करनाल: हिंदू धर्म में दिन और महीनों की गणना पंचांग और हिंदू कैलेंडर के आधार पर की जाती है. हिंदू धर्म में प्रत्येक महीने का अपना अलग महत्व होता है. पंचांग के हिसाब से इस बार 1 सितंबर से भाद्रपद माह शुरू हो रहा है. ये हिंदू कैलेंडर का छठा महीना होता है. माना जाता है कि भाद्रपद महीने में भगवान श्री कृष्ण की विशेष तौर पर पूजा अर्चना की जाती है, क्योंकि इस महीने में ही विष्णु भगवान ने श्री कृष्ण भगवान के रूप में धरती पर जन्म लिया था.
पंडित विश्वनाथ ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस समय सावन का महीना चल रहा है. जिसका समापन 31 अगस्त को होगा. 1 सितंबर से ही भाद्रपद या भादो महीना शुरू हो जाएगा. इस महीने का विशेष महत्व होता है. इस महीने को भाद्रपद, भाद्र, भादो या भाद्रव के नाम से जाना जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये महीना अगस्त और सितंबर महीने में आता है.
भाद्रपद महीने का महत्व: हिंदू धर्म में भाद्रपद महीने का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार इस महीने में व्रत रखने, पवित्र नदियों में स्नान करने और गरीबों को दान करने से विशेष फल मिलता है. इस महीने में भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना की जाती है, क्योंकि इसी महीने में भगवान विष्णु ने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण भगवान के रूप में धरती पर जन्म लिया था. माना जाता है कि जो भी इस महीने में भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं. उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
शास्त्रों में बताया गया है कि इस महीने में श्रीमद् भागवत गीता का पाठ करना बहुत ही शुभ होता है. इससे साधक को यश, धन और वैभव की प्राप्ति होती है. इसके अलावा श्री कृष्ण जन्म उत्सव पर संतान गोपाल मंत्र का जाप करने और हरिवंश पुराण का पाठ करने से साधक को संतान सुख की प्राप्ति होती है.
भाद्रपद में क्या करें: शास्त्र के अनुसार भाद्रपद महीने में भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करनी चाहिए. इस महीने में गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. अगर गंगा स्नान ना कर सकते हो तो इस महीने में किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं. जिसका बहुत ही ज्यादा फल मिलता है. भाद्रपद महीने में मनुष्य को सात्विक भोजन ही करना चाहिए. भाद्रपद माह शुरू होते भगवान श्री कृष्ण को तुलसी अर्पित करनी चाहिए और साथ ही साधक को खुद भी तुलसी के जल का सेवन करना चाहिए.
भाद्रपद में भूलकर भी ना करें ये काम: शास्त्रों में बताया गया है कि भाद्रपद के महीने में कुछ काम करने की मनाही होती है. भाद्रपद में कच्ची चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इस महीने में मनुष्य को भूलकर भी दही और गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए. सावन महीने की तरह भाद्रपद महीने में भी मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. शास्त्रों में कहा गया है कि जो भी मनुष्य इस महीने में मांस और मदिरा का सेवन करता है. उसे सभी देवता रुष्ट हो जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद के महीने में रविवार के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए, ना ही रविवार के दिन इस महीने में नमक का प्रयोग करना चाहिए.