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मजदूरों के पलायन ने बढ़ाई किसानों की चिंता, बर्बादी की कगार पर पहुंची तैयार फसल - कोरोना वायरस लॉकडाउन हरियाणा

कोरोना वायरस के संकट के चलते देश में लगे लॉकडाउन के कारण आने-जाने के साधन बंद है. ऐसे में गेहूं की फसल की कटाई के लिए कंबाइन चलाने वाले मजदूर भी नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते करनाल के किसानों की तैयार गेहूं की फसल बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है.

karnal farmers reaction on Labor migration
मजदूरों के पलायन ने बढ़ाई किसानों की चिंता
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Published : Apr 1, 2020, 1:34 PM IST

करनालः प्रवासी मजदूरों के पलायन ने किसानों की भी परेशानी बढ़ा दी है. लॉकडाउन के चलते अपने घरों की ओर जा रहे मजदूरों के पलायन से किसानों की तैयार फसल अब बर्बाद होने की कगार पर है. करनाल के किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल पूरी तरह से पककर तैयार हो चुकी है. ऐसे में अगर गेहूं की कटाई समय पर नहीं हुई तो किसानों की सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा इसके साथ ही करीब लाखों के नुकसान का भी अनुमान है.

पककर तैयार खड़ी फसल

करनाल में अधिकांश जमीन पर गेहूं की फसल पककर तैयार हो चुकी है. पूरी फसल 1 सप्ताह में कटने लायक हो जाएगी. लेकिन कोरोना वायरस के संकट के चलते देश में लगे लॉकडाउन के कारण आने-जाने के साधन बंद है. ऐसे में गेहूं की फसल की कटाई के लिए कंबाइन चलाने वाले भी नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते किसानों की तैयार गेहूं की फसल बर्बादी के कगार पर खड़ी है. यही नहीं किसानों को हाथ से गेहूं की फसल काटने के लिए भी मजदूर नहीं मिल रहे हैं.

मजदूरों के पलायन ने बढ़ाई किसानों की चिंता

फसलों पर कोरोना का कहर

करनाल के शेखपुरा सुहाना के किसान सुरेंद्र सांगवान ने कहा कि बारिश और ओले गिरने से गेहूं की पैदावार वैसे ही कम होने वाली है. वहीं दूसरी ओर कोरोना का कहर भी उनकी फसलों पर टूट पड़ा है. उनका कहना है कि अगर समय पर फसलों की कटाई नहीं हुई तो वो कर्जे में डूब जाएंगे. इसके अलावा खेत में लगाई गई हरी सब्जियां भी बर्बाद हो जाएंगी.

ये भी पढ़ेंः सोनीपत: प्रवासी मजदूर आधी रात को कर रहे शेल्टर होम से पलायान

किसानों की बढ़ी चिंता

वहीं किसान सुभाष का कहना है कि लॉकडाउन के चलते फसल काटने के लिए तो मजदूर आ ही नहीं रहे लेकिन इस दौरान हाथ से फसल काटने वाले मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं. उनका कहना है कि मजदूर नहीं मिलने से फसल की कटाई कैसे होगी इस बात की चिंता लगातार सता रही है. हालांकि उन्होंने बताया कि इस दौरान लोकल मजदूरों की मदद से फिलहाल काम चलाया जा रहा है.

सरकार से मदद की पुकार

अपनी फसलों की बर्बादी कसे परेशान किसानों ने सरकार से मदद की मांग की है. उनका कहना है कि अगर सरकार अपने देश के अन्नदाता को जिंदा रखना चाहती है तो हर हालत में मजदूरों के पलायन को रोके और उनकी उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें. उन्होंने बताया कि हमें मंडी आढ़तियों के भी फोन आ रहे हैं कि गेहूं की कटाई के साथ-साथ इन दिनों मंडी में भी मजदूरों का काफी काम होता है वो कैसे पूरा किया जाए.

ये भी पढ़ेंः गोहाना सब्जी मंडी में उड़ाई जा रही सोशल डिस्टेंस की धज्जियां

करनालः प्रवासी मजदूरों के पलायन ने किसानों की भी परेशानी बढ़ा दी है. लॉकडाउन के चलते अपने घरों की ओर जा रहे मजदूरों के पलायन से किसानों की तैयार फसल अब बर्बाद होने की कगार पर है. करनाल के किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल पूरी तरह से पककर तैयार हो चुकी है. ऐसे में अगर गेहूं की कटाई समय पर नहीं हुई तो किसानों की सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा इसके साथ ही करीब लाखों के नुकसान का भी अनुमान है.

पककर तैयार खड़ी फसल

करनाल में अधिकांश जमीन पर गेहूं की फसल पककर तैयार हो चुकी है. पूरी फसल 1 सप्ताह में कटने लायक हो जाएगी. लेकिन कोरोना वायरस के संकट के चलते देश में लगे लॉकडाउन के कारण आने-जाने के साधन बंद है. ऐसे में गेहूं की फसल की कटाई के लिए कंबाइन चलाने वाले भी नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते किसानों की तैयार गेहूं की फसल बर्बादी के कगार पर खड़ी है. यही नहीं किसानों को हाथ से गेहूं की फसल काटने के लिए भी मजदूर नहीं मिल रहे हैं.

मजदूरों के पलायन ने बढ़ाई किसानों की चिंता

फसलों पर कोरोना का कहर

करनाल के शेखपुरा सुहाना के किसान सुरेंद्र सांगवान ने कहा कि बारिश और ओले गिरने से गेहूं की पैदावार वैसे ही कम होने वाली है. वहीं दूसरी ओर कोरोना का कहर भी उनकी फसलों पर टूट पड़ा है. उनका कहना है कि अगर समय पर फसलों की कटाई नहीं हुई तो वो कर्जे में डूब जाएंगे. इसके अलावा खेत में लगाई गई हरी सब्जियां भी बर्बाद हो जाएंगी.

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किसानों की बढ़ी चिंता

वहीं किसान सुभाष का कहना है कि लॉकडाउन के चलते फसल काटने के लिए तो मजदूर आ ही नहीं रहे लेकिन इस दौरान हाथ से फसल काटने वाले मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं. उनका कहना है कि मजदूर नहीं मिलने से फसल की कटाई कैसे होगी इस बात की चिंता लगातार सता रही है. हालांकि उन्होंने बताया कि इस दौरान लोकल मजदूरों की मदद से फिलहाल काम चलाया जा रहा है.

सरकार से मदद की पुकार

अपनी फसलों की बर्बादी कसे परेशान किसानों ने सरकार से मदद की मांग की है. उनका कहना है कि अगर सरकार अपने देश के अन्नदाता को जिंदा रखना चाहती है तो हर हालत में मजदूरों के पलायन को रोके और उनकी उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें. उन्होंने बताया कि हमें मंडी आढ़तियों के भी फोन आ रहे हैं कि गेहूं की कटाई के साथ-साथ इन दिनों मंडी में भी मजदूरों का काफी काम होता है वो कैसे पूरा किया जाए.

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