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Farmers Protest In Karnal: गन्ने की कीमत बढ़ाने के लिए किसानों का प्रदर्शन, 450 रुपये प्रति क्विंटल रेट की मांग

Farmers Protest In Karnal: करनाल में गन्ना किसानों ने धरना प्रदर्शन किया. किसानों की मांग है कि गन्ने की कीमत बढ़ाई जाए और उनकी रुकी हुई पेमेंट को भी जल्द उनके खाते में ट्रांसफर किया जाए. ताकि किसानों को आर्थिक संकट से राहत मिल सके. किसानों की मुख्य मांग है कि किसानों को गन्ने का रेट 450 रुपये प्रति क्विंटल दिया जाए.

Farmers Protest In Karnal
गन्ना का रेट बढ़ाने के लिए किसानों का प्रदर्शन
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 19, 2023, 7:05 PM IST

करनाल: सीएम सिटी करनाल में किसानों ने गन्ने की फसल का रेट बढ़ाने को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के साथ गन्ना संघर्ष समिति के किसान नेता भी मौजूद रहे. किसानों का कहना है कि उन्होंने गन्ने की पेमेंट समय पर देने और रेट बढ़ाने को लेकर गुरुवार को धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. हरियाणा में काफी मात्रा में गन्ने की खेती की जाती है. लेकिन किसानों का आरोप है कि पिछले साल की किसानों की गन्ने की पेमेंट का बकाया अभी तक नहीं आया. जिसके चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किये गये किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी जेल से रिहा, बाकी 9 किसान भी बाहर आये

भारतीय किसान यूनियन के नेता रामपाल चहल ने बताया कि आज बीकेयू के साथ गन्ना संघर्ष समिति के सदस्य और गन्ने की फसल लगाने वाले किसान इस प्रदर्शन में शामिल हुए. किसानों ने जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. मांग पत्र में किसानों ने अपनी मांगों का जिक्र करते हुए जल्द उन्हें पूरा करने की डिमांड की है.

किसानों की मुख्य मांग है कि किसानों को गाने का भाव प्रति क्विंटल 450 रुपया दिया जाए और किसानों के गन्ने की पेमेंट भी 14 दिन के भीतर दी जाए. यदि पेमेंट आने में इससे ज्यादा का समय लगता है तो उसमें ₹1 सैकड़ा के हिसाब से किसानों को ब्याज मिलना चाहिए. किसानों को मिल में गन्ना डालने में काफी परेशानी होती है. क्योंकि सरकार द्वारा गन्ना मिल को काफी देरी से शुरू किया जाता है. इसलिए सरकार से अपील करते हैं कि नवंबर के पहले सप्ताह में प्रदेश की सभी मिलों को शुरू किया जाए. ताकि गन्ने की कटाई होते ही फसल को मिल में डाल दिया जाए.

इसके अलावा, किसानों की आखिरी मांग है कि उनका गन्ने का पैसा भी रुका हुआ है. पिछले सीजन की गन्ने की पेमेंट अंबाला के शुगर मिल में करीब 42 करोड़ रुपये बकाया है. किसानों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द ये पैसा किसानों के खाते में ट्रांसफर करें. किसानों ने बताया कि पेमेंट रुकने से उनको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है. उन्हें मजदूरी भी देनी पड़ती है और दूसरी फसलें भी लगानी होती है.

किसान नेता मनजीत सिंह ने बताया कि गन्ने वाले किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि यह सरकार को अपनी मांग पहुंचाने के लिए एक छोटा सा प्रदर्शन था. अगर सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया तो आने वाले समय में आंदोलन बड़ा होगा. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. उन्होंने सरकार से अपील की है कि जल्द उनकी मांगों को स्वीकार किया जाए, ताकि किसानों को थोड़ा सा फायदा हो सके.

ये भी पढ़ें: हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल बोले- यूपी और पंजाब के किसान हरियाणा को अपना अखाड़ा ना बनाएं

करनाल: सीएम सिटी करनाल में किसानों ने गन्ने की फसल का रेट बढ़ाने को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के साथ गन्ना संघर्ष समिति के किसान नेता भी मौजूद रहे. किसानों का कहना है कि उन्होंने गन्ने की पेमेंट समय पर देने और रेट बढ़ाने को लेकर गुरुवार को धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. हरियाणा में काफी मात्रा में गन्ने की खेती की जाती है. लेकिन किसानों का आरोप है कि पिछले साल की किसानों की गन्ने की पेमेंट का बकाया अभी तक नहीं आया. जिसके चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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भारतीय किसान यूनियन के नेता रामपाल चहल ने बताया कि आज बीकेयू के साथ गन्ना संघर्ष समिति के सदस्य और गन्ने की फसल लगाने वाले किसान इस प्रदर्शन में शामिल हुए. किसानों ने जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. मांग पत्र में किसानों ने अपनी मांगों का जिक्र करते हुए जल्द उन्हें पूरा करने की डिमांड की है.

किसानों की मुख्य मांग है कि किसानों को गाने का भाव प्रति क्विंटल 450 रुपया दिया जाए और किसानों के गन्ने की पेमेंट भी 14 दिन के भीतर दी जाए. यदि पेमेंट आने में इससे ज्यादा का समय लगता है तो उसमें ₹1 सैकड़ा के हिसाब से किसानों को ब्याज मिलना चाहिए. किसानों को मिल में गन्ना डालने में काफी परेशानी होती है. क्योंकि सरकार द्वारा गन्ना मिल को काफी देरी से शुरू किया जाता है. इसलिए सरकार से अपील करते हैं कि नवंबर के पहले सप्ताह में प्रदेश की सभी मिलों को शुरू किया जाए. ताकि गन्ने की कटाई होते ही फसल को मिल में डाल दिया जाए.

इसके अलावा, किसानों की आखिरी मांग है कि उनका गन्ने का पैसा भी रुका हुआ है. पिछले सीजन की गन्ने की पेमेंट अंबाला के शुगर मिल में करीब 42 करोड़ रुपये बकाया है. किसानों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द ये पैसा किसानों के खाते में ट्रांसफर करें. किसानों ने बताया कि पेमेंट रुकने से उनको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है. उन्हें मजदूरी भी देनी पड़ती है और दूसरी फसलें भी लगानी होती है.

किसान नेता मनजीत सिंह ने बताया कि गन्ने वाले किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि यह सरकार को अपनी मांग पहुंचाने के लिए एक छोटा सा प्रदर्शन था. अगर सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया तो आने वाले समय में आंदोलन बड़ा होगा. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. उन्होंने सरकार से अपील की है कि जल्द उनकी मांगों को स्वीकार किया जाए, ताकि किसानों को थोड़ा सा फायदा हो सके.

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