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Haryana Budget 2023: हरियाणा बजट से किसानों को खाद बीज की उपलब्धता समेत इन चीजों की उम्मीद - भावांतर भरपाई योजना

हरियाणा विधानसभा सत्र चल रहा है और कल यानी 23 फरवरी को हरियाणा का बजट पेश होना है. ऐसे में किसानों को राज्य बजट से काफी उम्मीदें हैं. पढ़ें पूरी खबर...

हरियाणा बजट 2023.
हरियाणा बजट 2023.
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Published : Feb 22, 2023, 3:00 PM IST

हरियाणा बजट से किसानों को खाद बीज की उपलब्धता समेत इन चीजों की उम्मीद

करनाल: 23 फरवरी को हरियाणा का बजट पेश होना है. ऐसे में हरियाणा के किसानों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. किसानों का कहना है कि इस बार केंद्र सरकार के बजट में किसानों के लिए कुछ खास योजनाएं शुरू नहीं की हैं ऐसे में उन्हें हरियाणा बजट से काफी उम्मीदें हैं. हरियाणा के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है कि उनको सरकार की तरफ से जो एमएससी पर फसल खरीद की जाती है उसमें कुछ फसलें ही शामिल हैं.

जिनको एमएसपी पर खरीदा जाता है लेकिन कुछ ऐसी फसलें हैं जिनका उनको पूरा मूल्य नहीं मिल पाता. किसानों ने कहा कि जब उनकी फसल अनाज मंडी में जाती है तब नमी के नाम पर उनके फसल से पैसे काट लिए जाते हैं. जिससे उनको पूरा मूल्य नहीं मिल पाता है. ऐसे में किसानों ने हरियाणा सरकार से अपील की है कि इस पर कोई पॉलिसी लेकर आए ताकि हरियाणा के किसानों को इसका फायदा हो सके.

सब्सिडी पर दिया जाए पशुओं का दाना- वहीं, किसानों का कहना है कि किसान खेती के साथ-साथ पशु पालन भी करते हैं और पशुपालन के दौरान अपने पशुओं को जो फीड या दाना दिया जाता है, वह काफी महंगा होता जा रहा है. इसलिए हरियाणा सरकार पशुपालन को बरकरार रखने के लिए पशुओं के दाने पर कुछ राहत दे या उनको सब्सिडी पर पशुओं का दाना दिया जाए.

दूध के रेट कम, खर्च ज्यादा- किसानों ने कहा कि पिछले काफी समय से हरियाणा में पशुओं की संख्या कम होती जा रही है. अगर यही हालत रहे तो किसान आने वाले समय में पशु रखना बंद कर देंगे. किसानों का कहना है कि वह पशु पालन करते हैं ऐसे में उन पर ज्यादा खर्च आता है और दूध कम रेट पर जाता है या तो सरकार दूध के रेट बढ़ाए या फिर पशुओं की फीड में किसानों को कुछ राहत दी जाए.

भावांतर भरपाई योजना का नहीं मिल रहा लाभ- किसानों ने कहा कि हरियाणा सरकार के द्वारा काफी पॉलिसी चलाई हुई है, लेकिन किसानों तक उनका लाभ नहीं पहुंच रहा. ऐसे में जिन पॉलिसियों को हरियाणा सरकार किसानों के लिए लागू करती है उनको धरातल पर भी पहुंचाए ताकि किसानों को इसका लाभ हो सके. वहीं, किसानों के लिए भावांतर भरपाई योजना चली हुई है जिसमें किसानों की सब्जियां कि करीब 16 फसल शामिल है, लेकिन यह योजना भी कागजों तक ही सीमित रह जाती है. किसानों को इनका फायदा नहीं हो रहा.

समय पर नहीं मिल रही खाद और बीज- किसानों की सबसे मुख्य समस्या है कि उन्हें समय पर खाद और बीज नहीं मिल पाते हैं. जिससे उनकी फसल के उत्पादन में काफी प्रभाव पड़ता है. ऐसे में हरियाणा सरकार को बजट में किसानों के लिए खाद और बीज के लिए पॉलिसी बनानी चाहिए और इन पर उनको सब्सिडी भी देनी चाहिए ताकि किसानों को थोड़ा फायदा हो सके.

किसान खेती छोड़ने को होंगे मजबूर- किसानों का कहना है कि उनका खेती पर खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है लेकिन उन्हें मुनाफा कम हो रहा है. अगर ऐसे ही हालत रहे तो किसान खेती छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे. ऐसे में किसान हित के लिए अगर बजट आता है तो किसानों को थोड़ी राहत जरूर मिल जाएगी.

ये भी पढ़ें: Haryana Budget Session 3rd Day: सदन की कार्यवाही जारी, विधायक वरुण चौधरी ने उठाया निजी संपत्ति में खंभा लगाने का मामला

हरियाणा बजट से किसानों को खाद बीज की उपलब्धता समेत इन चीजों की उम्मीद

करनाल: 23 फरवरी को हरियाणा का बजट पेश होना है. ऐसे में हरियाणा के किसानों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. किसानों का कहना है कि इस बार केंद्र सरकार के बजट में किसानों के लिए कुछ खास योजनाएं शुरू नहीं की हैं ऐसे में उन्हें हरियाणा बजट से काफी उम्मीदें हैं. हरियाणा के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है कि उनको सरकार की तरफ से जो एमएससी पर फसल खरीद की जाती है उसमें कुछ फसलें ही शामिल हैं.

जिनको एमएसपी पर खरीदा जाता है लेकिन कुछ ऐसी फसलें हैं जिनका उनको पूरा मूल्य नहीं मिल पाता. किसानों ने कहा कि जब उनकी फसल अनाज मंडी में जाती है तब नमी के नाम पर उनके फसल से पैसे काट लिए जाते हैं. जिससे उनको पूरा मूल्य नहीं मिल पाता है. ऐसे में किसानों ने हरियाणा सरकार से अपील की है कि इस पर कोई पॉलिसी लेकर आए ताकि हरियाणा के किसानों को इसका फायदा हो सके.

सब्सिडी पर दिया जाए पशुओं का दाना- वहीं, किसानों का कहना है कि किसान खेती के साथ-साथ पशु पालन भी करते हैं और पशुपालन के दौरान अपने पशुओं को जो फीड या दाना दिया जाता है, वह काफी महंगा होता जा रहा है. इसलिए हरियाणा सरकार पशुपालन को बरकरार रखने के लिए पशुओं के दाने पर कुछ राहत दे या उनको सब्सिडी पर पशुओं का दाना दिया जाए.

दूध के रेट कम, खर्च ज्यादा- किसानों ने कहा कि पिछले काफी समय से हरियाणा में पशुओं की संख्या कम होती जा रही है. अगर यही हालत रहे तो किसान आने वाले समय में पशु रखना बंद कर देंगे. किसानों का कहना है कि वह पशु पालन करते हैं ऐसे में उन पर ज्यादा खर्च आता है और दूध कम रेट पर जाता है या तो सरकार दूध के रेट बढ़ाए या फिर पशुओं की फीड में किसानों को कुछ राहत दी जाए.

भावांतर भरपाई योजना का नहीं मिल रहा लाभ- किसानों ने कहा कि हरियाणा सरकार के द्वारा काफी पॉलिसी चलाई हुई है, लेकिन किसानों तक उनका लाभ नहीं पहुंच रहा. ऐसे में जिन पॉलिसियों को हरियाणा सरकार किसानों के लिए लागू करती है उनको धरातल पर भी पहुंचाए ताकि किसानों को इसका लाभ हो सके. वहीं, किसानों के लिए भावांतर भरपाई योजना चली हुई है जिसमें किसानों की सब्जियां कि करीब 16 फसल शामिल है, लेकिन यह योजना भी कागजों तक ही सीमित रह जाती है. किसानों को इनका फायदा नहीं हो रहा.

समय पर नहीं मिल रही खाद और बीज- किसानों की सबसे मुख्य समस्या है कि उन्हें समय पर खाद और बीज नहीं मिल पाते हैं. जिससे उनकी फसल के उत्पादन में काफी प्रभाव पड़ता है. ऐसे में हरियाणा सरकार को बजट में किसानों के लिए खाद और बीज के लिए पॉलिसी बनानी चाहिए और इन पर उनको सब्सिडी भी देनी चाहिए ताकि किसानों को थोड़ा फायदा हो सके.

किसान खेती छोड़ने को होंगे मजबूर- किसानों का कहना है कि उनका खेती पर खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है लेकिन उन्हें मुनाफा कम हो रहा है. अगर ऐसे ही हालत रहे तो किसान खेती छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे. ऐसे में किसान हित के लिए अगर बजट आता है तो किसानों को थोड़ी राहत जरूर मिल जाएगी.

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