करनाल: प्रदेश ही नहीं बल्कि आस-पास के कई राज्यों से सैकड़ों किसान आधुनिक सब्जी प्रदर्शनी को देखने पहुंचे. यहां मौसमी और बेमौसमी सब्जियों की दो दर्जन से भी अधिक किस्मों की प्रदर्शनी लगाई गई. इनमे गोभी, बैंगन, मूली, घीया से लेकर तरबूज, खरबूजा और स्वीट कॉर्न के अलावा ऐसी भी किस्मे शामिल थी जो भारत में पहली बार लांच की गई हैं.
'सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, कारोबार के लिए करें उत्पादन'
कृषि विशेषज्ञ डॉ संजय कोश्वर ने बताया की अब सब्जियां केवल पेट भरने तक के लिए नहीं होंगी बल्कि इनसे हमे बिमारियों से बचाव में भी मदद मिलेगी. सब्जी की ऐसी किस्में आज बाजार में आ रही हैं जिनमे कैल्शियम, विटामिन , प्रोटीन और सेहत के लिए जरुरी मिनरल्स मौजूद हैं. इन्हें विशेष तकनीक से तैयार किया गया है. हाइब्रिड तकनीक से तैयार पेठा है जो तीन महीने तक खराब नहीं होगा और खाने में भी बहुत स्वादिस्ट है.
देशी-विदेशी किस्मों के बारे में दी गई जानकारी
डॉ. शशिकांत निगरे ने बताया कि हमारा लक्ष्य किसानों को अधिक से अधिक सब्जियों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि उनका मुनाफा बढ़े. इस प्रदर्शनी में किसानों को नई तकनीक के साथ देशी-विदेशी किस्मों के बारे में जानकारी दी जा रही है जिससे वे इसका प्रयोग अपने खेतों में करें.
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'सब्जी उत्पादन के लिए सरकार भी कर रही है मदद'
कृषि विभाग के अधिकारी गिरीश पाटिल ने कहा कि जिस प्रकार केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास कर रही है. उसके लिए सब्जियों की खेती एक उत्तम विकल्प है. इस व्यवसाय में प्रति एकड़ एक लाख से चार लाख तक मुनाफा लिया जा सकता है. सब्जियों को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित और कीटों से बचाने के लिए नेट और पोली हाउस एक बढ़िया माध्यम है.
सब्जी की खेती है फायदे का सौदा- किसान
वहीं किसानों से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस तरह की प्रदर्शनी पहली बार देखने को मिली हैं जिसमे सब्जियों की इतनी किस्मों को दिखाया गया है, इन किस्मों में बीमारी का खतरा भी कम होता है और पैदावार ज्यादा मिलती है. अगर विशेषज्ञों के बताये अनुसार खेती की जाये तो धान-गेहूं के मुकाबले अधिक आय कमा सकते हैं.