करनाल: रविवार को करनाल में प्रदेश भर के लिपिक कर्मचारियों ने जमकर बवाल किया. कर्मचारी रविवार सुबह सेक्टर 12 पार्क में इकट्ठा हुए और वहां पर करीब 3 घंटे सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद कर्मचारियों ने सीएम आवास के घेराव की रणनीति बनाई. इसके बाद सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी सीएम आवास के घेराव के लिए निकल पड़े. कर्मचारियों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने सीएम आवास से पहले बेरिकेड्स लगाए हुए थे.
जब पुलिसकर्मियों ने कर्मचारियों को बैरिकेड्स लगाकर रोका, तो सभी कर्मचारी भीषण गर्मी में सड़क पर ही बैठे गए और न्यूनतम वेतनमान 35400 करने की मांग की. अंबेडकर चौक पर कर्मचारी करीब 15 मिनट तक बैठे रहे. जिसके बाद करनाल की मेयर रेनू बाला मौके पर पहुंची और कर्मचारियों की मांगों का ज्ञापन लिया. मेयर ने लिपिकों से कहा कि उनकी मांगें सरकार तक जरूर पहुंचाई जाएंगी. कर्मचारियों के मुताबिक हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता है.
क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के महासचिव कर्ण सिंह ने बताया कि लिपिक वर्ग किसी भी सरकार, विभाग में रीढ़ की हड्डी के रूप में काम करता है. बावजूद इसके उनको सम्मानजनक वेतन नहीं दिया जा रहा. लिपिक वर्ग ने क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी का गठन करके लोकतांत्रिक व संवैधानिक तरीके से अपनी आवाज उठाई, लेकिन जिला प्रशासन से लेकर सरकार तक ने उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया. जिसके बाद वो प्रदर्शन को मजबूर हुए.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी किसी भी पद का वेतनमान निर्धारण करने के लिए दस बिंदु की गाइडलाइन जारी की है, जिसे भारतवर्ष में सभी राज्यों की सरकारों ने माना है, परंतु हरियाणा सरकार ने लिपिक वर्ग के लिए इन दस बिंदुओं का क्रियान्वयन नहीं किया. CAWS के राज्य प्रधान विक्रांत तंवर कहा कि सरकार द्वारा सभी लिपिकों का न्यूनतम वेतनमान 19900 (एफपीएल-2) की कैटेगरी में रखा गया है, जबकि ये लोग 35400 एफपीएल-6 की सम्मानजनक मांग कर रहे हैं.