करनाल: हरियाणा में शनिवार को फल-सब्जियों के दाम (Fruits and Vegetables Price in Haryana) जारी हो गए हैं. सर्दियां निकलते ही सब्जियों के दाम में कुछ गिरावट देखने को मिल रही है. हफ्ते भर पहले हरियाणा फल-सब्जियों के दाम बढ़ने से आम आदमी को काफी परेशानियों से जूझना पड़ रहा था. हालांकि 80 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर अब 30 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं गर्मियों के मौसम की सब्जियों के सब्जी मंडी में आने से अभी शुरुआत में उनके भाव कुछ ज्यादा है. जैसे-जैसे ज्यादा सब्जियां सब्जी मंडी में पहुंचेगी भाव कम होते जायेगा.
हरियाणा की मंडियों में गोभी, आलू जैसी सब्जियां जो पहले 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रही थी वो अब 15 रुपये से 20 रुपये प्रति किलो बिक रही (vegetable price in haryana) हैं. कुछ वक्त पहले लोगों की थालियों से गायब होने वाला टमाटर अब 30 रुपये प्रति किलो बिक (Tomato Price In Haryana) रहा है. ऐसे ही खीरा और प्याज भी 20-25 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. माना जा रहा है कि जैसे जैसे मंडियों में मौसमी सब्जियों आनी शुरू हो जाएंगी सब्जियों के दाम में और भी कमी देखने को मिल सकती है. जानें शनिवार को क्या रहे हरियाणा में सब्जियों के दाम. (सब्जी दाम प्रति किलोग्राम)
- मटर- 40 रुपये
- गाजर- 25 रुपये
- आलू- 15 रुपये
- टमाटर- 30 रुपये
- गोभी- 20 रुपये
- बन्द गोभी- 20 रुपये
- प्याज- 25 रुपये
- खीरा- 20 रुपये
- पॉलीहाउस खीरा- 40 रुपये
- पालक- 30 रुपये
- धनिया- 40 रुपये
- मेथी- 20 रुपये
- नींबू- 150 रुपये
- शिमला मिर्च- 50 रुपये
- मूली- 20 रुपये
- अदरक- 70 रुपये
- फ्रांस बीन- 80 रुपये
- मशरूम- 120 रुपये
- हरी मिर्च- 100 रुपये
- भिण्डी- 70 रुपये
- पुदीना- 30 रुपये
- चुकंदर- 30 रुपये
- चपन कदु- 20 रुपये
- लोकी- 25 रुपये
- कद्दू- 30 रुपये
- तोरई- 80 रुपये
- ककड़ी- 70 रुपये
- बैंगन- 25 रुपये
- करेला- 80 रुपये
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वहीं फ्रूट भी काफी महंगा बिक रहा था जिसमें हल्की गिरावट देखने को मिली है. हरियाणा में केला 50 रुपये किलो और सेब 120 रुपये किलो के हिसाब से बिक रहा है. इनके अलावा संतरा 60 रुपये किलो, चीकू 40 रुपये किलो, अनार 120 रुपये किलो, अमरूद 30 रुपये किलो, अंगूर 70 रुपये किलो, काले अंगूर 80 रुपये किलो, बेर 30 रुपये किलो, मौसमी 50 रुपये किलो, पपीता 40 रुपये किलो बिक रहा है. बता दें कि मंडियों में फल-सब्जियों की आवक में सुधार आ चुका है, लेकिन मांग अधिक होने के कारण दाम अभी उतने नहीं घटे हैं जितने होने चाहिए. हालांकि, लोकल सब्जियों के मंडी पहुंचने से और बाकी राज्यों से आवक पूर्ति होने से आम आदमी को राहत जरूर मिली है.
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