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Kamada Ekadashi 2023: पापों का नाश करने के लिए कामदा एकादशी व्रत पर ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा-आराधना - एकादशी का व्रत

हिंदू धर्म में व्रत और त्योहार का विशेष महात्म्य है. इस साल 1 और 2 अप्रैल को कामदा एकादशी 2023 है. मान्यता है कि ये एकादशी व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कामदा एकादशी पर कैसे पूजा करते हैं और इसका विधि-विधान क्या है. (Kamada Ekadashi 2023)

Kamada Ekadashi 2023
कामदा एकादशी का शुभ मुहूर्त
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Published : Mar 30, 2023, 10:43 PM IST

करनाल: हिंदू धर्म में दिनों की गणना पंचांग के आधार पर की जाती है और हर तिथि व त्यौहार का हिंदू धर्म में काफी महत्व होता है. इस दिन हिंदू लोग हिंदू तिथि के आधार पर देवी-देवताओं व दिनों की पूजा करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार हिंदू साल का चैत्र महीना चल रहा है और हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष को एकादशी है. चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को कामदा एकादशी कहते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन व्रत में पूजा करने वाले लोगों को सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है वह सभी प्रकार की सुख समृद्धि उनके परिवार में आती है.

कामदा एकादशी का शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार कामदा एकादशी तिथि का आरंभ 1 अप्रैल को 1:58 से शुरू होगा, जबकि इसका समापन 2 अप्रैल को प्रातकाल 4:19 पर होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार 2 अप्रैल को हरिवासर का समय 10:50 तक रहेगा. इसलिए शास्त्रों के अनुसार जो भी विष्णु भक्त एकादशी का व्रत रखते हैं वे 1 और 2 अप्रैल दोनों दिन ही रख सकते हैं.

अगर बात करें कामदा एकादशी की पूजा का समय 1 अप्रैल को सुबह 6:12 से 2 अप्रैल को 4:48 तक रहेगा, जो भी भक्त इस दिन व्रत में पूजा करना चाहते हैं पूजा पाठ करने का यह सबसे अच्छा मुहूर्त है. वहीं, अगर एकादशी के पुण्य काल की बात तो पुण्य काल 1 अप्रैल को सुबह 7:45 से आरंभ होकर सुबह 9:18 तक चलेगा.

कामदा एकादशी पारण का समय: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी 2 दिन मनाई जाएगी जो लोग एकादशी का व्रत 1 अप्रैल को रखना चाहते हैं, वह व्रत का पारण 2 अप्रैल को दोपहर 1:40 से शाम को 4:10 तक कर सकते हैं. वहीं, अगर बात करें जो लोग एकादशी का व्रत 2 अप्रैल को रखना चाहते हैं, उनके लिए 3 अप्रैल सुबह 6:24 तक पारण करने का समय है.

ऐसे रखें एकादशी का व्रत: एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें. इस दौरान भगवान विष्णु को पीली मिठाई, पीले वस्त्र अर्पित करें और व्रत रखने का प्रण लें. इस दिन आप पूरा दिन बिना खाए रहें और शाम के समय फल दूध के साथ ले सकते हैं. जब व्रत का पारण होता है, उस दौरान आप भगवान विष्णु व लक्ष्मी माता की पूजा करके उनको भोग लगाएं. उसके बाद आप ब्राह्मणों व गरीबों को भी भोजन खिलाएं और उसके बाद अपना व्रत खोलें.

इस दिन आप भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें और भगवान विष्णु के लिए कीर्तन भी कर सकते हैं. एकादशी के दिन व्रत रखने की मान्यता है कि मनुष्य के सभी दोष दूर हो जाते हैं और परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है. शास्त्रों में बताया गया है कि कामदा एकादशी के बराबर हिंदू धर्म में कोई अन्य व्रत नहीं है. इस दिन जो भी व्यक्ति व्रत रखता है, वह इस व्रत के दौरान सोए नहीं बल्कि भगवान नारायण का जागरण कर उनका स्मरण करते रहें.

ये भी पढ़ें: April Fools Day 2023: अप्रैल फूल दिवस मनाने के पीछे ये है उद्देश्य, आप भी उठाएं इसका आनंद

करनाल: हिंदू धर्म में दिनों की गणना पंचांग के आधार पर की जाती है और हर तिथि व त्यौहार का हिंदू धर्म में काफी महत्व होता है. इस दिन हिंदू लोग हिंदू तिथि के आधार पर देवी-देवताओं व दिनों की पूजा करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार हिंदू साल का चैत्र महीना चल रहा है और हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष को एकादशी है. चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को कामदा एकादशी कहते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन व्रत में पूजा करने वाले लोगों को सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है वह सभी प्रकार की सुख समृद्धि उनके परिवार में आती है.

कामदा एकादशी का शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार कामदा एकादशी तिथि का आरंभ 1 अप्रैल को 1:58 से शुरू होगा, जबकि इसका समापन 2 अप्रैल को प्रातकाल 4:19 पर होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार 2 अप्रैल को हरिवासर का समय 10:50 तक रहेगा. इसलिए शास्त्रों के अनुसार जो भी विष्णु भक्त एकादशी का व्रत रखते हैं वे 1 और 2 अप्रैल दोनों दिन ही रख सकते हैं.

अगर बात करें कामदा एकादशी की पूजा का समय 1 अप्रैल को सुबह 6:12 से 2 अप्रैल को 4:48 तक रहेगा, जो भी भक्त इस दिन व्रत में पूजा करना चाहते हैं पूजा पाठ करने का यह सबसे अच्छा मुहूर्त है. वहीं, अगर एकादशी के पुण्य काल की बात तो पुण्य काल 1 अप्रैल को सुबह 7:45 से आरंभ होकर सुबह 9:18 तक चलेगा.

कामदा एकादशी पारण का समय: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी 2 दिन मनाई जाएगी जो लोग एकादशी का व्रत 1 अप्रैल को रखना चाहते हैं, वह व्रत का पारण 2 अप्रैल को दोपहर 1:40 से शाम को 4:10 तक कर सकते हैं. वहीं, अगर बात करें जो लोग एकादशी का व्रत 2 अप्रैल को रखना चाहते हैं, उनके लिए 3 अप्रैल सुबह 6:24 तक पारण करने का समय है.

ऐसे रखें एकादशी का व्रत: एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें. इस दौरान भगवान विष्णु को पीली मिठाई, पीले वस्त्र अर्पित करें और व्रत रखने का प्रण लें. इस दिन आप पूरा दिन बिना खाए रहें और शाम के समय फल दूध के साथ ले सकते हैं. जब व्रत का पारण होता है, उस दौरान आप भगवान विष्णु व लक्ष्मी माता की पूजा करके उनको भोग लगाएं. उसके बाद आप ब्राह्मणों व गरीबों को भी भोजन खिलाएं और उसके बाद अपना व्रत खोलें.

इस दिन आप भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें और भगवान विष्णु के लिए कीर्तन भी कर सकते हैं. एकादशी के दिन व्रत रखने की मान्यता है कि मनुष्य के सभी दोष दूर हो जाते हैं और परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है. शास्त्रों में बताया गया है कि कामदा एकादशी के बराबर हिंदू धर्म में कोई अन्य व्रत नहीं है. इस दिन जो भी व्यक्ति व्रत रखता है, वह इस व्रत के दौरान सोए नहीं बल्कि भगवान नारायण का जागरण कर उनका स्मरण करते रहें.

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