करनाल: करनाल जिले के दादूपुर गांव निवासी कुलदीप सिंह (Kuldeep Singh Dadupur Village Karnal) डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming Karnal) में 30 बार से ज्यादा इनाम जीत चुके हैं. ये इनाम उन्होंने उत्तर भारत के पशु मेलों में जीते हैं. दरअसल कुलदीप की तीन गाय 30 बार से ज्यादा अलग-अलग प्रतियोगिताओं में दूध देने में चैंपियन रह चुकी हैं. उसकी गाय का नाम एंडेवर (Endeavor Cow) है. जो राष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा दूध देने का 5 लाख रुपए इनाम जीत चुकी है. जिसने 1 दिन में 65 लीटर दूध देकर पूरे भारत में रिकॉर्ड (Endeavor cow record 62 kg milk) बनाया था.
कुलदीप की एंडेवर गाय (Endeavor Cow) रोज 65 लीटर दूध देती है. हर 3 घंटे बाद उस गाय का दूध निकालना पड़ता है. ये गाय औसतन हर घंटे ढाई लीटर से ज्यादा दूध देती है. हालांकि कुलदीप ने गाय की कीमत नहीं बताई. उन्होंने सिर्फ इतना ही बताया जो मुझे प्रतियोगिताओं में लाखों रुपये का इनाम और मान-सम्मान हर महीने अकेली गाय से से मिलता है. 60 से 65 लीटर दूध बेचने से जो मुझे आमदन हो जाती है. उसका कोई मोल नहीं है.
कुलदीप ने बीए तक की पढ़ाई की है, लेकिन उसने नौकरी करने की बजाय अपना पुश्तैनी काम पशुपालन संभाला और उसे अच्छा व्यवसाय बनाकर मिसाल पेश की. आज पूरे भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय कुलदीप के पास है. जिसने कई रिकॉर्ड दूध उत्पादन में बनाए हैं. कुलदीप का कहना है कि इस बार हमें उम्मीद है कि एंडेवर बच्चा देने के बाद 1 दिन में 100 लीटर तक दूध देगी.
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कुलदीप एंडेवर गाय को हर रोज 35 किलो साइलेज, 20 किलो हरा चारा, 12 किलो फीड, 5 किलो चने खिलाते हैं. इसके अलावा गाय को सब्जी भी खिलाते हैं. कुलदीप के पास एंडेवर से अलग चार गाय और हैं. एक गाय की एक दिन की खुराक 600 से 800 रुपये हैं. जो एक दिन में 3 क्विंटल दूध देती हैं. कुदलीप ने बताया कि ये विदेशी नस्ल के सीमन से तैयार की गई नस्ल हैं. जिसे एंडेवर काऊ कहा जाता है. होल्सटीन और फ्रीजर नस्ल की गाय का सीमन यूएसए से मंगवाया गया था, जो पोलैंड की नस्ल है. उसके बाद इस नस्ल को तैयार किया गया था.
कुलदीप के भाई ने बताया कि गाय रखने का शौक उनके पूर्वजों को भी था. एनडीआरआई करनाल का लोगों को काफी फायदा मिला है. उनके परदादा ने सबसे पहले विदेशी नस्ल को ज्यादा दूध के लिए अपने घर पर पाला था. अब उनकी चौथी पीढ़ी भी विदेशी नस्ल को पालकर उनसे दूध ले रही है. किसान कुलदीप ने कहा कि वो गाय का अपने परिवार के सदस्यों की तरह ही पालन पोषण करते हैं. उनको खुले स्थान में रखना पड़ता है. गर्मियों में 1 दिन में तीन से चार बार गाय को नहलाना पड़ता है.
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गाय के खाने का भी विशेष प्रबंध रखना पड़ता है. उनको पीने के लिए स्वच्छ और ताजा पानी देना होता है. एक बच्चे की तरह पालन पोषण करके ही हम उनसे इतना दूध ले रहे हैं. कुलदीप ने कहा कि हम दूसरे किसान भाइयों से कहते हैं कि अपना पुश्तैनी काम छोड़ कर हम शहरों की तरफ नौकरियों के लिए भाग रहे हैं, लेकिन अगर सही तरीके से हम पशु पालन करें तो हम अच्छा मुनाफा इससे ले सकते हैं. मौजूदा समय में सभी 5 गाय गर्भवती हैं. इसलिए उनका दूध निकालना फिलहाल बंद किया हुआ है.