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लाठीचार्ज मामले में बड़ा दावा, इनेलो नेता के इशारे पर SDM ने दिया सिर फोड़ने का आदेश? - किसान आंदोलन लाठीचार्ज

किसानों पर लाठीचार्ज (Lathi Charge On Farmers) के बाद से बवाल मचा है. एसडीएम का सिर फोड़ने का आदेश सरकार के लिए आफत बन गया है. अब लाठीचार्ज मामले में नेता और राजनीतिक दलों के कनेक्शन के भी दावे किए जाने लगे हैं. किसान नेता गुरनाम चढूनी ने हैरान करने वाला बयान दिया है.

Gurnam Chaduni statement on sdm
Gurnam Chaduni statement on sdm
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Published : Aug 30, 2021, 1:57 PM IST

करनाल: किसानों पर लाठीचार्ज (Lathi Charge On Farmers) के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने करनाल में महापंचायत की. इस महापचंयात की अध्यक्षता किसान नेता गुरनाम चढूनी (Farmer leader Gurnam Chadhuni) ने की. महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता गुरनाम चढूनी ने एक बड़ा बयान दिया है. गुरनाम चढूनी ने किसानों को संबोधित करते हुए इशारों ही इशारों में कहा कि इस पूरे मामले में इनेलो का भी हाथ है.

चढूनी के मुताबिक जिस एसडीएम ने किसानों का सिर फोड़ने के आदेश दिए वो INLD (इंडियन नेशनल लोकदल) के बड़े पदाधिकारी के भाई हैं. लाठी चार्ज की कमान संभालने वाला इंस्पेक्टर बीजेपी के पूर्व विधायक बख्शीश सिंह का भतीजा है. चढूनी ने कहा कि किसानों को ऊपर जुल्म करने वालों पर कार्रवाई हो. इसके लिए किसानों की क्या रणनीति होनी चाहिए इसे लेकर इस पंचायत में मंथन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम 9 महीने से सड़कों पर बैठे हैं. नौ महीनों से लठ खा रहे हैं. अब हमारे पास लठ खाने की गुंजाइश नहीं रही. इस दौरान गुरनाम चढूनी भावुक भी हो गए.

सिर फोड़ने का आदेश देने वाले एसडीएम पर जानें गुरनाम चढूनी ने क्या कहा.

महापंचायत में दो सवालों को लेकर मंथन किया गया. पहला सवाल ये कि जिन अधिकारियों ने किसानों का सिर फोड़ने के आदेश दिए उनपर कार्रवाई करवाने के लिए किया जाए? दूसरा ये कि कब तक किसान पिटते रहेंगे. क्या अब आर-पार का वक्त आ गया है? इन दोनों सवालों को लेकर इस महापंचायत में मंथन किया गया.

गुरनाम चढूनी (Farmer leader Gurnam Chadhuni) ने कहा कि हम 9 महीने से सड़कों पर बैठे हैं. नौ महीनों से लठ खा रहे हैं. अब हमरे पास लठ खाने की गुंजाइश नहीं रही. इस दौरान गुरनाम चढूनी भावुक भी हो गए. दरअसल 28 अगस्त को पंचायती चुनाव को लेकर बीजेपी की संगठन मीटिंग का आयोजन करनाल में किया गया था. इस दौरान किसी भी रास्ते से शहर में प्रवेश करने पर रोक लगाई गई थी. किसानों ने बीजेपी नेताओं को काले झंडे दिखाकर विरोध जताने की तैयारी की थी. इसके लिए वे शहर में आना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घुसने नहीं दिया.

ये भी पढ़ें- डिप्टी सीएम ने कांग्रेस और किसान नेताओं पर फोड़ा लाठीचार्ज का ठीकरा

ऐसे में किसानों ने टोल से ही बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ को काले झंडे दिखाए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कुछ समय के बाद दूसरे नेताओं का विरोध जताने के लिए किसानों ने टोल की क्रॉसिंग पर जाम लगा दिया. जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान बचने के लिए किसान खेतों में भागने लगे, लेकिन पुलिस जवानों ने खेतों में भी किसानों का पीछा किया और लाठी-डंडों से उनकी पिटाई की. इसके बाद माहौल गरमा गया. इस बीच एसडीएम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसमें एसडीएम पुलिस कर्मियों के किसानों के सिर फोड़ने का आदेश दे रहे हैं. इसके बाद से मामला तूल पकड़ गया.

ये भी पढ़ें- किसानों पर लाठीचार्ज के बाद महासंग्राम, घरौंडा में जुटे हजारों किसान

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने विरोध जताते हुए पूरे प्रदेश में किसानों से अपील करके जाम लगवा दिया. चढूनी की अपील पर जब तक किसानों को रिहा नहीं किया गया, तब तक किसानों ने प्रदेशभर में लगाए जामों को नहीं खोला, लेकिन अभी किसान मांग कर रहे हैं कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले करनाल एसडीएम को बर्खास्त किया जाए. इसी कड़ी में आज करनाल के घरौंडा में किसानों की महापंचायत हो रही है. जिसमें किसान सरकार के खिलाफ आगे की रणनीति तैयार करेंगे.

करनाल: किसानों पर लाठीचार्ज (Lathi Charge On Farmers) के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने करनाल में महापंचायत की. इस महापचंयात की अध्यक्षता किसान नेता गुरनाम चढूनी (Farmer leader Gurnam Chadhuni) ने की. महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता गुरनाम चढूनी ने एक बड़ा बयान दिया है. गुरनाम चढूनी ने किसानों को संबोधित करते हुए इशारों ही इशारों में कहा कि इस पूरे मामले में इनेलो का भी हाथ है.

चढूनी के मुताबिक जिस एसडीएम ने किसानों का सिर फोड़ने के आदेश दिए वो INLD (इंडियन नेशनल लोकदल) के बड़े पदाधिकारी के भाई हैं. लाठी चार्ज की कमान संभालने वाला इंस्पेक्टर बीजेपी के पूर्व विधायक बख्शीश सिंह का भतीजा है. चढूनी ने कहा कि किसानों को ऊपर जुल्म करने वालों पर कार्रवाई हो. इसके लिए किसानों की क्या रणनीति होनी चाहिए इसे लेकर इस पंचायत में मंथन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम 9 महीने से सड़कों पर बैठे हैं. नौ महीनों से लठ खा रहे हैं. अब हमारे पास लठ खाने की गुंजाइश नहीं रही. इस दौरान गुरनाम चढूनी भावुक भी हो गए.

सिर फोड़ने का आदेश देने वाले एसडीएम पर जानें गुरनाम चढूनी ने क्या कहा.

महापंचायत में दो सवालों को लेकर मंथन किया गया. पहला सवाल ये कि जिन अधिकारियों ने किसानों का सिर फोड़ने के आदेश दिए उनपर कार्रवाई करवाने के लिए किया जाए? दूसरा ये कि कब तक किसान पिटते रहेंगे. क्या अब आर-पार का वक्त आ गया है? इन दोनों सवालों को लेकर इस महापंचायत में मंथन किया गया.

गुरनाम चढूनी (Farmer leader Gurnam Chadhuni) ने कहा कि हम 9 महीने से सड़कों पर बैठे हैं. नौ महीनों से लठ खा रहे हैं. अब हमरे पास लठ खाने की गुंजाइश नहीं रही. इस दौरान गुरनाम चढूनी भावुक भी हो गए. दरअसल 28 अगस्त को पंचायती चुनाव को लेकर बीजेपी की संगठन मीटिंग का आयोजन करनाल में किया गया था. इस दौरान किसी भी रास्ते से शहर में प्रवेश करने पर रोक लगाई गई थी. किसानों ने बीजेपी नेताओं को काले झंडे दिखाकर विरोध जताने की तैयारी की थी. इसके लिए वे शहर में आना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घुसने नहीं दिया.

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ऐसे में किसानों ने टोल से ही बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ को काले झंडे दिखाए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कुछ समय के बाद दूसरे नेताओं का विरोध जताने के लिए किसानों ने टोल की क्रॉसिंग पर जाम लगा दिया. जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान बचने के लिए किसान खेतों में भागने लगे, लेकिन पुलिस जवानों ने खेतों में भी किसानों का पीछा किया और लाठी-डंडों से उनकी पिटाई की. इसके बाद माहौल गरमा गया. इस बीच एसडीएम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसमें एसडीएम पुलिस कर्मियों के किसानों के सिर फोड़ने का आदेश दे रहे हैं. इसके बाद से मामला तूल पकड़ गया.

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गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने विरोध जताते हुए पूरे प्रदेश में किसानों से अपील करके जाम लगवा दिया. चढूनी की अपील पर जब तक किसानों को रिहा नहीं किया गया, तब तक किसानों ने प्रदेशभर में लगाए जामों को नहीं खोला, लेकिन अभी किसान मांग कर रहे हैं कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले करनाल एसडीएम को बर्खास्त किया जाए. इसी कड़ी में आज करनाल के घरौंडा में किसानों की महापंचायत हो रही है. जिसमें किसान सरकार के खिलाफ आगे की रणनीति तैयार करेंगे.

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