करनाल: जिले में कोरोना ने एक तरफ जहां लोगों की जिंदगी को तबाह कर रखा है. वहीं उद्योगों को भी बर्बाद करके रख दिया है. बता दें कि कोरोना का असर सरकारी विभागों में भी दिखाई दे रहा है. कोरोना के चलते हरियाणा रोडवेज के करनाल डिपो को प्रतिदिन करीब 10 लाख रुपए का घाटा हो रहा है.
बता दें कि हरियाणा सरकार द्वारा कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेशभर में साप्ताहिक लॉकडाउन लगाने के बाद भी कुछ रूटों पर बसें चलाई जा रही हैं. लेकिन पर्याप्त सवारियां ना मिलने के कारण रोडवेज विभाग को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
इस बारे में करनाल रोडवेज महाप्रबंधक कुलदीप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि एक बस में पहले 52 सवारियां बैठती थीं. लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार के दिशा-निर्देशों पर अब एक बस में 26 सवारियां बैठाई जा रही हैं.
करनाल रोडवेज महाप्रबंधक कुलदीप सिंह ने बताया कि सवारियों की किल्लत के चलते करनाल से कुछ रूटों पर जाने वाली बसों को रोक दिया गया है. ऐसे में कोरोना की गाइडलाइन के बाद जहां सवारियां कम होने से रोडवेज के राजस्व को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. वहीं अब लॉकडाउन के बाद सवारियां भी सफर करने से परहेज कर रही है.
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कुलदीप सिंह ने बताया कि पहले करनाल बस डिपो को 12 लाख तक का प्रतिदिन राजस्व प्राप्त होता था. लेकिन लॉकडाउन के बाद सवारियों की किल्लत के चलते अब केवल एक से डेढ़ लाख रुपए तक ही राजस्व प्राप्त होता है. उन्होंने बताया कि करनाल बस डिपो के पास करीब 148 हरियाणा रोडवेज की बसें हैं. जिनमें से सवारियों की किल्लत के चलते 50 से 60 बसें चल पा रही है.
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