करनाल: हरियाणा में रिश्वतखोर आईएएस जयवीर आर्य को जेल भेज दिया गया है. इस मामले में राज्य ब्यूरो चौकसी की टीम ने अब तक दो गिरफ्तारी की है. देहरादून से जुड़े मामले को लेकर (ACB) ने अभी कोई खुलासा नहीं किया है. आईएएस ऑफिसर जयवीर आर्य की रविवार को रिमांड अवधि खत्म हो गई थी. जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया गया है. इस मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित की गई है.
रिश्वत के लिए डिमांड की गई तीन लाख रुपये की राशि भी पुलिस की टीम ने बरामद कर ली है. राज्य ब्यूरो चौकसी करनाल की टीम ने अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी. इंस्पेक्टर सचिन ने बताया कि इस मामले में अब तक दो गिरफ्तारी की गई हैं. जिन्हें रिमांड के बाद आज जेल भेज दिया गया है. राज्य ब्यूरो चौकसी की टीम रिमांड के दौरान IAS जयदीप आर्य को लेकर देहरादून भी पहुंची थी. वहां भी जयदीप के खिलाफ काफी सबूत मिले हैं.
उन्होंने कहा कि टीम द्वारा इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है उत्तराखंड में उन्हें क्या सबूत मिले हैं, जबकि पहले बात सामने आ रही थी कि रिश्वत के 2 लाख रुपये देहरादून के किसी होटल से बरामद करने थे, लेकिन टीम का कहना है कि IAS ने पहले 5 लाख रुपये की डिमांड की थी, लेकिन बाद में 3 लाख रुपये में डील हो गई थी. वहीं 3 लाख रुपये मौके पर टीम द्वारा बरामद किए गए हैं.
गौरतलब है कि राज्य ब्यूरो चौकसी टीम द्वारा हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के एमडी IAS जयवीर आर्य को बीती 11 अक्टूबर को पंचकूला से गिरफ्तार किया था. इस मामले में बीच की भूमिका विभाग के ही एक जिला प्रबंधक ने निभाई थी. IAS को पकड़ने के लिए वेयर हाउसिंग में जिला प्रबंधक (DM) पद पर तैनात रिंकू हुड्डा से तैनाती के बदले IAS ने रिश्वत मांगी थी. इस पर उसके पति ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो में दी.
ACB ने एक आरोपी को हिरासत में लिया. इसके बाद में MD जयवीर को फोन कराया गया. इसके बाद जयवीर को कहा गया कि आपने जो डिमांड की थी, वो सामान आ गया है. इस रिश्वत केस में IAS जयवीर सिंह के अलावा निजी व्यक्ति मनीष शर्मा, हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन पानीपत के संदीप घनघस और कॉनफेड के जनरल मैनेजर राजेश बंसल के खिलाफ ACB ने ट्रांसफर-पोस्टिंग में रिश्वत लिए जाने का केस दर्ज किया है. ACB ने तीनों के खिलाफ 7, 7A PC Act & 120B, 384 IPC धाराओं में पंचकूला में एफआईआर दर्ज की थी. इस मामले में IAS और मनीष शर्मा पहले गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि जिला प्रबंधक अभी फरार चल रहे हैं.