ETV Bharat / state

करनाल महापंचायत: प्रशासन के साथ किसानों की दूसरी बातचीत भी विफल

करनाल में प्रशासन ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं (karnal kisan mahapanchayat) को दूसरी बार बातचीत के लिए बुलाया था. जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी प्रशासन से मिलने के लिए सचिवालय पहुंची. अब खबर ये आ रही है कि किसानों की प्रशासन के साथ दूसरी वार्ता भी विफल रही है.

karnal kisan mahapanchayat
karnal kisan mahapanchayat
author img

By

Published : Sep 7, 2021, 4:11 PM IST

करनाल: हरियाणा में किसान और सरकार में एक बार फिर टकराव के हालात बन रहे हैं. लाठीचार्ज के बाद किसान अपनी मांग पर अड़ गए हैं तो सरकार भी सख्त है. इसी सिलसिले में करनाल में महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) हो रही है. इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी पहुंचे हैं. वहीं मामले को खत्म करने के लिए जिला प्रशासन ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन ये वार्ता विफल रही.

इसके बाद प्रशासन ने दोबारा किसान नेताओं को बातचीत का न्यौता दिया. किसानों का 11 सदस्यीय दल जिसमें 4 अन्य किसान नेता शामिल हुए और कुल 15 किसान नेताओं ने करनाल जिला प्रशासन के साथ दूसरी बार वार्ता की. लगभग 2 घंटे तक चली वार्ता आखिरकार एक बार विफल रही. इस बैठक के बाद किसान नेता योगेंद्र यादव ने बताया कि हमारी प्रशासन के साथ तीन राउंड बात हुई. जिसमें 15 सदस्य दल शामिल थे, जिसमें राष्ट्रीय नेतृत्व, राज्य नेतृत्व व स्थानीय नेता शामिल रहे.

प्रशासन के साथ किसानों की दूसरी बातचीत भी विफल

ये भी पढ़ें- Karnal Kisan Mahapanchayat: लट्ठ में झंडा लगाकर पहुंचे असामाजिक तत्व ! प्रशासन ने दी सख्त चेतावनी

उन्होंने कहा कि हमने करनाल प्रशासन से बिल्कुल न्यूनतम बात की है कि करनाल एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उसे निलंबित किया जाए, लेकिन प्रशासन नहीं माना, जिस कारण वार्ता विफल रही. वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की मंशा टकराव की स्थिति पैदा करना है. सरकार हल ही नहीं निकालना चाहती. अब अगला फैसला आनाज मंडी में इक्कठा हुए किसानों की महापंचायत में होगा.

गौरतलब है कि 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने तीन मांगें सरकार के सामने रखी थी. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया था उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन सरकार ने इन मांगों को मानने से साफ इनकार कर दिया था.

ये भी पढ़ें- किसान महापंचायत: करनाल पहुंचे राकेश टिकैत और योगेन्द्र यादव

करनाल: हरियाणा में किसान और सरकार में एक बार फिर टकराव के हालात बन रहे हैं. लाठीचार्ज के बाद किसान अपनी मांग पर अड़ गए हैं तो सरकार भी सख्त है. इसी सिलसिले में करनाल में महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) हो रही है. इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी पहुंचे हैं. वहीं मामले को खत्म करने के लिए जिला प्रशासन ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन ये वार्ता विफल रही.

इसके बाद प्रशासन ने दोबारा किसान नेताओं को बातचीत का न्यौता दिया. किसानों का 11 सदस्यीय दल जिसमें 4 अन्य किसान नेता शामिल हुए और कुल 15 किसान नेताओं ने करनाल जिला प्रशासन के साथ दूसरी बार वार्ता की. लगभग 2 घंटे तक चली वार्ता आखिरकार एक बार विफल रही. इस बैठक के बाद किसान नेता योगेंद्र यादव ने बताया कि हमारी प्रशासन के साथ तीन राउंड बात हुई. जिसमें 15 सदस्य दल शामिल थे, जिसमें राष्ट्रीय नेतृत्व, राज्य नेतृत्व व स्थानीय नेता शामिल रहे.

प्रशासन के साथ किसानों की दूसरी बातचीत भी विफल

ये भी पढ़ें- Karnal Kisan Mahapanchayat: लट्ठ में झंडा लगाकर पहुंचे असामाजिक तत्व ! प्रशासन ने दी सख्त चेतावनी

उन्होंने कहा कि हमने करनाल प्रशासन से बिल्कुल न्यूनतम बात की है कि करनाल एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उसे निलंबित किया जाए, लेकिन प्रशासन नहीं माना, जिस कारण वार्ता विफल रही. वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की मंशा टकराव की स्थिति पैदा करना है. सरकार हल ही नहीं निकालना चाहती. अब अगला फैसला आनाज मंडी में इक्कठा हुए किसानों की महापंचायत में होगा.

गौरतलब है कि 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने तीन मांगें सरकार के सामने रखी थी. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया था उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन सरकार ने इन मांगों को मानने से साफ इनकार कर दिया था.

ये भी पढ़ें- किसान महापंचायत: करनाल पहुंचे राकेश टिकैत और योगेन्द्र यादव

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.