करनाल: संयुक्त किसान मोर्चा आज देश भर में बीजेपी सरकार के खिलाफ 'विश्वासघात दिवस' दिवस मना रहा है. मोर्चे का केंद्र सरकार पर किसानों के साथ हुए समझौते का मान न रखने का आरोप है. इस कड़ी में करनाल में आज किसानों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ (Farmer Protest In Karnal) जिला स्तर पर लघु सचिवालय में सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर प्रदर्शन किया. किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका और रोष जाहिर किया.
भारतीय किसान यूनियन की जिला अध्यक्ष कविता दत्त ने कहा कि सरकार ने कृषि बिल को रद्द करने के बाद भी 9 दिसंबर के अपने पत्र में किया कोई वादा पूरा नहीं किया है. आंदोलन के दौरान किसानों पर हुए केस को तत्काल वापस लेने और शहीद परिवारों को मुआवजा देने के वादे पर पिछले दो सप्ताह में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं एमएसपी के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी के गठन की कोई घोषणा अभी तक नहीं की है.
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आज हरियाणा में जिला स्तर पर किसान भारी संख्या में पहुंचकर विश्वासघात दिवस के रूप में प्रदर्शन कर रहे हैं और बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रधानमंत्री का पुतला फूंक रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन ने प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन भी जिला प्रशासन को सौंपा. वहीं किसानों के साथ आंगनवाड़ी वर्कर्स ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आंगनवाड़ी वर्कर्स की मांग है कि प्रधानमंत्री द्वारा सिंतबर 2018 में की गई वर्कर्स और हेल्पर्स की 1500 और 750 रुपये की बढ़ोतरी को ऐरियर समेत दिया जाए.
आंगनवाड़ी वर्कर्स को 5 लाख और हेल्पर्स को 3 लाख रुपये रिटायरमेंट लाभ दिया जाए. आंगनवाड़ी वर्कर्स ने मांग की कि रिटायरमेंट पेंशन लागू की जाए. उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर से सुपरवाइजर के रूप में 50 प्रतिशत की पदोन्नति को तुंरत लागू किया जाए. आंगनवाड़ी केंद्रों का बढ़ा किराया ग्रामीण क्षेत्र का 2000, छोटे कस्बों में शहर का 3000 और बड़े शहरों का 5000 रुपये लागू किया जाए. किराया कम देने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाए. जिसके चलते आंगनवाड़ी वर्कर्स ने किसानों के साथ विश्वासघात दिवस मनाया.
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