करनाल: कम समय में ज्यादा पैसे कमाने की चाहत में हरियाणा के युवा विदेशों का रुख कर रहे हैं. हरियाणा और पंजाब के युवाओं में विदेश जाकर जल्द अमीर बनने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. विदेश जाकर ज्यादा पैसे कमाने के लालच में कुछ लोग ऐसी गलती कर देते हैं कि उन्हें लाखों रुपये गंवाने पड़ते हैं. कई बार उन्हें अपनी जान तक हाथ धोना पड़ जाता है. उसकी वजह है कि वो डोंकी लगाकर विदेश जाते हैं. लोग कबूतरबाजों के संपर्क में आकर अपना लाखों रुपये गंवा देते हैं. अगर आप भी विदेश जाने के इच्छुक है, तो इस रिपोर्ट में जानिए विदेश जाने का सही तरीका.
अधिकृत एजेंट से करें संपर्क: विंकल शर्मा वीजा एक्सपर्ट ने बताया कि पिछले आठ से 10 सालों में विदेशों में जाने का चलन कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है. जिसके चलते हर गली गली-मोहल्ले में विदेश भेजने वाले एजेंट बने बैठे हैं. इनके चक्कर में लोग लाखों रुपये गंवा देते हैं और वो धोखाधड़ी का शिकार बन जाते हैं. विंकल शर्मा ने बताया कि अगर कोई भी विदेश जाना चाहता है तो वो सरकार द्वारा अधिकृत एजेंट से ही संपर्क करें, ताकि इंसान किसी भी धोखाधड़ी का शिकार ना हो. इसके अलावा अपने डॉक्यूमेंट देने से पहले एजेंट के बारे में पूरी छानबीन कर लें. उसके बाद ही उसे पैसे और डॉक्यूमेंट दें.
अधिकृत वीजा एक्सपर्ट के ऑफिस के पास लाइसेंस होता है. जो गली मोहल्ले में एजेंट बने बैठे हैं. वो बिना लाइसेंस के होते हैं. ऐसे में वो लोगों के लाखों रुपये हड़प लेते हैं. कुछ लोग स्टडी के लिए तो कुछ टूरिस्ट वीजा पर भी बाहर जाते हैं. टूरिस्ट के लिए 3 से 6 महीने तक का टूरिस्ट वीजा दिया जाता है. जो लोग स्टडी वीजा या वर्क परमिट पर विदेश में नहीं जा पाते, तो वो डोंकी के जरिए विदेश की तरफ रुख करते हैं. जो सही वीजा एक्सपर्ट होता है, वो दो नंबर या डोंकी के जरिए जाने वाले काम से मना करता है. क्योंकि इसमें जंगलों से होकर गुजरना पड़ता है. जिसमें जान का जोखिम होता है.
कबूतरबाजी इसमें काफी मोटा पैसा भी कमा रहे हैं. वो लोगों को कुछ दिनों में अमेरिका भेजने की बात कहकर कई महीने लगा देते हैं. कुछ लोग वापस भी आ जाते हैं. ये दो नंबर का काम होता है. इसमें अमेरिका के लिए फाइल लगाने के लिए दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब के कुछ एजेंट ही अधिकृत हैं. तो भूल कर भी डोंकी में जाने की ना सोंचे.
क्या है डोंकी प्रचलन? डोंकी का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. कुछ लोग किसी भी हद तक पैसे लगाकर विदेश जाना चाहते हैं. इसी का फायदा फर्जी एजेंट उठाते हैं. डोंकी का मतलब है कि लोगों को फर्जी तरीके से विदेश भेजा जाता है. उन्हें पानी के रास्ते और जंगलों के रास्ते अवैध तरीके से बॉर्डर क्रॉस करवाया जाता है. ये प्रक्रिया काफी खतरनाक होती है. लोग भूखे-प्यासे किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूर होते हैं. इस प्रक्रिया में लोगों को एक ट्रक में जानवरों की तरह ठूंसकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है.
कुछ लोग तो इससे परेशान होकर वापस आ जाते हैं, लेकिन कुछ को जान से हाथ धोना पड़ जाता है. उनके लाखों रुपये बर्बाद हो जाते हैं वो अलग. इस बीच अगर वो विदेशी पुलिस की पकड़ में आ जाए, तो फिर जिंदगी खराब हो जाती है. डोंकी के जरिए विदेश में जाने के लिए लोग 80 लाख रुपये तक खर्च कर रहे हैं. इनमें ज्यादार धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं.
कबूतरबाजों पर पुलिस की कड़ी नजर: हरियाणा पुलिस कबूतरबाजों को लेकर काफी सतर्क हो गई है, ताकि वो लोगों की गाढ़ी कमाई को ना लूट सके. इसी के चलते कबूतरबाजी के काफी केस सामने आ रहे हैं, लेकिन अब कबूतरबाजों पर नकेल कसने के लिए हरियाणा पुलिस ने एसआईटी गठित कर दी है. पिछले 3 सालों में एसआईटी ने 600 कबूतरबाजों को गिरफ्तार किया है. हजारों की संख्या में कबूतरबाजों के खिलाफ हरियाणा में मुकदमे भी दर्ज हैं.
सरकार ने बनाया नया नियम: मौजूदा समय में विदेश भेजने के नाम पर ज्यादा धोखाधड़ी होने लगी है. जिसके चलते हरियाणा सरकार काफी सतर्क हो गई, इसलिए हरियाणा में जितने भी इमीग्रेशन एजेंट हैं. उनके लिए नया नियम लागू किया है. नए नियम के तहत इमीग्रेशन एजेंट को विदेश भेजने के लिए काम करने के लिए 25 लाख रुपये बैंक में सिक्योरिटी के तौर पर रखने होंगे. ये सिक्योरिटी इसलिए निर्धारित की गई है कि वीजा एक्सपर्ट एजेंट अगर किसी व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी करता है तो सरकार सिक्योरिटी का पैसा इस्तेमाल करके पीड़ितों को देगी. हालांकि अभी इस योजना को लागू नहीं किया गया है. सरकार की तरफ से ये प्लान तैयार कर लिया गया है.
करनाल और कुरुक्षेत्र में करीब 500 इमीग्रेशन एजेंट ऑफिस: हरियाणा के करनाल और कुरुक्षेत्र जिले की अगर बात करें, तो विदेश में जाने वाले लोगों के लिए ये दोनों जिले हब बन गए हैं. मौजूदा समय में करनाल और कुरुक्षेत्र में 500 के करीब इंस्टीट्यूट इमीग्रेशन का काम कर रहे हैं. करनाल और कुरुक्षेत्र में हरियाणा के दूसरे जिलों से भी स्टूडेंट विदेश जाने के लिए पढ़ाई करने के लिए आते हैं.