करनाल: कोरोना संकट के बीच हरियाणा बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं कक्षा के कंपार्टमेंट के विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित की गई. पिछले 7 महीनों से घर पर रहकर पढ़ाई कर रहे छात्र मानसिक रूप से कितने तैयार है और परीक्षा केंद्रों में कोरोना से बचाव के लिए क्या व्यवस्था की गई है ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पर जाकर जायजा लिया.
लॉक डाउन की वजह से छात्रों की पढ़ाई पर हुआ असर
परीक्षा केंद्रों पर सपली की परीक्षा देने के लिए पहुंचे छात्र अनमोल ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई की जा रही थी लेकिन कई बार मोबाइल नेटवर्क की समस्या से जूझना पढ़ता था. जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई पर काफी असर हुआ है.
अन्य छात्रों का कहना है कि इस बार परीक्षा की तैयारी को लेकर वो मानसिक रूप से तैयार नहीं है. क्योंकि कोरोना वायरस के चलते अध्यापकों और स्कूल से संपर्क नहीं हो पाया था. जिसकी वजह से पढ़ाई का वो माहौल उन्हें नहीं मिल पाया जो स्कूल में उन्हें मिलता था. कुछ ऐसे भी बच्चे है जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है और ऐसे में उनको कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा.
परीक्षा केंद्रों पर बरती जा रही है सावधानी
हरियाणा शिक्षा बोर्ड से करनाल पहुंचे नोडल अधिकारी जगदीश ने बताया कि इस बार कोरोना वायरस की वजह से सभी को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. लॉक डाउन की वजह से छात्रों की पढ़ाई पर काफी बुरा असर तो हुआ ही है और बच्चों के भविष्य की चिंता भी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि अब इन परीक्षाओं के चलते हर संभव प्रयास किया जा रहा है की कोई भी कोरोन वायरस की चपेट में ना आए. परीक्षा केंद्रों सारे इंतजाम किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर शारीरिक दूरी और सेनिटाइजेशन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि सप्लीमेंट्री परीक्षा के लिए दसवीं कक्षा के लिए 16 केंद्र बनाए गए थे और 12वीं कक्षा के लिए 13 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं.
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