करनाल: चुरनी गांव करनाल में दलित शख्स की संदिग्ध मौत को 8 जुलाई को पूरे 8 दिन हो गए, लेकिन 8 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस प्रशासन ने मामले में मृतक के परिजनों को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है, जिसके बाद वो शव का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हो गये. पीड़ित परिजनों का कहना है कि पुलिस प्रशासन से पहले भी बहुत बार बातचीत हुई. लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी 8 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाई है. ये मुद्दा करनाल में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में छाया हुआ है.
मृतक प्रेमचंद के परिजनों का कहना है कि पुलिस के साथ उनकी पहले भी कई दफा बातचीत हुई है, जिसमें उन्होंने तीन आरोपियों पप्पू जागीरदार, उसकी पत्नी और उनके पड़ोसी परमिंदर की गिरफ्तारी की मांग की थी. पुलिस ने पप्पू जागीरदार और परमिंदर को पूछताछ के लिए राउंडअप किया था लेकिन परिजनों की मांग थी कि इन तीनों को गिरफ्तार करके कार्रवाई की जाए. अभी भी पुलिस ने सिर्फ उन 2 लोगों को पूछताछ के लिए राउंडअप किया हुआ है. हालांकि इस मामले में इन्हीं तीन लोगों के ऊपर पुलिस के द्वारा धारा 302 सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया हुआ है. जिसकी जांच पुलिस लगातार कर रही है.
मृतक प्रेमचंद के परिजन राजरूप नंबरदार ने कहा कि हमारी एएसपी पुष्पा खत्री से बात हुई है, जिन्होंने इस मामले में निष्पक्ष रुप में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. उनके आश्वासन के बाद ही आज पीड़ित परिवार और समाज ने मिलकर फैसला लिया है कि पुलिस प्रशासन की बात मानते हुए वA शव को मोर्चरी हाउस से उठाकर अंतिम संस्कार देंगे. हमने सिर्फ पुलिस प्रशासन पर विश्वास जताते हुए उनकी बात मानी है और अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए हैं.
इस मामले में पीड़ित पक्ष पिछले 2 दिन से करनाल पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन से मिलना चाहता था. लेकिन पुलिस अधीक्षक के छुट्टी पर जाने के चलते उनकी मुलाकात उनसे नहीं हो पाई. जिसके चलते उन्होंने एएसपी पुष्पा खत्री से शनिवार के दिन मुलाकात की. जिसमें एएसपी ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि मामले की जांच होने के उपरांत आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. जिसके आश्वासन के बाद परिजन उनकी बात मान गए और अंतिम संस्कार करने के लिए शव को मोर्चरी हाउस से उठा लिया.
आपको बता दें यह मामला 1 जुलाई सुबह 5:00 बजे का बताया जा रहा था. जहां पर नौकर प्रेमचंद की उसके मालिक के घर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. परिजनों ने आरोप लगाया था कि पिटाई के चलते उसकी मौत हुई थी. परिजनों ने आरोप लगाते हुए 3 लोगों की गिरफ्तारी की मांग की थी और करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के मोर्चरी में शव रखकर विरोध कर रहे थे. परिजनों ने कहा था कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक वो शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
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