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Ganga Dussehra 2023: इस बार गंगा दशहरा पर बना रहा विशेष योग, जानें शुभ मुहूर्त और दान का महत्व - गंगा दशहरा ताजा समाचार

किसी भी त्योहार को लेकर अक्सर लोगों में कंफ्यूजन होता है. जिसकी वजह से कई बार तो एक ही त्योहार लोग दो दिन मनाते हैं. इस बार गंगा दशहरा 2023 को लेकर भी कंफ्यूजन हो रही है तो यहां जानिए कि कब मनाया जाएगा गंगा दशहरा का त्योहार क्या है इसकी मान्यता और शुभ मुहूर्त.

ganga dussehra 2023
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Published : May 25, 2023, 1:39 PM IST

इस बार गंगा दशहरा पर बना रहा विशेष योग

करनाल: हिंदू धर्म में पंचांग के आधार पर दिनों की गणना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार 30 मई को गंगा दशहरा मनाया जाएगा. गंगा दशहरा ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. निर्जला एकादशी से 1 दिन पहले इसे मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन मां गंगा धरती पर आगमन हुआ था. गंगा को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नदी माना गया है. इस दिन गंगा नदी में स्नान करने मनुष्य के सारे पाप खत्म हो जाते हैं. जो व्यक्ति इस दिन गंगा नदी में स्नान करने के बाद दान करता है. उसको धन की प्राप्ति होती है. गंगा स्नान करते समय ऊं नमः शिवाय नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है.

गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जा रहा है. जो 30 मई को पड़ रहा है. शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 29 मई को 11 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी. जो 30 मई को दोपहर 1 बजकर 7 मिनट तक रहेगी. हिंदू पंचांग के अनुसार 30 मई के दिन ही गंगा दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा. हस्त नक्षत्र शुरू होने का समय 30 मई को सुबह 4 बजकर 30 मिनट तक है. जबकि हस्त नक्षत्र का समापन 31 मई को सुबह 6 बजे होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार 30 मई के दिन सूर्योदय के समय गंगा नदी में स्नान करने से ज्यादा फल मिलेगा. इससे मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाएंगे. इस दिन माता गंगा की विधि विधान के अनुसार पूजा अर्चना भी की जाती है.

गंगा दशहरा का महत्व: हिंदू शास्त्रों में गंगा नदी को विश्व की सबसे पवित्र नदी कहा जाता है. इसे मां की उपाधि भी दी गई है. माना जाता है कि गंगा दशहरे के दिन ही माता गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थी. इसलिए माना जाता है कि इस दिन जो भी गंगा में स्नान करता है. उसके कई जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं. अगर किसी व्यक्ति के लिए गंगा नदी में स्नान करना मुश्किल हो, तो वो सादे पानी में गंगाजल डालकर भी स्नान कर सकता है.

ये भी पढ़ें- Skand Shashthi 2023: स्कंद षष्ठी व्रत के दिन ऐसे करें भगवान कर्तिकेय की पूजा, सभी कष्ट होंगे दूर!

अगर हरियाणा की बात करें तो हरियाणा के लोग इस दिन गंगा में स्नान करने के लिए हरिद्वार जाते हैं. वहीं कुछ लोग इस दिन यमुना नदी में भी स्नान करते हैं. वहां बड़े मेले का आयोजन किया जाता है. इस दिन माता गंगा के लिए घर में हवन का भी आयोजन कर सकते हैं. माना जाता है कि इस दिन घर में हवन करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से भाग जाती है.

गंगा दशहरा पर बन रहा शुभ योग: हिंदू पंचांग के अनुसार गंगा दशहरे के दिन रवि और सिद्धि योग का संयोग बनेगा. शुक्र ग्रह कर्क राशि में इस दिन प्रवेश करने वाले हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्र के गोचर के चलते इस दिन धन योग का भी संयोग बन रहा है. इस दिन रवि योग पूरे दिन ही रहेगा. सिद्धि योग का प्रारंभ 29 मई को रात के समय 9 बजे से होगा जबकि इसका समापन 30 मई को रात के 8 बजकर 55 मिनट पर होगा.

इन वस्तुओं को दान करने का महत्व: हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि जो भी व्यक्ति गंगा दशहरे के दिन गंगा में स्नान करने के बाद जरूरतमंद लोगों को दान देता है. उस दान का उसको 10 गुना फल मिलता है. गंगा दशहरे के दिन जिस भी चीज का मनुष्य दान करता है उसकी संख्या 10 होनी चाहिए. जैसे- 10 फल, 10 पंखे, 10 सुराही, 10 छाते, 10 हिस्से अन्न का दान करना चाहिए. इस दिन पानी पिलाने का भी विशेष महत्व होता है.

इस बार गंगा दशहरा पर बना रहा विशेष योग

करनाल: हिंदू धर्म में पंचांग के आधार पर दिनों की गणना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार 30 मई को गंगा दशहरा मनाया जाएगा. गंगा दशहरा ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. निर्जला एकादशी से 1 दिन पहले इसे मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन मां गंगा धरती पर आगमन हुआ था. गंगा को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नदी माना गया है. इस दिन गंगा नदी में स्नान करने मनुष्य के सारे पाप खत्म हो जाते हैं. जो व्यक्ति इस दिन गंगा नदी में स्नान करने के बाद दान करता है. उसको धन की प्राप्ति होती है. गंगा स्नान करते समय ऊं नमः शिवाय नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है.

गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जा रहा है. जो 30 मई को पड़ रहा है. शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 29 मई को 11 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी. जो 30 मई को दोपहर 1 बजकर 7 मिनट तक रहेगी. हिंदू पंचांग के अनुसार 30 मई के दिन ही गंगा दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा. हस्त नक्षत्र शुरू होने का समय 30 मई को सुबह 4 बजकर 30 मिनट तक है. जबकि हस्त नक्षत्र का समापन 31 मई को सुबह 6 बजे होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार 30 मई के दिन सूर्योदय के समय गंगा नदी में स्नान करने से ज्यादा फल मिलेगा. इससे मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाएंगे. इस दिन माता गंगा की विधि विधान के अनुसार पूजा अर्चना भी की जाती है.

गंगा दशहरा का महत्व: हिंदू शास्त्रों में गंगा नदी को विश्व की सबसे पवित्र नदी कहा जाता है. इसे मां की उपाधि भी दी गई है. माना जाता है कि गंगा दशहरे के दिन ही माता गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थी. इसलिए माना जाता है कि इस दिन जो भी गंगा में स्नान करता है. उसके कई जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं. अगर किसी व्यक्ति के लिए गंगा नदी में स्नान करना मुश्किल हो, तो वो सादे पानी में गंगाजल डालकर भी स्नान कर सकता है.

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अगर हरियाणा की बात करें तो हरियाणा के लोग इस दिन गंगा में स्नान करने के लिए हरिद्वार जाते हैं. वहीं कुछ लोग इस दिन यमुना नदी में भी स्नान करते हैं. वहां बड़े मेले का आयोजन किया जाता है. इस दिन माता गंगा के लिए घर में हवन का भी आयोजन कर सकते हैं. माना जाता है कि इस दिन घर में हवन करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से भाग जाती है.

गंगा दशहरा पर बन रहा शुभ योग: हिंदू पंचांग के अनुसार गंगा दशहरे के दिन रवि और सिद्धि योग का संयोग बनेगा. शुक्र ग्रह कर्क राशि में इस दिन प्रवेश करने वाले हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्र के गोचर के चलते इस दिन धन योग का भी संयोग बन रहा है. इस दिन रवि योग पूरे दिन ही रहेगा. सिद्धि योग का प्रारंभ 29 मई को रात के समय 9 बजे से होगा जबकि इसका समापन 30 मई को रात के 8 बजकर 55 मिनट पर होगा.

इन वस्तुओं को दान करने का महत्व: हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि जो भी व्यक्ति गंगा दशहरे के दिन गंगा में स्नान करने के बाद जरूरतमंद लोगों को दान देता है. उस दान का उसको 10 गुना फल मिलता है. गंगा दशहरे के दिन जिस भी चीज का मनुष्य दान करता है उसकी संख्या 10 होनी चाहिए. जैसे- 10 फल, 10 पंखे, 10 सुराही, 10 छाते, 10 हिस्से अन्न का दान करना चाहिए. इस दिन पानी पिलाने का भी विशेष महत्व होता है.

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