करनाल: बीते दिन अमेरिका में ट्रक में 46 लोग मृतक मिले थे. लगभग 10 से 15 लोग बेसुध हालत में थे. जानकारी मिली थी कि सभी को अवैध तरीके से अमेरिका में ले जाया जा रहा था. एक तो गर्मी और दूसरा जरूरत से ज्यादा लोग और तीसरा वेंटिलेशन नहीं होने के चलते लोगों का दम घुट गया. इस घटना का जिक्र इसलिए किया गया है क्योंकि आजकल बड़ी संख्या में युवा विदेश की तरफ रुख कर रहे हैं. जल्द अमीर बनने की चाहत में युवा 12वीं पास करते ही विदेश की तरफ रुख (haryana youth going abroad) कर रहे हैं. ताकि वो डॉलर में कमाकर अपनी स्थिति मजबूत कर सके.
इसके लिए युवा कुछ गलत एजेंटों के चक्कर में फंस जाते हैं. जिसके बाद वो जान जोखिम में डालकर विदेश पहुंचते हैं. पंजाब के बाद अब हरियाणा के युवाओं में विदेश जाने की होड़ (craze in youth for going abroad) लगी है. करनाल और कुरुक्षेत्र में इंस्टिट्यूट भी खुले हैं. जिसमें पढ़ाई के बाद युवाओं को स्टडी विजा पर विदेश भेजा जाता है. कुछ युवा ऐसे होते हैं जो पढ़ाई के जरिए विदेश नहीं जा पाते. जिसके लिए वो डोंकी (youth going abroad illegal way) का सहारा लेते हैं. इसके लिए युवा 30 से लेकर 50 लाख रुपये तक खर्च करते हैं. उसके बाद जान जोखिम में डालकर अवैध तरीके से विदेश जाते हैं.
क्या होता है डोंकी तरीका? अवैध तरीके से विदेश जाने को डोंकी कहते हैं. ऐसी बहुत सारी कंपनियां हैं जो युवाओं को विदेश भेजने का काम करती हैं. जानकारी के अभाव में युवा इन डोंकर (एजेंट) के बहकावे में फंस जाते हैं. जिसके बाद वो अवैध तरीके से लोगों के विदेश भेजते हैं. ऐसे में पैसे तो ज्यादा लगते ही हैं. साथ में जान जोखिम में होना का खतरा भी बना रहता है. मान लीजिए किसी युवक को अमेरिका जाना है. अगर वो डोंकी के जरिए अमेरिका जाना चाहता है तो एजेंट उसे अमेरिका के आसपास के देश में उतारते हैं. इसके बाद जंगलों के रास्ते से वो उन्हें अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचाते हैं.
जान का होता है खतरा: इस तरीके से कुछ लोग जंगलों में ही भूखे प्यासे मर जाते हैं या किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. कुछ ऐसे लोग होते हैं जिन्हें डोंकर (एजेंट) ही पैसा नहीं पहुंचने पर मार देते हैं. इनका पूरा जाल होता है. जो एक दूसरे से संपर्क कर लोगों को दूसरे देश अवैध तरीके से पहुंचा देते हैं. कुछ लोग पहुंच जाते हैं और कुछ रास्ते में ही मारे जाते हैं. अवैध तरीके से दूसरे देश में एंट्री के बाद युवक वहां की आर्मी कैंप में शरण लेते हैं. जिसके बाद आर्मी के लोग युवाओं पर कोर्ट केस करते हैं.
इसके बाद युवक को बॉन्ड भरना पड़ता है. जिसके बाद उनको काम करने के लिए छोड़ दिया जाता है. समय-समय पर उनको वहां की पुलिस से अपनी मौजूदगी दर्ज करवानी पड़ती है. आज से कुछ साल पहले ये बॉन्ड 50 लाख तक हो जाता था, अब ये बॉन्ड 1 लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक होता है.
अप्रूव्ड इंस्टीट्यूट से करें संपर्क: करनाल में विजा एक्सपर्ट देवीलाल बारना ने कहा कि मौजूदा समय में हजारों ऐसे इंस्टिट्यूट बने हैं. जो विदेश भेजने का काम करते हैं, लेकिन अगर कोई युवा बाहर जाना जाता है, तो उसे अप्रूव्ड इंस्टीट्यूट से ही संपर्क करना चाहिए. क्योंकि बहुत ऐसे जाली लोग बैठे हुए हैं. जो कहीं का वीजा लगाकर कहीं और भेजते हैं. जिससे कि विदेश जाने वाले लोग बीच में ही फंस जाते हैं. ऐसे में लोगों के पैसे भी मर जाते हैं और कई बार लोगों को जान से भी हाथ धोना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि सबसे पहले युवाओं को स्टडी वीजा पर ही बाहर जाना चाहिए. अगर स्टडी वीजा नहीं मिलता तो उसके बाद टूरिस्ट वीजा या वर्क परमिट वीजा पर बाहर जाना चाहिए. डोंकी के जरिए बाहर जाने वाला अपनी जान जोखिम में डालने वाला कदम होता है. इसलिए जो अप्रूव्ड इंस्टीट्यूट हैं. उन्हीं के जरिए युवाओं के बाहर जाना चाहिए. जानकारी के मुताबिक कुरुक्षेत्र के बारना गांव का युवा 11 महीने पहले दूसरे देश में गया. वहीं उसकी मौत हो गई. डोंकर ने ही युवक को मौत के घाट उतारा था.
ऐसे ही करनाल में भी कुछ केस ऐसे सामने आए थे कि युवाओं की मौत हो गई. उनका जिंदगी भी गई और भारी भरकम रकम भी. हरियाणा पुलिस ने एक वेबसाइट भी तैयार की है. जिपर हरियाणा के सभी अप्रूव्ड विजा एक्सपर्ट के नाम दिए गए हैं. अगर कोई भी व्यक्ति बाहर जाना चाहता है, तो एक बार ये वेबसाइट चेक करें. अगर उसमें उसके एजेंट का नाम नहीं है तो उससे बिल्कुल भी संपर्क ना करें.