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गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में एडमिशन के लिए अब 134ए की आवश्यकता नहीं, शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान

जरूरतमंद परिवारों के बच्चों के स्कूलों में एडमिशन को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने कुछ जरूरी कदम उठाए जिसके तहत इन बच्चों को बहतर शिक्षा दी जा सकेगी और 134ए की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

Kanwarpal Gujjar 134A children admission
गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में एडमिशन के लिए अब 134ए की आवश्यकता नहीं, शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान
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Published : Jun 25, 2021, 6:23 PM IST

करनाल: शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक हुई जिसके बाद हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर (kanwarpal gujjar) ने प्रेस वार्ता भी की. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में अभी स्कूल खोलने पर सोच विचार करके फैसला लिया जाएगा. इस मामले में हम कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते. वहीं 134ए के तहत जरूरतमंदों परिवारों के बच्चों के स्कूलों में प्रवेश से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में निजी स्कूलों की तर्ज पर संस्कृति मॉडल स्कूल बनाए हैं. यहां गरीब परिवार के बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है. उन्होंने कहा कि यहां जरूरतमंदों परिवारों के बच्चों के एडमिशन कराए जा सकते हैं.

वहीं प्रदेश में प्राईवेट स्कूलों द्वारा बढ़ाई जा रही फीस को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि फीस बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए हम कानून लेकर आएंगे. उन्होंने कहा कि इस कानून के बाद स्कूल अपनी मनमर्जी से ज्यादा फीस नहीं वसूल पाएंगे. कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि 8 से 10 प्रतिशत फीस की बढ़ोतरी तो हो सकती है, लेकिन इससे ज्यादा नहीं.

ये भी पढ़ें: करनाल में शिक्षा मंत्री का विरोध करने पर किसानों को लिया गया हिरासत में

उन्होंने ये भी बताया कि 10वीं और 12वीं कक्षा का वार्षिक परिणाम 30:10:60 के मापदंड पर ही घोषित किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि एसएलसी पर भी सरकार द्वारा कानून लाया जाएगा. जो स्कूल का एसएलसी देने पर जरूरी खर्च होगा उसको अभिभावक को देना होगा. अभिभावक पर निजी स्कूलों की मनमानी नहीं करने देंगे.

करनाल: शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक हुई जिसके बाद हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर (kanwarpal gujjar) ने प्रेस वार्ता भी की. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में अभी स्कूल खोलने पर सोच विचार करके फैसला लिया जाएगा. इस मामले में हम कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते. वहीं 134ए के तहत जरूरतमंदों परिवारों के बच्चों के स्कूलों में प्रवेश से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में निजी स्कूलों की तर्ज पर संस्कृति मॉडल स्कूल बनाए हैं. यहां गरीब परिवार के बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है. उन्होंने कहा कि यहां जरूरतमंदों परिवारों के बच्चों के एडमिशन कराए जा सकते हैं.

वहीं प्रदेश में प्राईवेट स्कूलों द्वारा बढ़ाई जा रही फीस को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि फीस बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए हम कानून लेकर आएंगे. उन्होंने कहा कि इस कानून के बाद स्कूल अपनी मनमर्जी से ज्यादा फीस नहीं वसूल पाएंगे. कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि 8 से 10 प्रतिशत फीस की बढ़ोतरी तो हो सकती है, लेकिन इससे ज्यादा नहीं.

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उन्होंने ये भी बताया कि 10वीं और 12वीं कक्षा का वार्षिक परिणाम 30:10:60 के मापदंड पर ही घोषित किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि एसएलसी पर भी सरकार द्वारा कानून लाया जाएगा. जो स्कूल का एसएलसी देने पर जरूरी खर्च होगा उसको अभिभावक को देना होगा. अभिभावक पर निजी स्कूलों की मनमानी नहीं करने देंगे.

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