चा कर निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों के अधिकारों को लेकर आयोग पूरी तरह से गंभीर है और जहां बच्चे रह रहे हैं उन संस्थानों का लगातार निरीक्षण किया जाता है.

ये भी पढ़ें- बर्बरता की हद: सोशल मीडिया पर फेमस हुआ कुत्ता तो जलन में कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला!

बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष ज्योति बैंदा ने बताया कि कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके और उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक व सामाजिक समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए विशेष आश्रम बनाए जाने को लेकर प्रदेश सरकार को आयोग की ओर से प्रस्ताव भेजा है. आयोग बच्चों के अधिकारों को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और ऐसे 1600 बच्चे सर्वे कर चिन्हित कर लिए गए हैं.

करनाल: श्रद्वानंद अनाथालय में अब छात्राएं व महिलाएं कोई भी परेशानी होने पर सीधे अधिकारियों से संपर्क कर सकेंगी. यहीं नहीं, वे राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भी अपनी समस्या से अवगत करा सकेंगी. इसके लिए उन्हें आयोग के साथ-साथ सभी संबंधित अधिकारियों के भी मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए गए हैं. इन छात्राओं की हर 15 दिन में काउंसलिंग भी की जाएगी, जिसके लिए ट्रेंड काउंसलर की नियुक्ति की जाएगी.

बता दें कि प्रबंधन में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया था, जब कुछ छात्राएं डीसी दरबार पहुंच गई थी. उन्होंने स्टाफ पूरा ना होने से लेकर कई अन्य परेशानियां बताईं, तो डीसी ने भी उन्हें जांच कराए जाने का भरोसा दिया. इस मामले को लेकर संबंधित संस्थानों में चर्चा ही हो रही थी कि शाम के समय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ज्योति बैंदा निरीक्षण के लिए पहुंच गईं.

अनाथालय के मैनेजमेंट पर लगा महिलाओं को टॉर्चर करने का आरोप, डीसी को दी गई शिकायत

ये भी पढे़ं- करनाल में युवक को पेड़ पर लटकाकर पीटने के मामले में दो आरोपी अभी तक फरार

उन्होंने करीब तीन घंटे तक निरीक्षण किया और छात्राओं व महिलाओं से विस्तार से चर्चा भी की. उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि वे अपने स्तर पर ही निरीक्षण करने पहुंची थी, लेकिन यहां उनके संज्ञान में छात्राओं द्वारा अपनी परेशानियों को लेकर उठाया गया मामला भी आया. उन्होंने बताया कि कुछ छात्राएं यहां से कुछ टीचर बदले जाने के चलते भावुक हो गई थी, लेकिन उन्हें समझाया गया है.

उन्हें यहां छात्राओं को होने वाली कोई गंभीर परेशानी नहीं मिली, लेकिन इनके लिए ट्रेंड काउंसलर की व्यवस्था नहीं है, जिसकी नियुक्ति को लेकर निर्देश दे दिए गए हैं. यहीं नहीं यहां अन्य स्टाफ की कमी भी जल्द दूर कर दी जाएगी, जिसके लिए भी प्रबंधन से चर्चा कर निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों के अधिकारों को लेकर आयोग पूरी तरह से गंभीर है और जहां बच्चे रह रहे हैं उन संस्थानों का लगातार निरीक्षण किया जाता है.

ये भी पढ़ें- बर्बरता की हद: सोशल मीडिया पर फेमस हुआ कुत्ता तो जलन में कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला!

बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष ज्योति बैंदा ने बताया कि कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके और उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक व सामाजिक समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए विशेष आश्रम बनाए जाने को लेकर प्रदेश सरकार को आयोग की ओर से प्रस्ताव भेजा है. आयोग बच्चों के अधिकारों को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और ऐसे 1600 बच्चे सर्वे कर चिन्हित कर लिए गए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.