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Farmers Protest Update: किसान और प्रशासन में इन शर्तों के साथ हुआ समझौता, धरना खत्म - Karnal Farmers Protest

करनाल में किसान प्रदर्शन (Karnal Farmers Protest) के पांचवें दिन किसानों और प्रशासन के बीच सहमति बन गई है. जिसके बाद किसानों ने धरना खत्म करने का फैसला किया है.

Consensus between farmers and administration
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Published : Sep 11, 2021, 10:34 AM IST

Updated : Sep 11, 2021, 1:09 PM IST

करनाल: शनिवार को हुई बैठक के बाद किसान नेताओं और करनाल प्रशासन के बीच सहमति बन गई है. जिसके बाद अब किसानों का धरना खत्म (Farmers Protest End) हो गया है. किसान नेता गुरनाम चढूनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि लाठीचार्ज मामले की न्यायायिक जांच होगी. जांच पूरी होने तक तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे. प्रशासन ने किसानों को जांच पूरी करने के लिए एक महीने का वक्त दिया है. हाई कोर्ट के रिटायर जज से इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी.

इसके अलावा प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसान के परिवार को डीसी रेट पर दो पक्की नौकरी देने की बात भी तय हुई है. बता दें कि किसान चार दिन से करनाल में 'सिर फोड़ दो' वाला बयान देने वाले तत्कालीन एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. शुक्रवार को 4 घंटे लंबी चली बैठक का सकारात्मक परिणाम निकला. जिसके बाद किसानों ने शनिवार को धरना खत्म करने का एलान किया.

किसान और प्रशासन में इन शर्तों के साथ हुआ समझौता, धरना खत्म

ये भी पढ़ें- किसानों का सिर फोड़ने वाले एसडीएम पर सीएम की मेहरबानी? अपने करीब दी ये बड़ी जिम्मेदारी

गौरतलब है कि बीते दिनों सीएम मनोहर लाल का एक कार्यक्रम करनाल में हुआ था. जिसका किसान विरोध कर रहे थे. इसकी सुरक्षा का जिम्मा तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के हाथों में था. इस दौरान किसानों पर लाठीचार्ज किया गया था. उसी वक्त का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें आयुष सिन्हा कहते दिख रहे हैं कि जो भी किसान यहां आने की कोशिश करे उसका सिर फोड़ देना, इसी पर किसान भड़के हुए हैं, और करनाल लघु सचिवालय के बाहर धरना दे रहे हैं, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए थे.

ये भी पढ़ें- Karnal Farmers Protest: किसानों और प्रशासन के बीच अहम बैठक, सुरक्षा के लिए 40 कंपनियां तैनात

लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने तीन मांगें सरकार के सामने रखी थी. पहली मांग ये कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया था, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. तीसरी मांग ये कि लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसान धरना प्रदर्शन कर रहे थे.

करनाल: शनिवार को हुई बैठक के बाद किसान नेताओं और करनाल प्रशासन के बीच सहमति बन गई है. जिसके बाद अब किसानों का धरना खत्म (Farmers Protest End) हो गया है. किसान नेता गुरनाम चढूनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि लाठीचार्ज मामले की न्यायायिक जांच होगी. जांच पूरी होने तक तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे. प्रशासन ने किसानों को जांच पूरी करने के लिए एक महीने का वक्त दिया है. हाई कोर्ट के रिटायर जज से इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी.

इसके अलावा प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसान के परिवार को डीसी रेट पर दो पक्की नौकरी देने की बात भी तय हुई है. बता दें कि किसान चार दिन से करनाल में 'सिर फोड़ दो' वाला बयान देने वाले तत्कालीन एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. शुक्रवार को 4 घंटे लंबी चली बैठक का सकारात्मक परिणाम निकला. जिसके बाद किसानों ने शनिवार को धरना खत्म करने का एलान किया.

किसान और प्रशासन में इन शर्तों के साथ हुआ समझौता, धरना खत्म

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गौरतलब है कि बीते दिनों सीएम मनोहर लाल का एक कार्यक्रम करनाल में हुआ था. जिसका किसान विरोध कर रहे थे. इसकी सुरक्षा का जिम्मा तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के हाथों में था. इस दौरान किसानों पर लाठीचार्ज किया गया था. उसी वक्त का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें आयुष सिन्हा कहते दिख रहे हैं कि जो भी किसान यहां आने की कोशिश करे उसका सिर फोड़ देना, इसी पर किसान भड़के हुए हैं, और करनाल लघु सचिवालय के बाहर धरना दे रहे हैं, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए थे.

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लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने तीन मांगें सरकार के सामने रखी थी. पहली मांग ये कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया था, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. तीसरी मांग ये कि लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसान धरना प्रदर्शन कर रहे थे.

Last Updated : Sep 11, 2021, 1:09 PM IST
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