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रिपोर्ट: जानें क्यों किसानों को परंपरागत खेती छोड़ सब्जियों की फसल लगानी चाहिए?

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Published : Nov 7, 2019, 11:38 PM IST

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार आज सब्जियों का बाजार बढ़ता जा रहा है, लेकिन मांग के हिसाब से पैदावार अभी बहुत कम है. अगर किसान सब्जियों की खेती करें तो गेहूं-धान से भी अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. ये नकदी फसले हैं जिनकी मार्किट में बहुत मांग है.

करनाल में लगाई गई सब्जियों की प्रदर्शनी

करनाल: प्रदेश ही नहीं बल्कि आस-पास के कई राज्यों से सैकड़ों किसान आधुनिक सब्जी प्रदर्शनी को देखने पहुंचे. यहां मौसमी और बेमौसमी सब्जियों की दो दर्जन से भी अधिक किस्मों की प्रदर्शनी लगाई गई. इनमे गोभी, बैंगन, मूली, घीया से लेकर तरबूज, खरबूजा और स्वीट कॉर्न के अलावा ऐसी भी किस्मे शामिल थी जो भारत में पहली बार लांच की गई हैं.

'सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, कारोबार के लिए करें उत्पादन'
कृषि विशेषज्ञ डॉ संजय कोश्वर ने बताया की अब सब्जियां केवल पेट भरने तक के लिए नहीं होंगी बल्कि इनसे हमे बिमारियों से बचाव में भी मदद मिलेगी. सब्जी की ऐसी किस्में आज बाजार में आ रही हैं जिनमे कैल्शियम, विटामिन , प्रोटीन और सेहत के लिए जरुरी मिनरल्स मौजूद हैं. इन्हें विशेष तकनीक से तैयार किया गया है. हाइब्रिड तकनीक से तैयार पेठा है जो तीन महीने तक खराब नहीं होगा और खाने में भी बहुत स्वादिस्ट है.

इस रिपोर्ट में देखें आखिर क्यों किसानों को परंपरागत खेती छोड़ सब्जियों की फसल लगानी चाहिए?

देशी-विदेशी किस्मों के बारे में दी गई जानकारी
डॉ. शशिकांत निगरे ने बताया कि हमारा लक्ष्य किसानों को अधिक से अधिक सब्जियों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि उनका मुनाफा बढ़े. इस प्रदर्शनी में किसानों को नई तकनीक के साथ देशी-विदेशी किस्मों के बारे में जानकारी दी जा रही है जिससे वे इसका प्रयोग अपने खेतों में करें.

ये भी पढ़ें- चरखी दादरी: सरपंच ने पराली नहीं जलाने वाले किसानों को हवाई सफर करवाया

'सब्जी उत्पादन के लिए सरकार भी कर रही है मदद'
कृषि विभाग के अधिकारी गिरीश पाटिल ने कहा कि जिस प्रकार केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास कर रही है. उसके लिए सब्जियों की खेती एक उत्तम विकल्प है. इस व्यवसाय में प्रति एकड़ एक लाख से चार लाख तक मुनाफा लिया जा सकता है. सब्जियों को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित और कीटों से बचाने के लिए नेट और पोली हाउस एक बढ़िया माध्यम है.

सब्जी की खेती है फायदे का सौदा- किसान
वहीं किसानों से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस तरह की प्रदर्शनी पहली बार देखने को मिली हैं जिसमे सब्जियों की इतनी किस्मों को दिखाया गया है, इन किस्मों में बीमारी का खतरा भी कम होता है और पैदावार ज्यादा मिलती है. अगर विशेषज्ञों के बताये अनुसार खेती की जाये तो धान-गेहूं के मुकाबले अधिक आय कमा सकते हैं.

करनाल: प्रदेश ही नहीं बल्कि आस-पास के कई राज्यों से सैकड़ों किसान आधुनिक सब्जी प्रदर्शनी को देखने पहुंचे. यहां मौसमी और बेमौसमी सब्जियों की दो दर्जन से भी अधिक किस्मों की प्रदर्शनी लगाई गई. इनमे गोभी, बैंगन, मूली, घीया से लेकर तरबूज, खरबूजा और स्वीट कॉर्न के अलावा ऐसी भी किस्मे शामिल थी जो भारत में पहली बार लांच की गई हैं.

'सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, कारोबार के लिए करें उत्पादन'
कृषि विशेषज्ञ डॉ संजय कोश्वर ने बताया की अब सब्जियां केवल पेट भरने तक के लिए नहीं होंगी बल्कि इनसे हमे बिमारियों से बचाव में भी मदद मिलेगी. सब्जी की ऐसी किस्में आज बाजार में आ रही हैं जिनमे कैल्शियम, विटामिन , प्रोटीन और सेहत के लिए जरुरी मिनरल्स मौजूद हैं. इन्हें विशेष तकनीक से तैयार किया गया है. हाइब्रिड तकनीक से तैयार पेठा है जो तीन महीने तक खराब नहीं होगा और खाने में भी बहुत स्वादिस्ट है.

इस रिपोर्ट में देखें आखिर क्यों किसानों को परंपरागत खेती छोड़ सब्जियों की फसल लगानी चाहिए?

देशी-विदेशी किस्मों के बारे में दी गई जानकारी
डॉ. शशिकांत निगरे ने बताया कि हमारा लक्ष्य किसानों को अधिक से अधिक सब्जियों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि उनका मुनाफा बढ़े. इस प्रदर्शनी में किसानों को नई तकनीक के साथ देशी-विदेशी किस्मों के बारे में जानकारी दी जा रही है जिससे वे इसका प्रयोग अपने खेतों में करें.

ये भी पढ़ें- चरखी दादरी: सरपंच ने पराली नहीं जलाने वाले किसानों को हवाई सफर करवाया

'सब्जी उत्पादन के लिए सरकार भी कर रही है मदद'
कृषि विभाग के अधिकारी गिरीश पाटिल ने कहा कि जिस प्रकार केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास कर रही है. उसके लिए सब्जियों की खेती एक उत्तम विकल्प है. इस व्यवसाय में प्रति एकड़ एक लाख से चार लाख तक मुनाफा लिया जा सकता है. सब्जियों को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित और कीटों से बचाने के लिए नेट और पोली हाउस एक बढ़िया माध्यम है.

सब्जी की खेती है फायदे का सौदा- किसान
वहीं किसानों से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस तरह की प्रदर्शनी पहली बार देखने को मिली हैं जिसमे सब्जियों की इतनी किस्मों को दिखाया गया है, इन किस्मों में बीमारी का खतरा भी कम होता है और पैदावार ज्यादा मिलती है. अगर विशेषज्ञों के बताये अनुसार खेती की जाये तो धान-गेहूं के मुकाबले अधिक आय कमा सकते हैं.

Intro:सब्जी की खेती से बहुरेंगे किसानों के दिन , करनाल के रम्बा गाँव में सब्जी प्रदर्शनी में पहुंचे अनेक राज्यों के किसान , नई किस्मों से भोजन के साथ बिमारियों से भी होगा बचाव।  विदेशी और बेमौसमी सब्जियों की खेती से किसानों की आमदन होगी कई गुना।  

 
Body:समय के साथ खेती का स्वरूप भी बदल रहा है , धान , गेहूं के चक्र से निकलकर किसान अब बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं।  इसका नजारा आज करनाल के गांव रम्बा में देखने को मिला जब प्रदेश ही नहीं अपितु आस पास के अनेक राज्यों से सैंकड़ों किसान आधुनिक सब्जी प्रदर्शनी को देखने पहुंचे।  यहाँ मौसमी और बेमौसमी सब्जियों की दो दर्जन से भी अधिक किस्मों का प्रदर्शन किया गया।  इनमे गोभी , बैंगन , मूली , घीया से लेकर तरबूज , खरबूजा और स्वीट कॉर्न के अलावा ऐसी भी किस्मे शामिल थी जो भारत में पहली बार लांच की गई हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार आज सब्जियों का बाजार बढ़ता जा रहा है लेकिन मांग के हिसाब से पैदावार अभी बहुत कम है। अगर किसान सब्जियों की खेती करें तो गेहूं धान से भी अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।  ये नकदी की फैसले हैं जिनकी मार्किट में बहुत मांग है।  कृषि विशेषज्ञ डॉ संजय कोश्वर ने बताया की अब सब्जियां केवल पेट भरने तक के लिए नहीं होंगी बल्कि इनसे हमे बिमारियों से बचाव में भी मदद मिलेगी।  सब्जी की ऐसी किस्मे आज बाजार में आ रही हैं जिनमे कैल्शियम , विटामिन , प्रोटीन और सेहत के लिए जरुरी मिनरल्स मौजूद हैं। इन्हे विशेष तकनीक से तैयार किया गया है।  हाइब्रिड तकनीक से तैयार पेठा है जो तीन महीने तक खराब नहीं होगा और खाने में भी बहुत स्वादिस्ट है।  Conclusion:डॉ शशिकांत निगरे ने बताया की हमारा लक्ष्य किसानों को अधिक से अधिक सब्जियों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि उनका मुनाफा बढ़े। आज की प्रदर्शनी में किसानों को नई तकनीक के साथ देशी विदेशी किस्मों के बारे में जानकारी दी जा रही है जिससे वे इसका प्रयोग अपने खेतों में करें। आज हमारे पास ऐसी किस्मे मौजूद हैं जो बीमारी रहित और अधिक उत्पादन देने वाली हैं।  नेट हाउस जैसी तकनीक से भी सब्जियों को बिमारियों से दूर रखा जा सकता है।  वरिष्ठ अधिकारी गिरीश पाटिल ने कहा की जिस प्रकार केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास कर रही है उसके लिए सब्जियों की खेती एक उत्तम विकल्प है। इस व्यवसाय में प्रति एकड़ एक लाख से चार लाख तक मुनाफा लिया जा सकता है। सब्जियों को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित और कीटों से बचाने के लिए नेट और पोली हाउस एक बढ़िया माध्यम है।  किसानों से बातचीत में उन्होंने बताया की इस प्रकार की प्रदर्शनी पहली बार देखने को मिली हैं जिसमे सब्जियों की इतनी किस्मों को दिखाया गया है , इन किस्मों में बीमारी का खतरा भी कम होता है और पैदावार ज्यादा मिलती है। अगर विशेषज्ञों के बताये अनुसार खेती की जाये तो धान गेहूं के मुकाबले अधिक आय कमा सकते हैं।   
बाइट - 4 -किसान जगतार सिंह , बाइट - 5 -किसान जगपाल सिंह बाइट - 6 -संजय कोश्वर , कृषि विशेषज्ञ बाइट - 7 -गिरीश पाटिल , वरिष्ठ अधिकारी   
बाइट - 8 -डॉ शशिकांत निगरे 
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