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धान खरीद प्रकिया देखने इंद्री अनाज मंडी में पहुंचे पूर्व सीएम हुड्डा, सरकार पर जमकर साधा निशाना

हरियाणा सरकार ने किसानों के विरोध के बाद धान खरीद (haryana crop procurement) की तारीख 11 अक्टूबर से बदलकर 3 अक्टूबर कर दी थी. हालांकि करनाल में अभी तक भी धान खरीद शुरू नहीं हुई. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder singh hooda) ने इंद्री अनाज मंडी का दौरा किया और सरकार पर जमकर निशाना साधा.

bhupinder hooda indri grain market
haryana crop procurement
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Published : Oct 3, 2021, 4:53 PM IST

करनाल: धान खरीद (haryana crop purchase) को लेकर किसानों के आक्रोश को देखते हुए सरकार द्वारा 3 अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद शुरू की गई है, लेकिन करनाल में अभी तक भी ये प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी. जिसको लेकर किसानों ने काफी हंगामा किया. वहीं दोपहर को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder singh hooda) इंद्री की अनाज मंडी में पहुंचे. किसानों ने अपनी दयनीय हालात व सरकार की तानाशाही से पूर्व मुख्यमंत्री को अवगत करवाया.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार ने पहले धान खरीद के लिए 25 सितंबर की तारीख तय की थी. उसके बाद 1 अक्टूबर की तारीख रखी गई जबकि हाइब्रिड वैरायटी सितंबर माह में ही पक कर तैयार हो जाती है, लेकिन 1 तारीख को सरकार ने नया फरमान जारी कर 11 अक्टूबर से धान खरीद की तारीख तय की. किसानों ने जब मजबूरी में सीएम आवास का घेराव किया तो धान खरीद 3 अक्टूबर से शुरू करने का फैसला लिया.

धान खरीद प्रकिया देखने इंद्री अनाज मंडी में पहुंचे पूर्व सीएम हुड्डा, सरकार पर जमकर साधा निशाना

ये भी पढ़ें- हरियाणा में आज से धान की खरीद, बड़ी संख्या में फसल मंडी लेकर पहुंच रहे किसान

उन्होंने कहा कि मंडी में धान की हालत देखिए अभी तक भी कोई भी सरकारी नुमाइंदा धान खरीद के लिए नहीं पहुंचा है. पूरी मंडी धान से भरी हुई है और जो धान खेतों में पकी खड़ी है वह खेत में ही झड़ने वाली है. क्योंकि अभी तक तो सरकार की तैयारी ही नहीं हुई, जब तैयारी पूरी होगी तो इतनी धान को एकदम से सरकार कैसे कंट्रोल कर पाएगी. मंडी के बाहर कोसों तक ट्रैक्टर ट्राली की लाइनें लग जाएगी. ये सरकार किसानों पर अत्याचार कर रही है. सरकार द्वारा धान खरीद को लेकर नए-नए फरमान जारी किए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पहले प्रति एकड़ 33 क्विंटल धान खरीद का सरकार द्वारा नियम था, लेकिन अब भाजपा सरकार ने 25 क्विंटल कर दिया है. जबकि 1 एकड़ में 40 क्विंटल से भी अधिक पैदावार होती है. बाकी धान को किसान कहां लेकर जाएगा. नमी को लेकर भी बीजेपी सरकार ने नए-नए नियम बना दिए हैं. उसके मुताबिक तो किसान अपनी धान को बेच ही नहीं पाएगा. उन्होंने मंडी अधिकारियों से पूछा की खरीद शुरू क्यों नहीं हो पाई है और इस समय मंडी में कितनी धान मौजूद है. इस पर कोई जवाब नहीं दे पाया.

ये भी पढ़ें- करनाल में नहीं हो रही धान की खरीद, किसानों को ना गेट पास मिला, ना कोई मैसेज

करनाल: धान खरीद (haryana crop purchase) को लेकर किसानों के आक्रोश को देखते हुए सरकार द्वारा 3 अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद शुरू की गई है, लेकिन करनाल में अभी तक भी ये प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी. जिसको लेकर किसानों ने काफी हंगामा किया. वहीं दोपहर को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder singh hooda) इंद्री की अनाज मंडी में पहुंचे. किसानों ने अपनी दयनीय हालात व सरकार की तानाशाही से पूर्व मुख्यमंत्री को अवगत करवाया.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार ने पहले धान खरीद के लिए 25 सितंबर की तारीख तय की थी. उसके बाद 1 अक्टूबर की तारीख रखी गई जबकि हाइब्रिड वैरायटी सितंबर माह में ही पक कर तैयार हो जाती है, लेकिन 1 तारीख को सरकार ने नया फरमान जारी कर 11 अक्टूबर से धान खरीद की तारीख तय की. किसानों ने जब मजबूरी में सीएम आवास का घेराव किया तो धान खरीद 3 अक्टूबर से शुरू करने का फैसला लिया.

धान खरीद प्रकिया देखने इंद्री अनाज मंडी में पहुंचे पूर्व सीएम हुड्डा, सरकार पर जमकर साधा निशाना

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उन्होंने कहा कि मंडी में धान की हालत देखिए अभी तक भी कोई भी सरकारी नुमाइंदा धान खरीद के लिए नहीं पहुंचा है. पूरी मंडी धान से भरी हुई है और जो धान खेतों में पकी खड़ी है वह खेत में ही झड़ने वाली है. क्योंकि अभी तक तो सरकार की तैयारी ही नहीं हुई, जब तैयारी पूरी होगी तो इतनी धान को एकदम से सरकार कैसे कंट्रोल कर पाएगी. मंडी के बाहर कोसों तक ट्रैक्टर ट्राली की लाइनें लग जाएगी. ये सरकार किसानों पर अत्याचार कर रही है. सरकार द्वारा धान खरीद को लेकर नए-नए फरमान जारी किए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पहले प्रति एकड़ 33 क्विंटल धान खरीद का सरकार द्वारा नियम था, लेकिन अब भाजपा सरकार ने 25 क्विंटल कर दिया है. जबकि 1 एकड़ में 40 क्विंटल से भी अधिक पैदावार होती है. बाकी धान को किसान कहां लेकर जाएगा. नमी को लेकर भी बीजेपी सरकार ने नए-नए नियम बना दिए हैं. उसके मुताबिक तो किसान अपनी धान को बेच ही नहीं पाएगा. उन्होंने मंडी अधिकारियों से पूछा की खरीद शुरू क्यों नहीं हो पाई है और इस समय मंडी में कितनी धान मौजूद है. इस पर कोई जवाब नहीं दे पाया.

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