करनाल: जैसे ही 21वीं सदी की दुनिया को लॉकडाउन किया गया, सबकुछ थम सा गया. गलियां और सड़कें सुनसान हो गई. बाजार वीरान से लगने लगे. अब लॉकडाउन में भले ही छूट मिल गई हो, लेकिन इसने सबकुछ बदल दिया है. लोगों की दिनचर्या से लेकर काम करने का ढंग सब बदल गया है. बात करनाल की करें तो यहां लोगों ने खुद को फिट और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अपनी सवारी को मोटर साइकिल और गाड़ी से साइकिल पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है.
लॉकडाउन के बाद करनाल में साइकिल की डिमांड भी बढ़ी है. अपनी जरूरत और पॉकेट के हिसाब से लोग 4 हजार की सिंपल साइकिल से लेकर 40 हजार तक की स्पोर्ट साइकिल तक खरीद रहे हैं. लोगों का मानना है कि इससे हम स्वस्थ तो रहेंगे ही साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी.
कोविड-19 की वजह से शहर के सभी जिम बंद हैं. जिसकी वजह से खुद को फिट रखने का एकमात्र साधन अब साइकिल बचा है. युवाओं में स्पोर्ट साइकिल का क्रेज बढ़ रहा है. साइकिलिस्ट शिव सिंगला ने कहा कि एक तो साइकिलिंग से शरीर में इम्यून सिस्टम बढ़ेगा और दूसरा पर्यावरण को बचाया जा सकेगा.
उन्होंने बताया कि हमने साइकिलिंग का शौक रखने वाले लोगों का ग्रुप भी बनाया है. जिसमें 10 साल की उम्र के छोटे बच्चे से लेकर 75 साल की उम्र तक के बुजुर्ग भी शामिल हैं. शिव सिंगला ने कहा कि फिट रहने के लिए वो रोजाना सुबह-शाम 10 से 15 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं.
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जयपाल नाम के शख्स का मानना है कि साइकिलिंग से शरीर मजबूत होता है. जब हम साइकिल चलाते हैं तो फेफड़ों में ऑक्सीजन की पंपिंग ज्यादा होती है. इससे मिलने वाली एनर्जी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ज्यादा असरदार होगी. क्योंकि कोरोना से लड़ने के लिए इम्यून पावर स्ट्रांग होना जरूरी है. करनाल में बच्चे भी बुजुर्गों के साथ साइकिल चलाकर खुद को फिट रखने की कोशिश कर रहे हैं. ये सभी ने साइकिल चलाओ, इम्युनिटी बढ़ाओ और पर्यावरण बचाओं का संदेश दिया.