करनाल: बारिश ने करनाल हैफेड और DFSC वेयरहाउस के गेहूं की सुरक्षा को लेकर किए गए दावों की पोल खोलकर रख दी है. हैफेड और DFSC वेयरहाउस अनाज को बारिश से बचाने के तमाम दावे तो कर रहा है, लेकिन तस्वीरें दावों के बिल्कुल उलट दिखाई दे रही हैं. अधिकारी दावा कर रहे हैं कि वो वेयरहाउस में गेहूं के बचाव को लेकर उनकी तरफ से सभी इंतजाम किए गए हैं.
करनाल जिले के नेवल गांव में हैफेड और DFSC के 18 वेयरहाउस 42 लाख टन अनाज को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं. बावजूद इसके गेहूं खुले में पड़ा है और बारिश में खराब हो रहा है. प्रशासन की ओर से अनाज को तिरपाल से ढका गया है, साथ ही अनाज को जमीन की ओर से पानी से बचाने के लिए लकड़ी के फ्रेम लगाए गए हैं. फिर भी अनाज खराब हो रहा है.
हैफेड सुरक्षा कर्मचारी अनिल कुमार का कहना है कि जब बारिश आती है तो जो अनाज खुले में रखा है उसे तिरपाल से ढक देते हैं. साथ ही अनाज को सीलन और कीड़ों से बचाने के लिए समय-समय पर अनाज को दवा और हवा लगाई जाती है. जैसे ही मौसम साफ होता है तो अनाज के ऊपर से तिरपाल हटा देते हैं. जिससे कि धूप लग जाए. धूप लगने से अनाज खराब नहीं होता.
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जिला हैफेड अधिकारी सुरेश वेद ने बताया कि वेयरहाउस में कुल 42 लाख क्विंटल अनाज है, जिसमें 30 लाख क्विंटल खुले में और 12 लाख क्विंटल गोदामों में रखा है. जिसकी सुरक्षा हैफेड द्वारा सावधानी पूर्वक की जा रही है. अनाज को समय-समय पर खोलकर उसमें दवाएं डाली जा रही हैं. साथ ही बारिश में अगर कहीं भी पानी जाता है, तो निकासी के भी उचित प्रबंध किए गए हैं और भीगी बोरियों की पल्टी भी की जाती है.