करनाल: पंजाब चुनाव में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी की सक्रियता करनाल के किसानों को रास नहीं आई. इसका नतीजा यह रहा है कि जिले से करीब 45 पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. ऐसे में जिले से चंढ़ूनी ग्रुप ही खत्म हो (Grunam Chadhuni Group In Karnal) गया. किसानों का कहना है कि किसानों को संगठन गैर-राजनीतिक रहा है और आगे भी वो गैर-राजनीतिक रहकर ही काम करना पड़ेगा.
जगदीप ओलख ने बताया कि जाट धर्मशाला करनाल में किसानों की बैठक (Jaat Bhavan In Karnal) हुई है. भारतीय किसान यूनियन चंढ़ूनी, प्रधान गुरनाम सिंह चंढ़ूनी राजनीति में चले गए हैं. पंजाब में चुनाव कर रहे हैं. कई तरीके की कोशिश की गई, वो इससे नहीं माने. आज पूरी कार्यकारिणी ने इस्तीफा दे दिया है. उनसे अलग हो गए हैं. किसान के तौर पर किसानों की सेवा करेंगे.
चुनाव में काम कर रहे हैं. प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव कर रहे हैं. इससे पूरा जिला नराज है. करनाल के साथियों ने किसान आंदोलन में पूरा काम किया. आगे भी किसान भाई जो भी फैसला लेंगे. उस पर हम कायम रहेंगे. करनाल के जिला प्रधान ब्लॉक प्रधान, महिला विंग प्रधान समेत सभी करीब 40-45 पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया है.
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वहीं भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप में रहे प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुखविंदर सिंह जब्बर ने बताया के हम किसानों को गैर राजनैतिक होकर काम करना है. इस बात को कर पहले भी करनाल डेरा कार सेवा में एक मीटिंग के दौरान गुरनाम सिंह चढूनी को कहीं गई थी लेकिन वह नहीं माने और पंजाब में हो रहे चुनावों में अपनी भागीदारी दे रहे हैं जिस कारण से हमने चढूनी ग्रुप को छोड़ने का फैसला लिया है.
बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने संयुक्त संघर्ष पार्टी (sankukt sangharsh party) बना ली है. चढूनी की ये पार्टी पंजाब के कई विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. चढ़ूनी ने पंजाब चुनाव में कई उम्मीदवार भी उतार दिए हैं.
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