करनाल: हरियाणा में परिवार पहचान पत्र बनाने के लिए हर व्यक्ति आवेदन करता है, लेकिन इस दौरान उसे परिवार पहचान पत्र बनवाने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अगर आपको भी फैमिली आईडी बनाने में कोई समस्या आ रही है, तो यह खबर आपके लिए है. इससे पूर्व कि हम आपको हरियाणा फैमिली आईडी बनाए जाने संबंधी प्रक्रिया की जानकारी दें, सबसे पहले आपको बताते हैं कि हरियाणा फैमिली आईडी क्या है. आपको बता दें कि यह एक 8 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या होगी. इसके लिए हरियाणा सरकार की ओर से पूरे परिवार के लिए एक ही पहचान पत्र जारी किया जा रहा है. यह एक स्मार्ट कार्ड है. इसे 'मेरा परिवार, मेरी पहचान' का नाम दिया गया है.
परिवार पहचान पत्र में पूरे परिवार की जानकारी होती है. इसे समय समय पर बदलवाया भी जा सकता है. जिस प्रकार से किसी व्यक्ति की पहचान उसके आधार कार्ड एवं उसकी विशिष्ट पहचान संख्या से होती है, इसी प्रकार 'मेरा परिवार मेरी पहचान' प्रमाण पत्र में 8 अंकों की संख्या होती है. यह संख्या ही किसी परिवार यानी फैमिली की आईडी होगी. इसका लाभ यह है कि केवल एक ही आईडी से हरियाणा सरकार की तमाम योजनाओं के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. इसके अंतर्गत हरियाणा में सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए परिवार पहचान कार्ड बनाए जाएंगे, ताकि राज्य के सभी लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिल सके.
फैमिली आईडी जारी करने का उद्देश्य: प्रदेश सरकार चाहती है कि हरियाणा में किसी भी सरकारी योजना में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदकों को कम से कम दस्तावेजों की आवश्यकता पड़े. आपको बता दें कि बर्थ सर्टिफिकेट से लेकर डेथ सर्टिफिकेट बनवाने तक के बीच व्यक्ति को हरियाणा फैमिली कार्ड की आवश्यकता होगी. यहां तक कि इस बार से स्कूल से लेकर ग्रेजुएशन में प्रवेश के लिए भी फैमिली आईडी कार्ड आवश्यक कर दिया गया है. यह एक बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है, जिसकी प्रासंगिकता बनी रहेगी.
हरियाणा फैमिली कार्ड बनवाने के लिए पात्रता: हरियाणा में फैमिली कार्ड बनाने के लिए हरियाणा का मूल/ स्थाई निवासी होना आवश्यक है. आवेदक की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष होनी चाहिए. आवेदक के पास उसके स्थाई/ मूल पते का कोई प्रमाण पत्र होना आवश्यक है. सरकार ने आवेदकों को दो वर्गों में विभक्त किया है. एक स्थाई रूप से राज्य में रहने वाले आवदेक एवं दूसरे अस्थाई रूप से राज्य में रहने वाले आवेदक. स्थाई आवेदकों की 8 अंकों की आईडी बनाई जाती है, जबकि अस्थाई राज्य में रहने वालों की 9 अंकों की आईडी होती है.
पढ़ें: हरियाणा में परिवार पहचान पत्र के लिए दर दर की ठोकर खाने को मजबूर लोग, लाखों रुपये में दिखाई गई कमाई
परिवार पहचान पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज: आवेदन करते समय आवेदक के पास सभी परिजनों के आधार कार्ड, सभी के वोटर कार्ड (जिनके हैं) सभी के खाता नंबर (जिनके हैं), मुखिया का पैन कार्ड, दसवीं का प्रमाण पत्र (जिनके पास हैं), जन्म प्रमाण पत्र (जिनके हैं), आवेदक की वोटर आईडी, पैन कार्ड अथवा राशन कार्ड होना चाहिए. आवेदक के परिवार के सभी सदस्यों का अपडेटेड आधार कार्ड होना चाहिए, इसके साथ ही अगर आवेदक शादीशुदा है तो उसके मैरिज सर्टिफिकेट की काॅपी भी होनी चाहिए. आवेदक के परिजनों की फोटोग्राफ भी आवश्यक है. इसके साथ ही आवेदक का मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी भी जरूरी है.
आवेदन कहां करें: ग्राम स्तरीय उद्यमियों द्वारा चलाए जा रहे जन सेवा केंद्र हैं, इन्हें काॅमन सर्विस सेंटर यानी सीएससी के नाम से भी जाना जाता है. आप अपने नजदीकी किसी भी जन सेवा केंद्र पर जाकर फैमिली आईडी कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए आपको ऊपर बताए गए, सभी आवश्यक दस्तावेज अपने साथ ले जाने होंगे. जिसके पश्चात आप की फैमिली आईडी कार्ड के लिए जन सेवा केंद्र एजेंट द्वारा आवेदन कर दिया जाएगा. आवेदन करने के 7 दिनों के अंदर आप जन सेवा केंद्र पर वापस जाकर अपना फैमिली आईडी कार्ड प्राप्त कर सकते हैं.
फैमिली पहचान पत्र में ब्योरे को कैसे अपडेट करें: सरकार ने इसे अपडेट करने की ऑनलाइन सुविधा दी है, जिसके जरिये आप स्वयं घर बैठे, इसमें संशोधन कर सकते हैं. जैसे सदस्य का नाम जोड़ना, घटाना, सदस्य के नाम में बदलाव, किसी अन्य दस्तावेज में संशोधन आदि. इसकी प्रक्रिया इस प्रकार से हैं. अगर आप फैमिली आईडी में कुछ अपडेट करना चाहते हैं, तो उसके लिए हरियाणा सरकार ने PPP PORTAL पर CORRECTION MODULE का ऑप्शन दिया है.
जिसमें जाने के बाद आपको PPP ID भरनी होगी और फिर मेंबर का चयन करना होगा. जिसके बाद आप उस ऑप्शन का चयन करें, जिसे ठीक करना है. जैसे DATE, NAME, ENGAGEMENT, INCOME व अन्य कोई भी गलत अपडेट, जिसके बाद आप सही जानकारी व जरूरी दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं. जिसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा. उसे सबमिट कर आपकी जानकारी तुरंत अपडेट हो सकती है और अधिकतम 10 दिन का समय भी लग सकता है.
फैमिली आईडी अलग कैसे करें?: फैमिली आईडी अलग करने के लिए करेक्शन मॉड्यूल के साथ स्प्लिट ऑप्शन दिया गया है, जिसके माध्यम से आप फैमिली आईडी अलग अलग कर सकते हैं. Spilt Option में जाने के बाद मेंबर का चयन कर ओटीपी दर्ज करें और सबमिट करें. इलेक्ट्रिसिटी बिल केवाईसी करें. फिलहाल फैमिली आईडी उन्हीं की अलग हो रही है, जिनकी केवाईसी बिजली बिल से हुई है या दो बिल कनेक्शन है.
फैमिली आईडी इनकम के आधार पर ही आपको अब बीपीएल राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड सरकारी योजना का लाभ मिलेगा. अगर आपकी फैमिली आइडी में इनकम गलत है तो आप सीएससी सेंटर से ठीक करा सकते हैं. अगर वहां पर दुरुस्त नहीं होती है, तो आपको अपने पहचान पत्र व इनकम सर्टिफिकेट के साथ एडीसी / वीडीओ ऑफिस में जाना होगा. जिसके बाद आपकी फैमिली आईडी इनकम ठीक हो सकती है. इसके अलावा योजनाओं में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकना भी काफी हद तक संभव हो सकेगा.
इसके साथ ही सरकार के पास एक आथेंटिक डिजिटल डाटा राज्य में रहने वाले परिवारों का उपलब्ध रहेगा. सरकार इस डाटा को कई योजनाओं को तैयार करने में इस्तेमाल कर सकेगी. अगर आपके परिवार में इनकम 1लाख 80 हजार से ज्यादा है या आपका परिवार पहचान पत्र नहीं बना हुआ है, तो आप बुढ़ापा पेंशन, विधवा पेंशन, लाडली, विवाह शगुन योजना और राशन आवंटन जैसी योजनाओं का लाभ नहीं ले सकेंगे. इसके साथ ही नये बीपीएल राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी व ग्रामीण), बेरोजगारी भत्ता, सक्षम योजना, सरकारी एवं निजी स्कूलों व कॉलेजों में भी अनिवार्य कर दिया गया है.
परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए फार्म सभी राशन डिपो, तहसील कार्यालयों, खंड विकास कार्यालय, गैस एजेंसी, सरकारी स्कूलों, अटल सेवा केंद्रों और सरल सेंटर से मुफ्त में लिए जा सकते हैं. फार्म में अपनी और परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी भरें और जरूरी कागज लगाकर जमा कर दें. संबंधित अधिकारी फार्म की जांच पड़ताल करेंगे.
पढ़ें: फर्जी फैमली पहचान पत्र बनाने वालों की खैर नहीं, CM ने दिए ये आदेश
सब कुछ सही मिलने पर आवेदक को स्मार्ट कार्ड के रूप में आठ अंकों की आईडी वाला परिवार पहचान पत्र मिल जाएगा. इसमें परिवार के मुखिया का नाम सबसे ऊपर होगा, जबकि बाकी के सदस्यों की जानकारी नीचे होगी. आवेदक सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अपना स्टेटस या अपने आवेदन की स्थिति आधिकारिक पोर्टल या सरल सेवा केंद्र की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी देख सकते हैं.
रजिस्ट्रेशन के समय मिला आईडी नंबर और पासवर्ड डालकर लॉग इन करने के बाद परिवार की पूरी जानकारी स्क्रीन पर दिखाई देगी. इस जानकारी को समय-समय पर अपडेट भी कराया जा सकेगा. आवेदन करते समय मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी दर्शाये गए कॉलम में अनिवार्य रूप से डालना सुनिश्चित करें, क्योंकि आवेदन की स्थिति की जानकारी आपको इसी पर भेजी जाएगी.
पीपीपी के हैं यह फायदे: इससे सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा थमेगा. सिर्फ पात्र लोगों को ही योजनाओं का लाभ मिलेगा और गलत तरीके से फायदा उठा रहे लोग अलग हो जाएंगे. सरकार के पास पूरा रिकॉर्ड रहेगा, कि किस व्यक्ति को किस योजना का लाभ मिल रहा है. योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के धक्के नहीं खाने पड़ेंगे. सॉफ्टवेयर निर्धारित आयु सीमा सहित तमाम जानकारी निकालकर लाभार्थी को उसका लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करेगा.
बुढ़ापा पेंशन सहित तमाम पेंशन परिवार पहचान पत्र के जरिये मिलेंगी. योजनाओं का लाभ लोगों को उनके दरवाजे पर मिलेगा. सरकार को पता रहेगा कि परिवार किस क्षेत्र में रहता है. हर क्षेत्र के लिए अलग कोड बनाया गया है. शहर एवं गांवों के लिए अलग कोड होगा. फैमिली आईडी इनकम के आधार पर ही आपको अब बीपीएल राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, सरकारी योजना का लाभ मिलेगा.