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कब होगी करनाल शहर में डेयरी शिफ्टिंग योजना पूरी? शहर को आज भी इंतजार...

करनाल शहर में डेयरी शिफ्टिंग का मामला एक बार फिर उठने लगा है. डेयरी शिफ्टिंग की योजना काफी समय पहले बनाई गई थी लेकिन उसको अमल में नहीं लाया जा सका. अब एक बार फिर नगर निगम ने डेयरी शिफ्टिंग को लेकर बैठक की है. वहीं करनाल में बढ़ती डेयरियों से शहर में गंदगी भी बहुत बढ़ गई है.

डेयरी शिफ्टिंग योजना
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Published : Jun 17, 2019, 6:41 PM IST

करनाल: सीएम सिटी में डेयरी शिफ्टिंग के लिए किए जा रहे दावे 10 साल बाद भी पूरे नहीं हो पाए. हर बार समय सीमा भी तय की गई लेकिन योजना सिरे चढ़ने का नाम नहीं ले रही है. अधिकारी एड़ी-चोटी का जोर लगाकर हार चुके हैं. बता दें कि डेयरी शिफ्टिंग सिटी का महत्वकांशी प्रोजेक्ट है.

शहर में स्थापित डेयरियों को स्थानांतरित करने के लिए कई बार योजनाएं तो बनाई गईं लेकिन हर बार यह कागजों तक सिमट कर ही रह गई. हाल ही में हुई नगर निगम की हाउस मीटिंग में भी इस मामले को लेकर चर्चा की गई, लेकिन देखना यह होगा कि इस मामले में कब पूर्ण रूप से कार्रवाई हो पाती है.

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डेयरी संचालक गुरु पाल नरवाल ने बताया कि पिछले 10 सालों से अभी तक इस योजना पर कोई भी काम नहीं हुआ है. जब इस योजना का मुद्दा उठा था तो गांव पिंगली रोड पर डेयरियों को शिफ्ट करने की बात चली थी. उसके साथ-साथ रोड को डबल, सड़कों पर लाइट, पशु चिकित्सालय जैसी सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन इस प्रकार का अभी तक कोई भी प्रबन्ध नहीं हुआ है.

वहीं मेयर रेनू बाला गुप्ता का कहना है कि 2009 और 2011 में डेयरियों के लिए करनाल के पिंगली रोड पर प्लाटों को काटा गया था, जिसके बाद यह पता चला कि वह जगह डेयरियों के लिए पर्याप्त नहीं हो पाएगी और उसी समय से ये योजना लंबित पड़ी है. उन्होंने कहा कि इस योजना को लेकर अब हाउस मीटिंग की गई है और जल्द की योजना अमल में लाई जाएगी.

करनाल: सीएम सिटी में डेयरी शिफ्टिंग के लिए किए जा रहे दावे 10 साल बाद भी पूरे नहीं हो पाए. हर बार समय सीमा भी तय की गई लेकिन योजना सिरे चढ़ने का नाम नहीं ले रही है. अधिकारी एड़ी-चोटी का जोर लगाकर हार चुके हैं. बता दें कि डेयरी शिफ्टिंग सिटी का महत्वकांशी प्रोजेक्ट है.

शहर में स्थापित डेयरियों को स्थानांतरित करने के लिए कई बार योजनाएं तो बनाई गईं लेकिन हर बार यह कागजों तक सिमट कर ही रह गई. हाल ही में हुई नगर निगम की हाउस मीटिंग में भी इस मामले को लेकर चर्चा की गई, लेकिन देखना यह होगा कि इस मामले में कब पूर्ण रूप से कार्रवाई हो पाती है.

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डेयरी संचालक गुरु पाल नरवाल ने बताया कि पिछले 10 सालों से अभी तक इस योजना पर कोई भी काम नहीं हुआ है. जब इस योजना का मुद्दा उठा था तो गांव पिंगली रोड पर डेयरियों को शिफ्ट करने की बात चली थी. उसके साथ-साथ रोड को डबल, सड़कों पर लाइट, पशु चिकित्सालय जैसी सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन इस प्रकार का अभी तक कोई भी प्रबन्ध नहीं हुआ है.

वहीं मेयर रेनू बाला गुप्ता का कहना है कि 2009 और 2011 में डेयरियों के लिए करनाल के पिंगली रोड पर प्लाटों को काटा गया था, जिसके बाद यह पता चला कि वह जगह डेयरियों के लिए पर्याप्त नहीं हो पाएगी और उसी समय से ये योजना लंबित पड़ी है. उन्होंने कहा कि इस योजना को लेकर अब हाउस मीटिंग की गई है और जल्द की योजना अमल में लाई जाएगी.

Intro:स्मार्ट सिटी करनाल को ग्रहण लगाती शहर के अंदर चल रही दूध की डेरिया, सीएम सिटी के महत्वाकांशी प्रोजेक्ट डेयरी शिफ्टिंग अधर में लटका , शहर में स्थापित डेयरियों को स्थानांतरित करने के लिए कई बार बनी योजनाएं ,लेकिन हर बार यह कागजों तक रह गई सिमटकर,


Body:सीएम सिटी करनाल से डेयरी शिफ्टिंग के लिए किए जा रहे दावे 10 साल बाद भी पूरे नहीं हो पाए । हर बार समय सीमा भी तय की गई लेकिन योजना है के सिरे चढ़ने का नाम ही नहीं ले रही है । अधिकारी एड़ी चोटी का जोर लगाकर हार चुके हैं ।जी हां हम बात कर रहे हैं सीएम सिटी के महत्व कांशी प्रोजेक्ट डेयरी शिफ्टिंग की । शहर में स्थापित डेयरियों को स्थानांतरित करने के लिए कई बार योजनाएं तो बनाई गई लेकिन हर बार यह कागजों तक सिमट कर ही रह गई । हाल ही में हुई नगर निगम की हाउस मीटिंग में भी इस मामले को लेकर चर्चा की गई लेकिन देखना यह होगा कि इस मामले में कब पूर्ण रूप से कार्यवाही हो पाती है । शहर में डेयरियों से आजादी अभी तक मिलती दिखाई नहीं दे रही है पूर्व नगर निगम आयुक्त सुमेधा कटारिया ने प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए तेजी से कदम बढ़ाए तो लोगों में उम्मीद जागी थी ,लेकिन उन के जाने के बाद यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चल गया ।



Conclusion:
वीओ - डेयरी संचालक गुरु पाल नरवाल ने बताया कि पिछले 10 सालों से अभी तक इस योजना पर कोई भी काम नहीं हुआ है । जब इस योजना का मुद्दा उठा था तो करनाल के गांव पिंगली रोड पर डेयरियों को शिफ्ट करने की बात चली थी उसके साथ साथ रोड को डबल,सड़को पर लाइट,पशु चिकित्सआलय,आदि की व्यवस्था की जाएगी ,लेकिन इस प्रकार का अभी तक कोई भी प्रबन्ध नही हुआ है ।पिछली सरकार के साथ साथ यह वाली सरकार भी इस योजना को सफल बनाने में नकारा साबित हुई है । जब तक शहर में डेयरियां चलती रहेगी तब तक शहर में गंदगी पनपती रहेगी,और सी एम सिटी करनाल स्मार्ट सिटी कैसे बन पाएगा,यह एक सोचनीय बिषय है ।

वीओ - वहीं मेयर रेनू बाला गुप्ता का कहना है कि 2009 और 2011 में डेयरीयों के लिए करनाल के पिंगली रोड पर प्लाटों को काटा गया था, जिसके बाद यह पता चला कि वह जगह डेयरियों के लिए पर्याप्त नहीं हो पाएगी , बाद से यह योजना लंबित पड़ी रही। लेकिन अब हाउस की मीटिंग के बाद इस एजेंडे पर काम किया जाएगा और जल्द ही डेयरियों को शिफ्ट करने का काम शुरू होगा ।

बाईट - रेणु बाला गुप्ता - मेयर

बाईट - गुरूपाल - डेयरी संचालक
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