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गर्मी में दुधारू पशुओं को हो सकती है गंभीर बीमारी, डॉक्टर से जानिए कैसे करें देखभाल - Karnal Latest News

गर्मी के मौसम में पशुओं को कई प्रकार की बीमारी होती हैं, इसलिए गर्मी के मौसम (animal disease in Summer season) में पशुओं की विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है.

animal care in summer days
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Published : Apr 6, 2022, 7:36 PM IST

Updated : Apr 22, 2022, 5:59 PM IST

करनाल: अबकी बार मार्च के महीने से ही तापमान काफी बढ़ता जा रहा है. जिसमें आमजन के साथ-साथ पशु पर भी गर्मी का काफी प्रभाव देखने को मिल रहा है. गर्मी के प्रभाव के कारण पशु दबाव की स्थिति में आ जाते हैं. इस दबाव की स्थिति में पशुओं की पाचन प्रणाली और दुग्ध उत्पादन क्षमता पर उल्टा प्रभाव पड़ता है. इससे पशुओं की उत्पादन तथा प्रजनन क्षमता में भी गिरावट आ जाती है. वहीं इन दिनों गर्मी के महीने में हरे चारे की भी कमी हो जाती है. ऐसे में हरे चारे की कमी से भी गर्मी लगने का ज्यादा खतरा पशुओं में रहता है.

ऐसे में पशुओं की उचित देखभाल बहुत ही आवश्यक हो जाती है. करनाल के पशु चिकित्सक डॉ. तरसेम राणा ने बताया कि इन दिनों में समय से पहले ज्यादा गर्मी पड़ने से पशुओं पर गर्मी लगने का खतरा मंडरा रहा है. अगर पशुपालक सही तरीके से अपने पशुओं की देखभाल करें तो उनको गर्मी के मौसम में पशुओं को बचाया जा सकता है. अगर किसी पशु को गर्मी लग जाती है. तो वह तुंरत बीमार हो जाता है. जिससे पशु का स्वास्थ्य काफी बिगड़ सकता है. वहीं अगर दुधारू पशु को गर्मी लग जाए तो उनके दूध उत्पादन पर भी काफी प्रभाव पड़ता है.

गर्मी में पशुओं को सकती है गंभीर बीमारी, डॉक्टर से जानिए कैसे करें उचित देखभाल

कई बार गर्मी के कारण पशुओं के छोटे बच्चे की मौत भी जाती है. इसलिए गर्मी के मौसम में पशुओं का ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. डॉ. तरसेम राणा ने बताया कि गर्मी के दिनों में दो से तीन बार पशुओं को ठंडे पानी से नहाना चाहिए, जिससे उनको गर्मी से बचाया जा सके और उनको दिन के समय छावदार पेड़ के नीचे बांधना चाहिए या फिर ऐसे जगह बांधना चाहिए जहां पर हवा का सही प्रवाह होती है. अगर पशुओं को किसी बंद कमरे में बांध देंगे तो गर्मी लगने की ज्यादा संभावना रहती है.

animal care in summer days
अगर दुधारू पशु को गर्मी लग जाए तो उनके दूध उत्पादन पर भी काफी प्रभाव पड़ता है

ये भी पढ़ें- हरियाणा के किसान ने देसी जुगाड़ से बनाई गाजर खुदाई की मशीन, खेती की लागत हुई कम

उन्होंने बताया कि इन दिनों में हरे चारे की काफी कमी हो जाती है. ऐसे में फीड़ में उनकी डाइट बढ़ा देनी चाहिए और उनको सरसों की फीड़ देनी चाहिए या सरसों का तेल पिला देना चाहिए. इससे उनके अंदर ठंडक बनी रहती है. वहीं जो छोटे बच्चे होते हैं, उनको दूध ज्यादा देना चाहिए ताकि वह भी गर्मी से बचे रह सकें. अगर पशुओं पर दिन और रात के समय पंखे या कूलर की व्यवस्था हो सके तो उसको हवा के नीचे रखे. ऐसे में गर्मी से उसको बचाया जा सकता है.

animal care in summer days
पशुओं को दिन में कई बार ठंडा पानी पिलाना चाहिए

डॉ. तरसेम ने बताया कि पशुओं को दिन में कई बार ठंडा पानी पिलाना चाहिए और ज्यादातर हो सके तो उनको ताजा पानी ही पिलाये. कई बार किसान ऐसी गलती कर देते हैं कि दिन की गर्मी की तप्त वाला पानी शाम को पिला देते हैं. इससे उनको गर्मी लगने की संभावना बनी रहती है. इसलिए ठंडा और ताजा पानी ही पशुओं को पिलाएं और किसान भाइयों को चाहिए कि जल्दी से जल्दी वह नया हारा चारा तैयार करें जिससे उनको भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिलती रहे. उन्होंने कहा कि जैसे जैसे मौसम बदलता है. वैसे वायरल बीमारियां भी पशुओं में आती हैं. हालांकि अबकी बार वायरल बीमारियां पशुओं में नहीं देखी गई हैं. अगर फिर भी किसी पशुपालक को उसका पशु कुछ लक्षण दिखाई दे तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करके उसका इलाज करवाएं.

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गर्मी के दिनों में दो से तीन बार पशुओं को ठंडे पानी से नहाना चाहिए

ये भी पढ़ें- 'किसानों ने अगर अगेती और पछेती सरसों की बीमारियों को पहचान लिया तो लाखों का फायदा होगा'

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करनाल: अबकी बार मार्च के महीने से ही तापमान काफी बढ़ता जा रहा है. जिसमें आमजन के साथ-साथ पशु पर भी गर्मी का काफी प्रभाव देखने को मिल रहा है. गर्मी के प्रभाव के कारण पशु दबाव की स्थिति में आ जाते हैं. इस दबाव की स्थिति में पशुओं की पाचन प्रणाली और दुग्ध उत्पादन क्षमता पर उल्टा प्रभाव पड़ता है. इससे पशुओं की उत्पादन तथा प्रजनन क्षमता में भी गिरावट आ जाती है. वहीं इन दिनों गर्मी के महीने में हरे चारे की भी कमी हो जाती है. ऐसे में हरे चारे की कमी से भी गर्मी लगने का ज्यादा खतरा पशुओं में रहता है.

ऐसे में पशुओं की उचित देखभाल बहुत ही आवश्यक हो जाती है. करनाल के पशु चिकित्सक डॉ. तरसेम राणा ने बताया कि इन दिनों में समय से पहले ज्यादा गर्मी पड़ने से पशुओं पर गर्मी लगने का खतरा मंडरा रहा है. अगर पशुपालक सही तरीके से अपने पशुओं की देखभाल करें तो उनको गर्मी के मौसम में पशुओं को बचाया जा सकता है. अगर किसी पशु को गर्मी लग जाती है. तो वह तुंरत बीमार हो जाता है. जिससे पशु का स्वास्थ्य काफी बिगड़ सकता है. वहीं अगर दुधारू पशु को गर्मी लग जाए तो उनके दूध उत्पादन पर भी काफी प्रभाव पड़ता है.

गर्मी में पशुओं को सकती है गंभीर बीमारी, डॉक्टर से जानिए कैसे करें उचित देखभाल

कई बार गर्मी के कारण पशुओं के छोटे बच्चे की मौत भी जाती है. इसलिए गर्मी के मौसम में पशुओं का ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. डॉ. तरसेम राणा ने बताया कि गर्मी के दिनों में दो से तीन बार पशुओं को ठंडे पानी से नहाना चाहिए, जिससे उनको गर्मी से बचाया जा सके और उनको दिन के समय छावदार पेड़ के नीचे बांधना चाहिए या फिर ऐसे जगह बांधना चाहिए जहां पर हवा का सही प्रवाह होती है. अगर पशुओं को किसी बंद कमरे में बांध देंगे तो गर्मी लगने की ज्यादा संभावना रहती है.

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अगर दुधारू पशु को गर्मी लग जाए तो उनके दूध उत्पादन पर भी काफी प्रभाव पड़ता है

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उन्होंने बताया कि इन दिनों में हरे चारे की काफी कमी हो जाती है. ऐसे में फीड़ में उनकी डाइट बढ़ा देनी चाहिए और उनको सरसों की फीड़ देनी चाहिए या सरसों का तेल पिला देना चाहिए. इससे उनके अंदर ठंडक बनी रहती है. वहीं जो छोटे बच्चे होते हैं, उनको दूध ज्यादा देना चाहिए ताकि वह भी गर्मी से बचे रह सकें. अगर पशुओं पर दिन और रात के समय पंखे या कूलर की व्यवस्था हो सके तो उसको हवा के नीचे रखे. ऐसे में गर्मी से उसको बचाया जा सकता है.

animal care in summer days
पशुओं को दिन में कई बार ठंडा पानी पिलाना चाहिए

डॉ. तरसेम ने बताया कि पशुओं को दिन में कई बार ठंडा पानी पिलाना चाहिए और ज्यादातर हो सके तो उनको ताजा पानी ही पिलाये. कई बार किसान ऐसी गलती कर देते हैं कि दिन की गर्मी की तप्त वाला पानी शाम को पिला देते हैं. इससे उनको गर्मी लगने की संभावना बनी रहती है. इसलिए ठंडा और ताजा पानी ही पशुओं को पिलाएं और किसान भाइयों को चाहिए कि जल्दी से जल्दी वह नया हारा चारा तैयार करें जिससे उनको भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिलती रहे. उन्होंने कहा कि जैसे जैसे मौसम बदलता है. वैसे वायरल बीमारियां भी पशुओं में आती हैं. हालांकि अबकी बार वायरल बीमारियां पशुओं में नहीं देखी गई हैं. अगर फिर भी किसी पशुपालक को उसका पशु कुछ लक्षण दिखाई दे तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करके उसका इलाज करवाएं.

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गर्मी के दिनों में दो से तीन बार पशुओं को ठंडे पानी से नहाना चाहिए

ये भी पढ़ें- 'किसानों ने अगर अगेती और पछेती सरसों की बीमारियों को पहचान लिया तो लाखों का फायदा होगा'

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Last Updated : Apr 22, 2022, 5:59 PM IST
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