करनाल: इन हरियाणा में गठिया के मरीज (arthritis patients in haryana) बढ़ते जा रहे हैं. गठिया और जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनिल चौहान ने बताया कि आधुनिक लाइफस्टाइल और खानपान प्रणाली सौगात में जोड़ के रोग के साथ गठिया उपहार में दे रही है. सालों पहले व्यक्ति संक्रामक बीमारियों से परेशान थे, लेकिन अब लोग लाइफस्टाइल से मिलने वाली बीमारियों से परेशान हैं.
डॉक्टर अनिल ने बताया कि सर्दियों के मौसम में गठिया के साथ जोड़ों के दर्द की शिकायत बढ़ जाती है. इससे बचने के लिए सुबह शाम 15 मिनट नियमित व्यायाम करना जरूरी है. ईटीवी भारत के बातचीत में डॉक्टर अनिल चौहान ने बताया कि वो रिम्युलोजी और क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी में इस क्षेत्र के वो अकेले चिकित्सक हैं. उन्होंने बताया कई प्रकार की गठिया बीमारी होती हैं. अब जटिल गठिया के रोगियों को दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है. क्योंकि यहीं पर उसका उपचार करवाया जा सकेगा.
डॉक्टर ने बताया कि प्राइमरी स्टेज में इस बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है. नियमित व्यायाम का अभाव, मोटापा और जंक फूड की बहूतायत में प्रयोग गठिया और जोड़ों से संबंधित बीमारियों के कारण बनते हैं. उन्होंने बताया कि व्यायाम ना करने और ज्यादा तला भुना खाने का असर शरीर के इम्यून सिस्टम पर पड़ता है. जिसके कारण अलग-अलग प्रकार की गठिया की बीमारी हो जाती है. इसका उपचार इम्यून सिस्टम को रिसेसिव करके किया जाता है.
डॉक्टर ने बताय कि उनके पास हर 10 दिन में 8 महिलाएं गठिया और जोड़ो के दर्द की शिकायत (arthritis patients in haryana) लेकर आती हैं. 45 साल की उम्र के बाद महिलाओं में गठिया की शिकायत रहती है. जिससे बचने के लिए पोस्टिक आहार का प्रयोग करना चाहिए. उन्होंने बताया कि पिछले 15 सालों में रूमेटोलॉजी से संबंधित बीमारियां अधिक बढ़ी हैं. इसका उपचार करना जरूरी है.
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