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लाठीचार्ज मामले में करनाल उपायुक्त को मानवाधिकार आयोग का नोटिस, कांग्रेस ने की थी शिकायत - मानव अधिकार आयोग करनाल उपायुक्त को नोटिस

करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज (lathi charge on farmers karnal) के मामले में मानव अधिकार आयोग (Human Rights Commission) ने संज्ञान लिया है. बता दें कि इस मामले को लेकर हरियाणा कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने आयोग को शिकायत दी थी.

Human Rights Commission
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Published : Sep 3, 2021, 6:25 PM IST

करनाल: किसानों पर हुए लाठीचार्ज (lathi charge on farmers karnal) के मामले में मानव अधिकार आयोग (Human Rights Commission) ने संज्ञान लिया है. मानव अधिकार आयोग ने करनाल जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव को नोटिस (notice to Karnal Deputy Commissioner) जारी किया है. जिसमें करनाल जिला उपायुक्त से किसानों के ऊपर बर्बरता और लाठीचार्ज के कारणों का जवाब मांगा है.

मानवाधिकार आयोग के नोटिस पर जिला उपायुक्त ने कहा कि मुझे नोटिस का जवाब देने के लिए एक महीने तक वक्त दिया है. आयोग ने करनाल उपायुक्त से लिखित रूप में जवाब मांगा है. जिस पर उन्होंने कहा कि नोटिस पर मेरे अधिकारी काम कर रहे हैं. हम रिपोर्ट तैयार करके तय समय के अंदर मानव अधिकार को देंगे. बताया जा रहा है कि जिला उपयुक्त के साथ जिला पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया को भी मानवाधिकार आयोग का नोटिस मिला है, हालांकि इस बात की पुष्टि फिलहाल नहीं हो पाई है.

Human Rights Commission notice to Karnal Deputy Commissioner
मानव अधिकार आयोग का करनाल जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव को नोटिस

ये भी पढ़ें- किसानों पर लाठीचार्ज की घटना को लेकर NHRC से मिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल

बता दें कि नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलाज समेत कई सीनियर नेताओं ने मानव अधिकार आयोग को किसानों पर हुए लाठीचार्ज की शिकायत की थी. जिसके बाद मानवाधिकार आयोग ने मामले को संज्ञान में लेकर ये कार्रवाई की है.

क्या है पूरा मामला?: दरअसल 28 अगस्त को पंचायती चुनाव को लेकर बीजेपी की संगठन मीटिंग का आयोजन करनाल में किया गया था. इस दौरान किसी भी रास्ते से शहर में प्रवेश करने पर रोक लगाई गई थी. किसानों ने बीजेपी नेताओं को काले झंडे दिखाकर विरोध जताने की तैयारी की थी. इसके लिए वे शहर में आना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घुसने नहीं दिया.

ये भी पढ़ें- किसान लाठीचार्ज: SDM ने दिया आदेश, 'सीधे लट्ठ मारना, सिर फोड़ देना, कोई डायरेक्शन की जरुरत नहीं', देखिए ये वीडियो

ऐसे में किसानों ने टोल से ही बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ को काले झंडे दिखाए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कुछ समय के बाद दूसरे नेताओं का विरोध जताने के लिए किसानों ने टोल की क्रॉसिंग पर जाम लगा दिया. जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान बचने के लिए किसान खेतों में भागने लगे, लेकिन पुलिस जवानों ने खेतों में भी किसानों का पीछा किया और लाठी-डंडों से उनकी पिटाई की. इसके बाद माहौल गरमा गया.

ये भी पढ़ें- 'करनाल का एसडीएम सरकारी तालिबानियों का कमांडर, नक्सली क्षेत्र में हो पोस्टिंग'

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने विरोध जताते हुए पूरे प्रदेश में किसानों से अपील करके जाम लगवा दिया. चढूनी की अपील पर जब तक किसानों को रिहा नहीं किया गया, तब तक किसानों ने प्रदेशभर में लगाए जामों को नहीं खोला, लेकिन अभी किसान मांग कर रहे हैं कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले करनाल एसडीएम को बर्खास्त किया जाए. इसी कड़ी में आज करनाल के घरौंडा में किसानों की महापंचायत हो रही है. जिसमें किसान सरकार के खिलाफ आगे की रणनीति तैयार करेंगे.

करनाल: किसानों पर हुए लाठीचार्ज (lathi charge on farmers karnal) के मामले में मानव अधिकार आयोग (Human Rights Commission) ने संज्ञान लिया है. मानव अधिकार आयोग ने करनाल जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव को नोटिस (notice to Karnal Deputy Commissioner) जारी किया है. जिसमें करनाल जिला उपायुक्त से किसानों के ऊपर बर्बरता और लाठीचार्ज के कारणों का जवाब मांगा है.

मानवाधिकार आयोग के नोटिस पर जिला उपायुक्त ने कहा कि मुझे नोटिस का जवाब देने के लिए एक महीने तक वक्त दिया है. आयोग ने करनाल उपायुक्त से लिखित रूप में जवाब मांगा है. जिस पर उन्होंने कहा कि नोटिस पर मेरे अधिकारी काम कर रहे हैं. हम रिपोर्ट तैयार करके तय समय के अंदर मानव अधिकार को देंगे. बताया जा रहा है कि जिला उपयुक्त के साथ जिला पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया को भी मानवाधिकार आयोग का नोटिस मिला है, हालांकि इस बात की पुष्टि फिलहाल नहीं हो पाई है.

Human Rights Commission notice to Karnal Deputy Commissioner
मानव अधिकार आयोग का करनाल जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव को नोटिस

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बता दें कि नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलाज समेत कई सीनियर नेताओं ने मानव अधिकार आयोग को किसानों पर हुए लाठीचार्ज की शिकायत की थी. जिसके बाद मानवाधिकार आयोग ने मामले को संज्ञान में लेकर ये कार्रवाई की है.

क्या है पूरा मामला?: दरअसल 28 अगस्त को पंचायती चुनाव को लेकर बीजेपी की संगठन मीटिंग का आयोजन करनाल में किया गया था. इस दौरान किसी भी रास्ते से शहर में प्रवेश करने पर रोक लगाई गई थी. किसानों ने बीजेपी नेताओं को काले झंडे दिखाकर विरोध जताने की तैयारी की थी. इसके लिए वे शहर में आना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घुसने नहीं दिया.

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ऐसे में किसानों ने टोल से ही बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ को काले झंडे दिखाए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कुछ समय के बाद दूसरे नेताओं का विरोध जताने के लिए किसानों ने टोल की क्रॉसिंग पर जाम लगा दिया. जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान बचने के लिए किसान खेतों में भागने लगे, लेकिन पुलिस जवानों ने खेतों में भी किसानों का पीछा किया और लाठी-डंडों से उनकी पिटाई की. इसके बाद माहौल गरमा गया.

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गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने विरोध जताते हुए पूरे प्रदेश में किसानों से अपील करके जाम लगवा दिया. चढूनी की अपील पर जब तक किसानों को रिहा नहीं किया गया, तब तक किसानों ने प्रदेशभर में लगाए जामों को नहीं खोला, लेकिन अभी किसान मांग कर रहे हैं कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले करनाल एसडीएम को बर्खास्त किया जाए. इसी कड़ी में आज करनाल के घरौंडा में किसानों की महापंचायत हो रही है. जिसमें किसान सरकार के खिलाफ आगे की रणनीति तैयार करेंगे.

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